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सारण: दिवंगत वशिष्ठ नारायण सिंह को भारत रत्न देने की मांग ने पकड़ा जोर

कुलपति ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय से लेकर अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय तक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान गणितज्ञ अपनी थ्योरी को लेकर दुनिया भर में चर्चा में रहे. वहीं, केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से आज तक एक भी सम्मान न मिलना उपेक्षा दर्शाता है.

महान गणितज्ञ को भारत रत्न देने की उठी मांग
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Published : Nov 16, 2019, 6:37 PM IST

सारण: देश के महान गणितज्ञ दिवंगत वशिष्ठ नारायण सिंह को शिक्षाविद, बुद्धिजीवी और राजनेताओं की ओर से भारत रत्न देने की मांग की जा रही है. साथ ही उनके नाम पर पटना विश्वविद्यालय और दिल्ली में शोध संस्थान की स्थापना की मांग भी जोर पकड़ने लगी है.

सारण
प्रो हरिकेश सिंह, कुलपति, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा

गणितज्ञ को भारत रत्न देने की मांग
गौरतलब है कि आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत को चुनौती देने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी महान गणितज्ञ को राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई सम्मान नहीं दिया गया है. वहीं, अब मरणोपरांत गणितज्ञ को भारत रत्न देने की मांग जोड़ पकड़ रही है. बता दें कि जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. डॉ. हरिकेश सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि इतने बड़े शख्सियत को देश का सर्वोच्च सम्मान मिलना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

महान गणितज्ञ को भारत रत्न देने की उठी मांग

'दुनिया भर में चर्चा में रहे गणितज्ञ'
कुलपति ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय से लेकर अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय तक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान गणितज्ञ अपनी थ्योरी को लेकर दुनिया भर में चर्चा में रहे. वहीं, केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से आज तक एक भी सम्मान न मिलना उपेक्षा दर्शाता है. इतना ही नहीं गणितज्ञ को बीमारी में भी कोई देखने नहीं आया और पीएमसीएच में मरणोपरांत उनके शव को एक एम्बुलेंस तक के लिए घंटो इंतजार करना पड़ा. साथ ही उन्होंने कहा कि देर आए-दुरुस्त आए वाली कहावत चरितार्थ साबित हो सकती है, जब उन्हें देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न मिल जाता है. भारत रत्न सम्मान ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

सारण: देश के महान गणितज्ञ दिवंगत वशिष्ठ नारायण सिंह को शिक्षाविद, बुद्धिजीवी और राजनेताओं की ओर से भारत रत्न देने की मांग की जा रही है. साथ ही उनके नाम पर पटना विश्वविद्यालय और दिल्ली में शोध संस्थान की स्थापना की मांग भी जोर पकड़ने लगी है.

सारण
प्रो हरिकेश सिंह, कुलपति, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा

गणितज्ञ को भारत रत्न देने की मांग
गौरतलब है कि आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत को चुनौती देने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी महान गणितज्ञ को राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई सम्मान नहीं दिया गया है. वहीं, अब मरणोपरांत गणितज्ञ को भारत रत्न देने की मांग जोड़ पकड़ रही है. बता दें कि जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. डॉ. हरिकेश सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि इतने बड़े शख्सियत को देश का सर्वोच्च सम्मान मिलना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

महान गणितज्ञ को भारत रत्न देने की उठी मांग

'दुनिया भर में चर्चा में रहे गणितज्ञ'
कुलपति ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय से लेकर अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय तक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान गणितज्ञ अपनी थ्योरी को लेकर दुनिया भर में चर्चा में रहे. वहीं, केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से आज तक एक भी सम्मान न मिलना उपेक्षा दर्शाता है. इतना ही नहीं गणितज्ञ को बीमारी में भी कोई देखने नहीं आया और पीएमसीएच में मरणोपरांत उनके शव को एक एम्बुलेंस तक के लिए घंटो इंतजार करना पड़ा. साथ ही उन्होंने कहा कि देर आए-दुरुस्त आए वाली कहावत चरितार्थ साबित हो सकती है, जब उन्हें देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न मिल जाता है. भारत रत्न सम्मान ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

Intro:FOR SPECIAL & EXCLUSIVE INTERVIEW
SLUG:-DEMAND FOR BHARAT RATNA TO GREAT MATHEMATICIAN
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR


Anchor:-देश के महान गणितज्ञ व बिहार के विभूति माने जाने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह की मृत्यु के बाद शिक्षाविद, बुद्धिजीवी व राजनेताओं द्वारा उन्हें भारत रत्न देने की मांग की जा रही हैं साथ ही उनके नाम पर पटना विश्वविद्यालय व दिल्ली में शोध संस्थान की भी स्थापना करने की मांग जोड़ पकड़ने लगी हैं.

गणित का यह हीरा जिसे हमने खो दिया जिसकी चमक बिहार से निकल कर देश के उच्च शिक्षण संस्थान कहे जाने वाले आइआइटी से लेकर अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय तक रही हैं साथ ही आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत को चुनौती देने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी को राज्य सरकार द्वारा अभी तक किसी भी तरह की कोई सम्मान नही दिया गया हैं वही मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग जोड़ पकड़ रही हैं. विगत दिनों जब वशिष्ठ नारायण सिंह बीमार पड़े थे तो उसी समय उनके परिजनों ने इच्छा ब्यक्त करते हुए कहा था कि इनके जीवनकाल में ही कोई सम्मान मिलता तो अच्छा रहता लेकिन सरकार द्वारा नही दी गई थी.



Body:जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो.डॉ हरिकेश सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि इतने बड़े शक्सियत के जिन्दगी में कोई सम्मान तो नहीं मिला लेकिन मरणोपरांत देश का सर्वोच्च सम्मान मिलता है तो यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

कुलपति ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय से लेकर अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय तक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान गणितज्ञ जिनकी थ्योरी को लेकर दुनिया भर में चर्चा में रहे मगर बिहार के लाल को यहां के लोगो ने ही भूला दिया हैं, आज तक एक भी सम्मान राज्य सरकार या केन्द्र सरकार द्वारा नहीं दिया गया. इतना ही नही बल्कि जब बिमार पड़े थे तो उन्हें देखने तक कोई नही आया था और पीएमसीएच में मरणोपरांत उनके शव को ले जाने के लिए एक एम्बुलेंस के लिए घंटो इंतजार करना पड़ा था.

Byte:-प्रो हरिकेश सिंह, कुलपति, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा
धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, ईटीवी भारत, सारण




Conclusion:देर आये दुरूस्त आये वाली कहावत चरितार्थ साबित हो सकती है जब उन्हें देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न मिल जाता हैं, तभी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. अब देखना यह होगा कि देश ने महान गणितज्ञ को खोने के बाद यह सम्मान दे पाती हैं या नही.

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