सारण: बिहार के सारण जिले के मांझी के मुबारकपुर में मृतक अमितेश कुमार सिंह का शव पहुंचते ही कोहराम (Crime in Chapra) मच गया. शव पहुंचते ही परिजनों के साथ-साथ ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पुलिस को वापस लौटने की मांग करने लगे. हालांकि सदर एसडीपीओ एमपी सिंह के नेतृत्व में पांच घण्टे तक पुलिस मृतक के दरवाजे पर जमी रही. परिजन आरोपी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव को गिरफ्तार करने तथा एसपी को बुलाने की मांग कर रहे थे.
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परिजनों ने काटा बवाल : हालांकि सदर एसडीओ अरुण कुमार के मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने-बुझाने के बाद परिजन शांत हो गए. मृतक के घरवालों ने वरीय पदाधिकारियों से मामले का अनुसंधान सदर एसडीपीओ से कराने की मांग की. इसके साथ ही मांझी थाना परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने तथा दर्ज प्राथमिकी में मुखिया आरती देवी का नाम शामिल किये जाने की मांग कर रहे थे.
मृतक के परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप : मृतक के पिता जयप्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि मुखिया प्रतिनिधि और उसके समर्थक कमरे में बन्द कर मेरे लड़के को मारते-पीटते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी रही. बताते चलें कि गुरुवार यानी 2 फरवरी की शाम स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के मुर्गा फार्म पर कथित रूप से फायरिंग करने के बाद में मुखिया समर्थकों द्वारा कमरे में तीन युवको को बन्द कर पिटाई की गई थी. जिसमें मुबारकपुर निवासी अमितेश कुमार सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके अलावे बुरी तरह जख्मी राहुल कुमार सिंह तथा विक्की कुमार सिंह की हातल नाजुक है
मुखिया प्रतिनिधि पर लगा हत्या का आरोप : मिली जानकारी के अनुसार मृतक के पिता के बयान पर मांझी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. दर्ज प्राथमिकी में पांच नामजद तथा 50 अज्ञात को आरोपित किया गया है. दर्ज प्राथमिकी में यह कहा गया है कि मुखिया पति विजय यादव द्वारा एक साजिश के तहत सिधरिया टोला स्थित अपने मुर्गा फार्म पर बुलाकर तीनों युवकों की बेरहमी से पिटाई कराई गई. जिसमें अमितेश कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई.
2 युवकों की हालत नाजुक : मृतक के परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्री भी है. उधर पुलिस पदाधिकारियों ने घटना स्थल पर भी पहुंचकर लोगों से पूछताछ की. मृतक के दरवाजे पर गांव के लोगों के अलावा पूर्व उप प्रमुख रामकृष्ण सिंह, पूर्व मुखिया विजय सिंह, सुरेन्द्र कुमार सिंह तथा जदयू नेता निरंजन सिंह आदि भी आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने में जुटे रहे.