छपरा: बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination In Bihar) तेजी से चल रहा है. इसकी रफ्तार इतनी तेज है कि छपरा का स्वास्थ्य विभाग मुर्दों का भी वैक्सीनेशन कर दे रहा है. हैरान न हों, स्वास्थ्य विभाग बाकायदा मृतक आत्मा का वेरिफिकेशन भी करके आता है. घरवालों को हैरानी तब होती है जब उनके मोबाइल पर मृतकों के वैक्सीनेशन का मैसेज ( Second dose of corona vaccine ) आता है.
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ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है छपरा के हरिमोहन गली में रहने वाले एक पत्रकार के साथ. 26 अप्रैल 2021 को छपरा सदर अस्पताल में जिस बुजुर्ग महिला ने पहला डोज लिया, उसकी 16 सितंबर को बीमारी के चलते मौत हो गई. दाह संस्कार और सभी क्रिया कर्म भी पूरे हो गए. लेकिन 9 दिसंबर को छपरा के स्वास्थ्य विभाग ने मृत महिला को ढूंढकर कोरोना का टीका लगा ( Vaccine Given To Dead Woman In Chapra ) दिया. कोविन पोर्टल पर उनके टीका लगाने का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया. परिवार वाले ये सब देखकर हैरान हैं. उन्होंने जब स्वास्थ्य विभाग तक पूरी जानकारी पहुंचाई तो स्वास्थ्य महकमे को सांप सूंघ गया.
सवाल इस बात का है कि क्या देश में 100+ करोड़ के टीकाकरण का जो आंकड़ा दिया जा रहा है वो ऐसे ही लोगों को वैक्सीनेशन लगाकर दिया जा रहा है? इस मामले के सामने आने के बाद छपरा के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. स्वास्थ्य कर्मियों को कोई जवाब देते नहीं बन रहा है कि आखिर मृत महिला का किसने वैक्सीनेशन किया? पूरे मामले पर जांच का पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है.
बिहार में मृतक को कोरोना वैक्सीनेशन का ये कोई पहला मामला नहीं है. बिहार में कभी मुर्दे रंगदारी मांगते हुए दिखते हैं, तो कभी मुर्दे यहां मनरेगा की मजदूरी करते हैं. यही नहीं बिहार के मुर्दे इतने मुफ्तखोर हो गए हैं कि ये मरने के बाद भी PDS का राशन डकार जाते हैं. हद तब हो जाती है जब यहां के रजिस्ट्रेशन ऑफिस में जमीन की रजिस्ट्री कराने भी मुर्दे पहुंच जाते हैं. इसे लापरवाही नहीं कहें तो क्या कहें?
अब देखना है कि इस मुद्दे पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्या जवाब आता है? क्योंकि प्रशासन वैरिफिकेशन के बाद ही कोरोना का टीका लगाने का दावा करता है? फिर मृत महिला कौशल्या देवी को कोरोना का टीका किसने लगाया? इसका जवाब छपरा प्रशासन को देना होगा. ये स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही है.
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