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छपरा: जमींदारी बांध टूटने से हजारों एकड़ में खड़ी फसल नष्ट - सारण न्यूज

घोघारी नदी पर रसौली गांव में बना जमींदारी बांध टूट गया है. रसौली एवं बकवा पंचायत के गांव में बांध का पानी फैलने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई है. पढ़ें पूरी खबर...

जमींदारी बांध टूटने से कई गांवों में घुसा पानी
जमींदारी बांध टूटने से कई गांवों में घुसा पानी
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Published : Jun 30, 2021, 12:16 PM IST

सारण: पानापुर-मशरक प्रखंड ( Mashrak Block ) के सीमा से गुजरनेवाली घोघारी नदी ( Ghoghari River ) पर रसौली गांव ( Rasoli Village ) में बना जमींदारी बांध टूट गया है. बांध अत्याधिक पानी का दबाव सह नहीं सका और ध्वस्त हो गया. जमींदारी बांध टूटते ही घोघारी नदी का पानी तेजी से रसौली एवं बकवा पंचायत के गांवों में फैलने लगा है.

ये भी पढ़ें- गंडक छोड़ बिहार की सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे, कोसी से मुश्किलें बढ़ने की संभावना

रसौली एवं बकवा पंचायत के गांवों में पानी फैलनेे से लोगों में अफरातफरी मच गई. रसौली, धनौती, बकवा, पानापुर आदि गांवों के निचले इलाकों में लगे धान के बिचड़े सहित अन्य फसलें पिछले दो सप्ताह से हो रही बारिश के कारण पहले ही डूबी थी. वहीं जमींदारी बांध के टूटने के कारण ऊंचे स्थानों पर लगी फसलों के डूबने का भी अंदेशा हो चला है.

बांध टूटने से कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद
बांध टूटने से कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद

ग्रामीण लगातार हो रही बारिश एवं जून माह में ही उफनाई घोघारी नदी की भयावहता से आनेवाले दिनों को लेकर अभी से ही सशंकित हैं. ग्रामीणों ने बताया कि चंवर में पानी तेजी से फैल रहा है जिससे अब मवेशियों के लिए चारे की समस्या भी उत्पन्न हो जाएगी. संभावित बाढ़ की आशंका से निचले इलाकों में बसे ग्रामीण अब विस्थापन की तैयारी में जुटे हैं.

ये भी पढ़ें- सारण: जलस्तर में कमी होते ही पानपुर में तेजी से कटाव कर रही गंडक नदी

जमींदारी बांध से खतरा
जमींदारी बांध जानलेवा साबित हो रहा है. रसौली गांव के ग्रामीणों ने बताया कि चंवर में कृषि कार्य को गति देने एवं रिहायशी इलाकों से जलनिकासी के लिए जमींदारी बांध का निर्माण हुआ था लेकिन विगत के वर्षों से यह किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. गत वर्ष भी जमींदारी बांध ध्वस्त हो गया था, जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें जलमग्न हो गयी थी.

बांध टूटने से कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद
बांध टूटने से कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद

ग्रामीणों के अनुसार, जमींदारी बांध की मरम्मती के लिए स्थानीय सांसद, विधायक एवं मुखिया से कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन इसकी मरम्मती नहीं हो पायी. स्थानीय स्तर पर बांध की मरम्मती करायी गयी थी, जो नाकाफी साबित हुई.

ये भी पढ़ें- बाढ़ प्रभावित जिलों में स्थापित होगा अस्थाई नौका थाना: ADG जितेंद्र कुमार

SDO ने बांध का किया निरीक्षण
हर साल घोघारी नदी का कहर झेल रहे ग्रामीण जमींदारी बांध की उपेक्षा से काफी आक्रोशित हैं. बांध टूटने की खबर मिलते ही एसडीओ मढ़ौरा विनोद कुमार तिवारी, पानापुर बीडीओ मो. सज्जाद, सीओ रणधीर प्रसाद रसौली पहुंचे एवं बांध का निरीक्षण किया.

'जल संसाधन विभाग को बांध टूटने की सूचना दे दी गयी है, बहुत जल्द इसकी मरम्मती कर दी जाएगी' - विनोद कुमार तिवारी, एसडीओ मढ़ौरा

सारण: पानापुर-मशरक प्रखंड ( Mashrak Block ) के सीमा से गुजरनेवाली घोघारी नदी ( Ghoghari River ) पर रसौली गांव ( Rasoli Village ) में बना जमींदारी बांध टूट गया है. बांध अत्याधिक पानी का दबाव सह नहीं सका और ध्वस्त हो गया. जमींदारी बांध टूटते ही घोघारी नदी का पानी तेजी से रसौली एवं बकवा पंचायत के गांवों में फैलने लगा है.

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रसौली एवं बकवा पंचायत के गांवों में पानी फैलनेे से लोगों में अफरातफरी मच गई. रसौली, धनौती, बकवा, पानापुर आदि गांवों के निचले इलाकों में लगे धान के बिचड़े सहित अन्य फसलें पिछले दो सप्ताह से हो रही बारिश के कारण पहले ही डूबी थी. वहीं जमींदारी बांध के टूटने के कारण ऊंचे स्थानों पर लगी फसलों के डूबने का भी अंदेशा हो चला है.

बांध टूटने से कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद
बांध टूटने से कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद

ग्रामीण लगातार हो रही बारिश एवं जून माह में ही उफनाई घोघारी नदी की भयावहता से आनेवाले दिनों को लेकर अभी से ही सशंकित हैं. ग्रामीणों ने बताया कि चंवर में पानी तेजी से फैल रहा है जिससे अब मवेशियों के लिए चारे की समस्या भी उत्पन्न हो जाएगी. संभावित बाढ़ की आशंका से निचले इलाकों में बसे ग्रामीण अब विस्थापन की तैयारी में जुटे हैं.

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जमींदारी बांध से खतरा
जमींदारी बांध जानलेवा साबित हो रहा है. रसौली गांव के ग्रामीणों ने बताया कि चंवर में कृषि कार्य को गति देने एवं रिहायशी इलाकों से जलनिकासी के लिए जमींदारी बांध का निर्माण हुआ था लेकिन विगत के वर्षों से यह किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. गत वर्ष भी जमींदारी बांध ध्वस्त हो गया था, जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें जलमग्न हो गयी थी.

बांध टूटने से कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद
बांध टूटने से कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद

ग्रामीणों के अनुसार, जमींदारी बांध की मरम्मती के लिए स्थानीय सांसद, विधायक एवं मुखिया से कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन इसकी मरम्मती नहीं हो पायी. स्थानीय स्तर पर बांध की मरम्मती करायी गयी थी, जो नाकाफी साबित हुई.

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SDO ने बांध का किया निरीक्षण
हर साल घोघारी नदी का कहर झेल रहे ग्रामीण जमींदारी बांध की उपेक्षा से काफी आक्रोशित हैं. बांध टूटने की खबर मिलते ही एसडीओ मढ़ौरा विनोद कुमार तिवारी, पानापुर बीडीओ मो. सज्जाद, सीओ रणधीर प्रसाद रसौली पहुंचे एवं बांध का निरीक्षण किया.

'जल संसाधन विभाग को बांध टूटने की सूचना दे दी गयी है, बहुत जल्द इसकी मरम्मती कर दी जाएगी' - विनोद कुमार तिवारी, एसडीओ मढ़ौरा

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