छपरा: चीन में फैले कोरोना वायरस का छपरा में मरीज मिलने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. चीन से लौटी छपरा की शोध छात्रा में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं. इसको लेकर उन्हें पीएमसीएच में रेफर कर दिया गया है.
इस संबंध में ईटीवी भारत ने सारण के सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की मरीज चीन से घर आई हुई है. जो सारण की निवासी है. बताया गया है कि 29 साल की शोध छात्रा में कोरोना वायरस का लक्षण देखने को मिला है.
पीड़ित PMCH रेफर
सीएस ने बताया कि 23 जनवरी को शोध छात्रा चीन से छपरा अपने घर आई थी. तबीयत खराब होने के कारण वह यहां के स्थानीय डॉक्टर से इलाज कराने गई. उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें कोरोना के लक्षण महसूस हुए, हमने मरीज को फौरन पीएमसीएच रेफर कर दिया. सीएस ने बताया कि सारण के सदर अस्पताल में इस वायरस का इलाज संभव नहीं है.
भारत सरकार ने दी हिदायत
मालूम हो कि 17 जनवरी को ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार के सचिव प्रीति सूदन की ओर से देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इस रोग के बारे में जानकारी देते हुए सचेत रहने की हिदायत दिया जा चुकी है.
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चीन में 41 मामले की पुष्टि
बता दें कि चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस के 41 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. लेकिन इस बार देश का पहला मरीज भी बिहार के सारण जिले में मिलने से छपरा एक बार खलबली मच गई है.
न्यूरो साइंस में शोधार्थी हैं छात्रा
मालूम हो कि यह मरीज छपरा की रहने वाली हैं. लेकिन चीन में रह कर न्यूरो साइंस में शोधार्थी हैं. जबकि विगत दिनों खराब स्वास्थ्य के कारण चीन से कोलकाता आई और फिर वापस अपने घर छपरा आ गई है.
क्या है कोरोना वायरस?
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस एक जूनोटिक (COV) है. माना जाता है कि 2019-nCoV सीफूड खाने से फैला था. पहले ये जानवरों से मानव में फैलता था. लेकिन अब कोरोना वायरस मानव से मानव में फैल रहा है. यह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है. एक दूसरे से हाथ मिलाना इस जोखिम का कारण बन सकता है. किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है.
क्या हैं इसके लक्षण
नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द और बुखार इसके लक्षणों में शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है. कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए यह घातक है. निमोनिया, फेफड़ों में सूजन, छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना भी इसके लक्षण हैं.