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छपरा में धूमधाम से मनाई गई छठ, श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह

छपरा में विभिन्न घाटों पर रविवार सुबह लाखों की संख्या में छठ व्रती पहुंची थीं. छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया. भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की.

छपरा
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Published : Nov 3, 2019, 11:43 AM IST

छपरा: पूरे प्रदेश में उदयगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व रविवार को संपन्न हो गया. जिले में भी छठ धूमधाम से मनाई गई. छठ व्रती सब उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की. इस मौके पर घाटों पर छठ श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटी हुई थी.

छठ पूजा को लेकर कई मान्यताएं हैं. इसे पूरे विधि विधान के साथ करने की परंपरा है. जिले में विभिन्न घाटों पर रविवार सुबह लाखों की संख्या में छठ व्रती सब पहंची थी. छठ व्रती सब उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दी. भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की. इसके साथ ही छठ व्रत का समापन हो गया.

छठ श्रद्धालु का बयान

सभी घाटों पर रही भीड़
बता दें कि पूरे उत्तर भारत में छठ महापर्व धूमधाम से मनाई जाती है. चार दिनों तक यह पर्व चलता है. छठ पर्व को महापर्व कहा जाता है. प्रदेश के सभी जिला में स्थित घाटों पर छठ व्रती सब उदयीमान सूर्य अर्घ्य दी. उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व सपन्न हो गया. इस दौरान सभी जिला में स्थित घाटों पर छठ व्रती सब की काफी भीड़ रही.

छपरा: पूरे प्रदेश में उदयगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व रविवार को संपन्न हो गया. जिले में भी छठ धूमधाम से मनाई गई. छठ व्रती सब उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की. इस मौके पर घाटों पर छठ श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटी हुई थी.

छठ पूजा को लेकर कई मान्यताएं हैं. इसे पूरे विधि विधान के साथ करने की परंपरा है. जिले में विभिन्न घाटों पर रविवार सुबह लाखों की संख्या में छठ व्रती सब पहंची थी. छठ व्रती सब उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दी. भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की. इसके साथ ही छठ व्रत का समापन हो गया.

छठ श्रद्धालु का बयान

सभी घाटों पर रही भीड़
बता दें कि पूरे उत्तर भारत में छठ महापर्व धूमधाम से मनाई जाती है. चार दिनों तक यह पर्व चलता है. छठ पर्व को महापर्व कहा जाता है. प्रदेश के सभी जिला में स्थित घाटों पर छठ व्रती सब उदयीमान सूर्य अर्घ्य दी. उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व सपन्न हो गया. इस दौरान सभी जिला में स्थित घाटों पर छठ व्रती सब की काफी भीड़ रही.

Intro:छठ व्रत सम्पन्न।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट । छ्परा।छ्परा मे उदयाचल गामी भगवान भास्कर के अर्ध देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महा पर्व का आज समापनं हो गया।कार्तिक मास के तृतीया तिथि से पराम्भ होने वाले इस महापर्व के पहले दिन छठ व्रती अरवा चावल चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनाते है।उसके अगले दिन चतुर्थी को साठी चावल का खीर और रोटी का प्रसाद बनाया जाता है।


Body:वही इस पर्व के तीसरे दिन नदी तालाबो मे अस्तांचल गामी भगवान सुर्य को अर्ध अर्पित किया जाता है।वही आज चौथे दिन उदयाचल गामी सुर्य को अर्ध अर्पित करने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो जाता है।आज रविवार को छठ व्र्तियो ने उगते सुर्य को अर्ध अर्पित किया।जिसके बाद चार दिवसीय इस महापर्व का समापन हो गया।यह महापर्व बिहार का सबसे प्रमुख पर्व मे से एक है।इस व्रत की विशेषता की बात करे तो यह बिहार का सबसे बड़ा लोक आस्था का पर्व माना जाता है ।और बिहार के रहने वाले लोग चाहे बिहार मे हो या बिहार से बाहर देश और विदेश मे भी यह काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।वही इस पर्व के पौराणिक मान्यताओं की बात करे तो यह पाण्डवों के वनवास से जुड़ी हुयीं है।इस पर्व की सबसे खास बात यह है की इसमे 56तरह के फल फुल नये कपडे क्लसुप मिट्टी के हाथी कोशी का प्रयोग किया जाता है।



Conclusion:वही इस अनुषठान के तीसरे दिन अस्ताचल गामी भगवान भास्कर को अर्ध देने के बाद घर पर कोशी की पुजा करती है और दीप प्रज्ज्वलित कर विधि-विधान से पुजा होती हैऔर छठ गीत गाया जाता है। और यही प्रक्रिया छठ घाट मे अर्ध रात्रि के बाद भी किया जाता है । उसके बाद हाथी।कोशी का विसर्जन कर दिया जाता है।वही यह व्रत मे छठ व्रती तीन दिनो तक निर्जला उपवास करते है।इस पर्व के लिये जिला और प्रदेश स्तर पर प्रशासनिक रुप से काफी तैयारी की जाती है।रेल प्रशासन द्वारा इस पर्व को देखते हुये कई स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया जाता है।इसके साथ ही बिहार से बाहर रहने वाले बड़ी संख्या में लोग बिहार आते है।इस् कारण उनकी सुरक्षा को लेकर स्थानीय प्रशासन भी काफी मुस्तैद रहता हैं ।वही पुजा समितियां भी साफ-सफाई सुरक्षा को लेकर काफी सक्रिय भूमिका निभाती है। वही आचार्य रामअनुज तिवारी ने इस पौराणिक महत्व को बताते हुये कहा इस व्रत को करने से सारे पाप और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। बाईट राम अनुज तिवारी आचार्य
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