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सारण: 15 सौ एकड़ जमीन को डाला गया टोपोलैंड की सूचि में, आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान

सारण में किसान नाराज हैं. नाराजगी में उन्होंने सरकार को वोट बहिष्कार करने की चेतावनी दे दी है.

प्रर्दशन करते किसान
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Published : Apr 3, 2019, 7:53 PM IST

सारण: प्रखंड के पांच गांवों को टोपोलैंड घोषित किये जाने से नाराज सैकड़ों किसानों ने कुआरी राम जानकी मंदिर परिसर के पास सरकार के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किया. साथ ही किसानों ने फैसला वापस नहीं लेने पर वोट बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी.

सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
मंगलवार को किसानों ने नरेंद्र सिंह उर्फ भगत सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक की. विरोध प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसानों ने बताया कि जिला प्रशासन ने धर्मपुर जाफर, कुआरी, परशुरामपुर, डबर छपरा, शाहपुर तथा मकसूदपुर गांव के लगभग 15 सौ एकड़ जमीन को टोपोलैंड की सूचि डाल दिया गया है. इससे यहां हम सभी किसानों को जमीन के बावजूद कृषि संबंधित किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

प्रर्दशन करते किसान

सरकार का रवैया नकारात्मक
किसानों का आरोप है कि अंचल कार्यालय न तो जमीन की रसीद काट रही है न ही एलपीसी जारी कर रही. इस कारण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. हमेशा बाढ़, सुखाड़ झेलने से यहां के किसान लगातार पैदावार में जोखिम उठा रहे हैं. इसके बावजूद सरकार का रवैया नकारात्मक है. यहां तक कि जनप्रतिनिधि भी इन समस्याओं से बेपरवाह है.

फैसला वापस होने तक विरोध जारी
किसानों ने कहा कि जबतक सरकार कोई फैसला नहीं लेती तबतक इसका विरोध जारी रहेगा. इधर भाजपा नेता प्रियरंजन सिंह युवराज ने मौके पर पहुंच कर नाराज किसानों को समझा बुझा कर शांत कराने की कोशिश की. साथ ही उन्होंने समस्या को दूर करने का आश्वासन भी दिया.

सारण: प्रखंड के पांच गांवों को टोपोलैंड घोषित किये जाने से नाराज सैकड़ों किसानों ने कुआरी राम जानकी मंदिर परिसर के पास सरकार के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किया. साथ ही किसानों ने फैसला वापस नहीं लेने पर वोट बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी.

सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
मंगलवार को किसानों ने नरेंद्र सिंह उर्फ भगत सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक की. विरोध प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसानों ने बताया कि जिला प्रशासन ने धर्मपुर जाफर, कुआरी, परशुरामपुर, डबर छपरा, शाहपुर तथा मकसूदपुर गांव के लगभग 15 सौ एकड़ जमीन को टोपोलैंड की सूचि डाल दिया गया है. इससे यहां हम सभी किसानों को जमीन के बावजूद कृषि संबंधित किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

प्रर्दशन करते किसान

सरकार का रवैया नकारात्मक
किसानों का आरोप है कि अंचल कार्यालय न तो जमीन की रसीद काट रही है न ही एलपीसी जारी कर रही. इस कारण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. हमेशा बाढ़, सुखाड़ झेलने से यहां के किसान लगातार पैदावार में जोखिम उठा रहे हैं. इसके बावजूद सरकार का रवैया नकारात्मक है. यहां तक कि जनप्रतिनिधि भी इन समस्याओं से बेपरवाह है.

फैसला वापस होने तक विरोध जारी
किसानों ने कहा कि जबतक सरकार कोई फैसला नहीं लेती तबतक इसका विरोध जारी रहेगा. इधर भाजपा नेता प्रियरंजन सिंह युवराज ने मौके पर पहुंच कर नाराज किसानों को समझा बुझा कर शांत कराने की कोशिश की. साथ ही उन्होंने समस्या को दूर करने का आश्वासन भी दिया.

Intro:Body:प्रखंड के पांच गांव को टोपोलैंड घोषित किये जाने से नाराज सैकड़ों किसानों ने कुआरी राम जानकी मंदिर परिसर के पास सरकार के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किया. वहीं चुनाव के पहले इसको लेकर सरकार जल्द फैसला वापस नहीं लेती तो चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. मंगलवार को नरेंद्र सिंह उर्फ भगत सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक किया गया. विरोध प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसानों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा धर्मपुर जाफर, कुआरी, परशुरामपुर, डबर छपरा, शाहपुर तथा मकसूदपुर गांव के लगभग 15 सौ एकड़ जमीन को टोपोलैंड की सुचि डाल गया दिया है. जिससे यहां हमसभी किसानों को जमीन रहते कृषि से संबंधित कोई योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. अंचल कार्यालय द्वारा न तो जमीन का रसीद काटी जा रही है न ही उस जमीन का एलपीसी निर्गत किया जा रहा है. जिस कारण सरकार द्वारा चलाए जा रहे कृषि से संबंधित कोई योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिससे यहां के किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. हमेशा बाढ़, सुखार झेलने से यहां के किसानों के समक्ष लगातार पैदावार में जोखिम उठाना पड़ रहा है. और लगातार खेतीबाड़ी में नुकसान उठाना पड़ रहा है. बावजूद सरकार का रवैया नाकारात्मक है. जहां जनप्रतिनिधि भी इस समस्याओं से बेपरवाह है. किसानों ने कहा कि जबतक जल्द सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया तो इसका विरोध जारी रहेगा. कोर्ट से लेकर रोड तक जाने के लिए तैयार है. इधर भाजपा नेता प्रियरंजन सिंह युवराज मौके पर पहुंच नाराज किसानों को समझा बुझा कर शांत कराया तथा इसके निदान के लिए आगे की कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया. वहीं मौके पर जिलाधिकारी, सारण से फोन पर बात कर इस समस्या से अवगत कराया. मालूम हो कि पिछले दिसंबर को अंचल कार्यालय द्वारा उक्त गांवों को टोपोलैंड घोषित किया गया है. जिसके बाद से ही यहां के किसानों के सामने यह बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी है. जिसको लेकर परशुरामपुर, मकसूदपुर गांव के लोगों ने भी मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. अमनौर सीओ सुशील कुमार ने बताया कि उक्त जमीन सरकारी है. जिसे टोपोलैंड की सूची में शामिल किया गया है. Conclusion:
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