छपरा: बिहार के छपरा जिले में युवाओं की एक संगठित टीम द्वारा इतना लो थाली में व्यर्थ न जाए नाली में, स्लोगन के साथ संचालित रोटी बैंक की सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने सराहना की है. दरअसल रोटी बैंक की टीम हर शाम शहर के विभिन्न जगहों पर गरीब और असहाय वर्ग के लोगों को रोजाना भोजन कराती है. इस बात की जानकारी जब केबीसी की टीम तक पहुंची तो टीम के द्वारा इस संस्था के अध्यक्ष रवि शंकर उपाध्याय को बतौर अतिथि मुंबई बुलाया गया और केबीसी कार्यक्रम में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से वे रू-ब-रू हुए.
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अमिताभ बच्चन ने की रोटी बैंक की तारीफ: सामाजिक सरोकार से जुड़ी रोटी बैंक की यह टीम लगातार काम कर रही है, इसी कड़ी में यह बात केबीसी टीम तक पहुंची तो टीम के द्वारा संस्था के जिलाध्यक्ष रवि शंकर उपाध्याय को अमिताभ बच्चन से मुलाकात के लिए बुलाया गया. इस दौरान सदी के महानायक ने रोटी बैंक टीम के द्वारा किए जा रहे इस नेक कार्य की काफी सराहना की और कहा कि यह नेक काम हमेशा जारी रखना चाहिए, उन्होंने पूरी टीम को इस नेक काम के लिए बधाई दी.
रोटी बैंक करती है असहायों की मदद: जिले में युवाओं की टीम हर शाम शहर के शेल्टर होम, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन जैसे जगहों पर गरीब, वृद्ध और मजबूर लोगों को प्रतिदिन शाम के समय भोजन कराती है. इस टीम के हर सदस्य दिनभर अपने-अपने व्यापार, नौकरी आदि में व्यस्त रहते हैं लेकिन शाम होते-होते सभी जिले के मोहन नगर स्थित रोटी बैंक कार्यालय पहुंच जाते हैं. वहां खाना बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है और खाना बनाने के बाद इसकी बाकायदा पैकिंग की जाती है और उसके बाद यह टीम भूखे लोगों को भोजन कराने निकल पड़ती है.
5 साल पहले रोटी बैंक की शुरूआत: आज से लगभग 5 साल पहले स्व. अवधेश नारायण श्रीवास्तव की स्मृति में उनकी पत्नी माधुरी देवी ने अपने घर को रोटी बैंक की टीम को दे दिया था, इसी घर से रोटी बैंक की स्थापना हुई. पहले दिन यह टीम अपने स्तर पर निकली और सात लोगों को भोजन उपलब्ध कराया लेकिन धीरे-धीरे इनका कारवां बढ़ता गया और अधिक से अधिक लोग जुड़ने लगे. इस तरह ज्यादा से ज्यादा भोजन वितरण का कार्यक्रम शुरू हो गया. रोटी बैंक का मुख्यालय वाराणसी में है जिसके संस्थापक स्व. किशोर कांत तिवारी थे. आज रोटी बैंक देश के सभी शहरों में अपना काम कर रहा है.
रोजाना सैकड़ों गरीबों को नि:शुल्क भोजन: आज यह टीम लगभग 200 से 250 व्यक्तियों को एक टाइम का भोजन नि:शुल्क उपलब्ध कराती है. इस व्यवस्था को चलाने के लिए एक बड़ी राशि की जरूरत होती है जो लोगों के सहयोग से पूरा किया जाता है. रोटी बैंक के द्वारा हर शाम गर्मी, बरसात, आंधी-तूफान, होली, दिवाली कुछ भी हो, यह सेवा निर्बाध रूप से चलती रहती है. यहां तक की रोटी बैंक की टीम के द्वारा कोविड जैसी महामारी के दौरान भी लोगों को भोजन मुहैया कराया गया और बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए भी रोटी बैंक की टीम लगातार काम करती रही.