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शौक बड़ी चीज है...छपरा के इस लाल ने कार को बना डाला हेलीकॉप्टर - nono car cum helicopter

भले यह कार हवा में उड़ नहीं सकती परन्तु सामने से गुजरते ही लोग हैरत में पड़ जाते हैं. इन दिनों बनियापुर की सड़कों पर इस हेलीकॉप्टर को रफ्तार भरते देखा जा रहा है.

हेलीकॉप्टर कार
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Published : May 18, 2019, 2:17 PM IST

सारण: सपने सभी लोग देखते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों में उन सपनों को पूरा करने का जज्बा, हुनर और लगन होता है. जिला निवासी मिथलेश प्रसाद की भी हवा में उड़ने की ख्वाहिश थी. वह बचपन से चाहता था कि एक हेलीकॉप्टर अपने हाथों से बनाए. जिसमें वह उड़ सके. लेकिन, आर्थिक तंगी के कारण उनकी यह ख्वाहिश पूरी होना मुश्किल था. मिथलेश यह बात जानता था. लेकिन, उसने हार नहीं मानी. बल्कि अपने सपने को पूरा करने के लिए विकल्प खोजा.

अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए छपरा स्थित बनियापुर प्रखंड के सरमी गांव के रहने वाले मिथलेश ने नैनो कार को ही हेलीकॉप्टर का शक्ल दे दी. हेलीकॉप्टर शक्ल के दिखने वाले इस कार की बस एक कमी है कि यह उड़ नहीं सकती. भले यह कार हवा में उड़ नहीं सकती परन्तु सामने से गुजरते ही लोग हैरत में पड़ जाते हैं. इन दिनों बनियापुर की सड़कों पर इस हेलीकॉप्टर को रफ्तार भरते देखा जा रहा है.

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हेलीकॉप्टर कार

कौन है मिथलेश प्रसाद?
पाइप फिटर 24 वर्षीय मिथलेश प्रसाद और उनके भाई ने पाइप फिटिंग का काम करते-करते नैनो गाड़ी को हेलीकॉप्टर का लुक दे दिया. मिथलेश के भाई ने बताया कि अक्सर गांव के युवा हेलीकॉप्टर में चढ़ने की बात करते हैं, जो पूरा होना थोड़ा मुश्किल है. हेलीकॉप्टर शक्ल की कार बनाने ने यह सोच भी मददगार रहा. मिथलेश ने बताया कि बचपन से ही उसे हेलीकॉप्टर बनाने तथा उड़ाने का शौक था. इसलिए दोनों भाइयों ने कार को ही हेलीकॉप्टर बनाने का आइडिया निकाला. जिसमें उन्हें सफलता मिल गई.

सारण की सड़क पर दौड़ती हेलीकॉप्टर कार

सात माह लगा समय
मिथलेश गुजरात में अपने भाइयों के साथ पाइप फिटिंग का काम कर रहा था. वह बीते सात माह से अपने घर पर रह कर कार को हेलीकॉप्टर की शक्ल देने के लिए बॉडी बनाने में जुटा था. युवक ने मोटर, फिर पीछे का शेप बनाकर उसमें लाइट आदि लगाया. जिससे यह देखने मे बिल्कुल हेलीकॉप्टर ही लग रहा है.

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हेलीकॉप्टर कार

सात लाख रुपये खर्च
मिथलेश ने बताया कि हेलीकॉप्टर बनाने की आइडिया को धरातल पर उतारने के लिए उसने एक पुरानी नैनो कार खरीदी. फिर उसके बॉडी में बदलाव किया. आकर्षक लुक देने के लिए उसमें पंखे, मोटर व लाइट लगाई. जिसमें लगभग सात लाख रुपये की लागत आई.

सारण: सपने सभी लोग देखते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों में उन सपनों को पूरा करने का जज्बा, हुनर और लगन होता है. जिला निवासी मिथलेश प्रसाद की भी हवा में उड़ने की ख्वाहिश थी. वह बचपन से चाहता था कि एक हेलीकॉप्टर अपने हाथों से बनाए. जिसमें वह उड़ सके. लेकिन, आर्थिक तंगी के कारण उनकी यह ख्वाहिश पूरी होना मुश्किल था. मिथलेश यह बात जानता था. लेकिन, उसने हार नहीं मानी. बल्कि अपने सपने को पूरा करने के लिए विकल्प खोजा.

अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए छपरा स्थित बनियापुर प्रखंड के सरमी गांव के रहने वाले मिथलेश ने नैनो कार को ही हेलीकॉप्टर का शक्ल दे दी. हेलीकॉप्टर शक्ल के दिखने वाले इस कार की बस एक कमी है कि यह उड़ नहीं सकती. भले यह कार हवा में उड़ नहीं सकती परन्तु सामने से गुजरते ही लोग हैरत में पड़ जाते हैं. इन दिनों बनियापुर की सड़कों पर इस हेलीकॉप्टर को रफ्तार भरते देखा जा रहा है.

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हेलीकॉप्टर कार

कौन है मिथलेश प्रसाद?
पाइप फिटर 24 वर्षीय मिथलेश प्रसाद और उनके भाई ने पाइप फिटिंग का काम करते-करते नैनो गाड़ी को हेलीकॉप्टर का लुक दे दिया. मिथलेश के भाई ने बताया कि अक्सर गांव के युवा हेलीकॉप्टर में चढ़ने की बात करते हैं, जो पूरा होना थोड़ा मुश्किल है. हेलीकॉप्टर शक्ल की कार बनाने ने यह सोच भी मददगार रहा. मिथलेश ने बताया कि बचपन से ही उसे हेलीकॉप्टर बनाने तथा उड़ाने का शौक था. इसलिए दोनों भाइयों ने कार को ही हेलीकॉप्टर बनाने का आइडिया निकाला. जिसमें उन्हें सफलता मिल गई.

सारण की सड़क पर दौड़ती हेलीकॉप्टर कार

सात माह लगा समय
मिथलेश गुजरात में अपने भाइयों के साथ पाइप फिटिंग का काम कर रहा था. वह बीते सात माह से अपने घर पर रह कर कार को हेलीकॉप्टर की शक्ल देने के लिए बॉडी बनाने में जुटा था. युवक ने मोटर, फिर पीछे का शेप बनाकर उसमें लाइट आदि लगाया. जिससे यह देखने मे बिल्कुल हेलीकॉप्टर ही लग रहा है.

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हेलीकॉप्टर कार

सात लाख रुपये खर्च
मिथलेश ने बताया कि हेलीकॉप्टर बनाने की आइडिया को धरातल पर उतारने के लिए उसने एक पुरानी नैनो कार खरीदी. फिर उसके बॉडी में बदलाव किया. आकर्षक लुक देने के लिए उसमें पंखे, मोटर व लाइट लगाई. जिसमें लगभग सात लाख रुपये की लागत आई.

Intro:छपरा : हवा में उड़ने की ख्वाहिश सभी की होती है। परंतु यह ख्वाहिश सभी को नसीब नहीं होती है। बात करें ग्रामीण व आर्थिक रूप से कमजोर लोगो की तो उनके लिए हवा में सफर करना एक स्वप्न भर है। इसी स्वप्न को हकीकत में बदलने के लिए छपरा के बनियापुर प्रखंड के सरमी गांव का एक युवक नैनो कार को हेलीकॉप्टर का शक्ल दे दिया। हु ब हु हेलीकॉप्टर की शक्ल वाला यह कार भले ही हवा ने उड़ नहीं सकता, परन्तु सामने से गुजरते ही लोग हैरत में पड़ जाते हैं। इन दिनों बनियापुर की सड़कों पर इस हेलीकॉप्टर को रफ्तार भरते देखा जा रहा है।Body:कार को सड़कों पर दौड़ते देख देखने वालों की भीड़ लग जा रही है। सरमी निवासी पाइप फिटर 24 वर्षीय मिथलेश प्रसाद और उनके भाई ने पाइप फिटिंग का काम करते-करते नैनो गाड़ी को हेलीकॉप्टर का लुक दे दिया। मिथिलेश के भाई ने बताया कि अक्सर गाव के युवा अपनी दुल्हनियां को हेलीकॉप्टर से घर लाने की सोचते हैं। जो कभी पूरा नहीं होता। हेलीकॉप्टर की शक्ल की कार बनाने ने यह सोच भी मददगार रहा। मिथिलेश ने बताया की बचपन से ही उसे हेलीकॉप्टर बनाने तथा उड़ाने का शौक था। आर्थिक स्थिति ने उसकी स्वप्नों के पंख को कुतर दिया। फिर दोनो भाइयों ने कार को ही हेलीकॉप्टर बनाने का आइडिया निकाला। जिसमे उन्हें सफलता मिल गई।


सात माह लगा समय

गांव की स्कूल से इंटर तक पढ़ाई के बाद
मिथिलेश गुजरात में अपने भाइयों के साथ पाइप फिटर का काम कर रहा था। वह बीते सात माह से अपने घरों पर कार को हेलीकॉप्टर की शक्ल देने के लिए बॉडी बनाने में जुटा था। युवक ने मोटर, फिर पीछे का शेप बनाकर उसमे लाइट आदि लगाया। जिससे यह देखने मे बिल्कुल हेलीकॉप्टर ही लग रहा है लेकिन वास्तव में ये उड़ नही सकता।

सात लाख रुपये खर्च

मिथिलेश ने बताया कि वह हेलीकॉप्टर बनाने की आइडिया को धरातल पर उतारने के लिए एक पुराना नैनो कार खरीदा। फिर उसके बॉडी में बदलाव किया। आकर्षक लगने के लिए उसमें पंखे, मोटर व लाइट लगाई। जिसमे लगभग सात लाख रुपये की लागत आई है।
Conclusion:ग्रामीण क्षेत्रों में स्किल डेवेलोपमेन्ट जरूरी

ग्रामीण क्षेत्र में स्किल डेवेलोपमेन्ट की जरूरत
मिथिलेश ने अपनी हेलीकॉप्टर को बनाकर एक बार फिर यह शाबित कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यदि स्किल डेवेलोपमेन्ट की ट्रेंनिग दी जाय तो निश्चय ही ग्रामीण युवा नई ऊँचाई को छुएंगे। साथ ही मेधावी युवाओं को रोजगार भी मिल पायेगा।




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