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मौसम की मेहरबानी: 90 फीसदी से ज्यादा हुई धान की रोपाई - फसल बर्बाद

जिले में इस बार अच्छी बारिश होने से धान की रोपनी में किसानों काफी फायदा हुआ है. आंकड़ो के मुताबिक, यहां 90 फीसदी से ज्यादा धान की रोपाई का काम पूरा हो चुका है.

samastipur
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Published : Jul 26, 2020, 7:00 PM IST

समस्तीपुर: राज्य में एक तरफ बारिश जहां तबाही का कारण बनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ कुछ जगहों पर किसानों को इस बारिश से फायदा भी पहुंचा है. रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण इस बार धान की रोपनी को बहुत लाभ मिला है. विभागीय आंकलन के अनुसार अबतक यहां 90 फीसदी से ज्यादा धान की रोपाई का काम पूरा हो चुका है. वहीं, अनुमान है कि इस वर्ष लक्ष्य से ज्यादा किसान धान की रोपाई कर सकते हैं.

60,254 हेक्टेयर में धान की रोपाई
बता दें कि करीब 12 वर्षों के बाद धान के पैदावार को लेकर मौसम पूरी तरह से अन्नदाताओं पर मेहरबान है. वैसे इस वर्ष कृषि विभाग ने जिले में करीब 67,000 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा था. जिसमें से अबतक करीब 60,254 हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है. वैसे बीते करीब 12 वर्षों से मौसम की दगाबाजी के कारण प्रतिवर्ष सामान्य से 50 से 60 फीसदी कम बारिश होने की वजह से धान की खेती प्रभावित होती रही है. मौसम के बेरुखी से जंहा किसान लक्ष्य से काफी कम धान की फसल लगाते थे, वो भी खराब मौसम की वजह से बर्दबा हो जाते थे.

515 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश
गौरतलब है की जिले में अबतक 515 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई है. वहीं, आगे भी मौसम ऐसा ही रहने का अनुमान है. बहरहाल शायद इस वर्ष लंबे वक्त के बाद जहां जिला धान के आच्छादन में लक्ष्य से काफी आगे है . वहीं, बेहतर धान के पैदावार को लेकर किसान उत्साहित है..

समस्तीपुर: राज्य में एक तरफ बारिश जहां तबाही का कारण बनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ कुछ जगहों पर किसानों को इस बारिश से फायदा भी पहुंचा है. रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण इस बार धान की रोपनी को बहुत लाभ मिला है. विभागीय आंकलन के अनुसार अबतक यहां 90 फीसदी से ज्यादा धान की रोपाई का काम पूरा हो चुका है. वहीं, अनुमान है कि इस वर्ष लक्ष्य से ज्यादा किसान धान की रोपाई कर सकते हैं.

60,254 हेक्टेयर में धान की रोपाई
बता दें कि करीब 12 वर्षों के बाद धान के पैदावार को लेकर मौसम पूरी तरह से अन्नदाताओं पर मेहरबान है. वैसे इस वर्ष कृषि विभाग ने जिले में करीब 67,000 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा था. जिसमें से अबतक करीब 60,254 हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है. वैसे बीते करीब 12 वर्षों से मौसम की दगाबाजी के कारण प्रतिवर्ष सामान्य से 50 से 60 फीसदी कम बारिश होने की वजह से धान की खेती प्रभावित होती रही है. मौसम के बेरुखी से जंहा किसान लक्ष्य से काफी कम धान की फसल लगाते थे, वो भी खराब मौसम की वजह से बर्दबा हो जाते थे.

515 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश
गौरतलब है की जिले में अबतक 515 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई है. वहीं, आगे भी मौसम ऐसा ही रहने का अनुमान है. बहरहाल शायद इस वर्ष लंबे वक्त के बाद जहां जिला धान के आच्छादन में लक्ष्य से काफी आगे है . वहीं, बेहतर धान के पैदावार को लेकर किसान उत्साहित है..

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