समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले के (Samastipur Sadar Hospital) सदर अस्पताल में मरीजों के ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक ओटी और तमाम उपकरण उपलब्ध हैं. इस वजह से मैटरनल हेल्थ मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल के प्रसव कक्ष व ओटी को सूबे में सबसे बेहतर होने का सर्टिफिकेट भी दिया था. लेकिन पिछले आठ महीनों से समस्तीपुर सदर अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं होने की वजह से एक भी ऑपरेशन नहीं किया जा सका है.
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दरअसल, जिस राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था के ऊपर बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो रहा है, उसी राज्य के समस्तीपुर जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कई महीनों से एक भी सर्जन नहीं है. जिसका सीधा असर जरूरतमंद गरीब मरीजों पर पड़ रहा है. अत्याधुनिक सुविधा व सभी व्यवस्थाएं होने के बावजूद छोटे से छोटे ऑपरेशन के लिए मरीज निजी अस्पतालों में जाने को विवश हैं. फिलहाल अस्पताल के ओटी का इस्तेमाल सिर्फ महिला बंध्याकरण और कभी-कभी जटिल प्रसव में सर्जरी महिला डॉक्टर कर रही हैं. वैसे इसको लेकर इस अस्पताल में अलग ओटी भी बना हुआ है.
वहीं, इस संबंध में पूर्व सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी लिखा था, लेकिन बीते आठ महीने से यहां सर्जन की पोस्टिंग नहीं हुई है. वैसे बहुत दिनों तक यहां एकमात्र सर्जन डॉक्टर हेमंत कुमार सिंह कार्यरत थे, लेकिन आठ महीने पहले किसी मामले को लेकर उन्हें प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. जिसके बाद समस्तीपुर सदर अस्पताल में सर्जन का पद खाली है.
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