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समस्तीपुर: सदर अस्पताल में घंटों चलता रहा अंधविश्वास का खेल, ड्यूटी पर मौजूद कर्मी बने रहे मूकदर्शक

भगत सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में महिला के बाल पकड़कर खुद अंधविश्वास का खेल खेलने लगा. मंत्र पढ़ कर महिला से पूछताछ शुरू करते हुए झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया.

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Published : Jun 15, 2019, 10:12 PM IST

झाड़-फूंक

समस्तीपुर: आधुनिक युग में भी लोग अंधविश्वास से दूर नहीं हो रहे हैं. इसका जीता जागता उदाहरण समस्तीपुर सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में देखने को मिला है. जहां एक घंटे से अधिक समय तक तंत्र-मंत्र के नाम पर अंधविश्वास का खेल चला. ड्यूटी पर तैनात कर्मी मूकदर्शक बने रहे. भगत की सारी करतूत कैमरे में कैद हुई.

प्राप्त जानकारी के अनुसार उजियारपुर थाना क्षेत्र के बेलारी गांव की रहने वाली चांदनी कुमारी को परिजन अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए. उसको चमकी बुखार जैसी बीमारी की शिकायत थी. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसका इलाज करते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया. लेकिन वह महिला अपने सुध में नहीं थी और कई तरह की हरकतें कर रही थी.

बाल पकड़कर महिला को घसीटा
इसे देख परिजन वारिसनगर थाना क्षेत्र के लखनपट्टी गांव से एक भगत को बुला लाए. इसके बाद भगत सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में महिला के बाल पकड़कर खुद अंधविश्वास का खेल खेलने लगा. मंत्र पढ़ कर महिला से पूछताछ शुरू करते हुए झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया. उसने महिला के बाल पकड़कर बेड से घसीटते हुए नीचे फर्श पर बैठा दिया और मंत्र पढ़ने लगा.

परिजन, भगत और डॉक्टर का बयान

तमाशबीन बने रहे लोग
इस दौरान महिला काफी चीखती चिल्लाती रही. पूरे वार्ड के लोग भी तमाशबीन बन गए. कहा जा रहा था कि इसके शरीर पर भूत का साया है. भगत ने महिला के बाल पकड़कर उस में गांठ भी लगाए. वहीं, ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी भी देखते रहे. यह खेल काफी देर तक चलता रहा. अचानक स्वास्थ्य कर्मी की नजर उस पर पड़ी उसके बाद भगत को वहां से हटाया गया. इसके बाद महिला को एंबुलेंस से बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर किया गया.

भगत ने किया दावा महिला को कर सकता हूं ठीक
वहीं, भगत ने दावा किया कि इस महिला के ऊपर किसी का चक्कर है. भगत का कहना था कि मैं झाड़-फूंक के जरिए इस महिला को ठीक कर सकता हूं. लेकिन परिजन स्वास्थ्य कर्मी के गर्म तेवर को देखते हुए एंबुलेंस से उसे डीएमसीएच लेकर चले गए.

सिविल सर्जन ने क्या कहा
वहीं, इस घटना के बारे में जब सिविल सर्जन सियाराम मिश्र से पूछा गया तो वह भी हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि युग 21वीं सदी की ओर बढ़ रहा है. वैज्ञानिक युग में एक से एक प्रयोग किए जा रहे हैं. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने उसे बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया था. बावजूद इसके परिजन ने भगत को बुलाकर आपातकालीन वार्ड में जो झाड़-फूंक कराया वह गलत है. इसको लेकर उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मी को निर्देश जारी किया जा रहा है कि मरीज के साथ एक ही परिजन इमरजेंसी वार्ड में रहेंगे. बाहरी कोई भी मरीज के साथ व्यक्ति पाए जाते हैं तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

समस्तीपुर: आधुनिक युग में भी लोग अंधविश्वास से दूर नहीं हो रहे हैं. इसका जीता जागता उदाहरण समस्तीपुर सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में देखने को मिला है. जहां एक घंटे से अधिक समय तक तंत्र-मंत्र के नाम पर अंधविश्वास का खेल चला. ड्यूटी पर तैनात कर्मी मूकदर्शक बने रहे. भगत की सारी करतूत कैमरे में कैद हुई.

प्राप्त जानकारी के अनुसार उजियारपुर थाना क्षेत्र के बेलारी गांव की रहने वाली चांदनी कुमारी को परिजन अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए. उसको चमकी बुखार जैसी बीमारी की शिकायत थी. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसका इलाज करते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया. लेकिन वह महिला अपने सुध में नहीं थी और कई तरह की हरकतें कर रही थी.

बाल पकड़कर महिला को घसीटा
इसे देख परिजन वारिसनगर थाना क्षेत्र के लखनपट्टी गांव से एक भगत को बुला लाए. इसके बाद भगत सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में महिला के बाल पकड़कर खुद अंधविश्वास का खेल खेलने लगा. मंत्र पढ़ कर महिला से पूछताछ शुरू करते हुए झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया. उसने महिला के बाल पकड़कर बेड से घसीटते हुए नीचे फर्श पर बैठा दिया और मंत्र पढ़ने लगा.

परिजन, भगत और डॉक्टर का बयान

तमाशबीन बने रहे लोग
इस दौरान महिला काफी चीखती चिल्लाती रही. पूरे वार्ड के लोग भी तमाशबीन बन गए. कहा जा रहा था कि इसके शरीर पर भूत का साया है. भगत ने महिला के बाल पकड़कर उस में गांठ भी लगाए. वहीं, ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी भी देखते रहे. यह खेल काफी देर तक चलता रहा. अचानक स्वास्थ्य कर्मी की नजर उस पर पड़ी उसके बाद भगत को वहां से हटाया गया. इसके बाद महिला को एंबुलेंस से बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर किया गया.

भगत ने किया दावा महिला को कर सकता हूं ठीक
वहीं, भगत ने दावा किया कि इस महिला के ऊपर किसी का चक्कर है. भगत का कहना था कि मैं झाड़-फूंक के जरिए इस महिला को ठीक कर सकता हूं. लेकिन परिजन स्वास्थ्य कर्मी के गर्म तेवर को देखते हुए एंबुलेंस से उसे डीएमसीएच लेकर चले गए.

सिविल सर्जन ने क्या कहा
वहीं, इस घटना के बारे में जब सिविल सर्जन सियाराम मिश्र से पूछा गया तो वह भी हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि युग 21वीं सदी की ओर बढ़ रहा है. वैज्ञानिक युग में एक से एक प्रयोग किए जा रहे हैं. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने उसे बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया था. बावजूद इसके परिजन ने भगत को बुलाकर आपातकालीन वार्ड में जो झाड़-फूंक कराया वह गलत है. इसको लेकर उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मी को निर्देश जारी किया जा रहा है कि मरीज के साथ एक ही परिजन इमरजेंसी वार्ड में रहेंगे. बाहरी कोई भी मरीज के साथ व्यक्ति पाए जाते हैं तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ।
समस्तीपुर आधुनिक युग में भी अंधविश्वास से लोगों का पीछा नहीं छूट रहा है ।इसका जीता जागता उदाहरण समस्तीपुर सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में देखने को मिला है ।जहां एक घंटे से अधिक समय तक तंत्र मंत्र के नाम पर चला अंधविश्वास का खेल। ड्यूटी पर तैनात कर्मी बने रहे मुख दर्शक और भगत की सारी करतूत हुई कैमरे में हुई कैद।


Body:प्राप्त जानकारी के अनुसार उजियारपुर थाना क्षेत्र के बेलारी गांव की रहने वाली चांदनी कुमारी को चमकी जैसी बीमारी को लेकर परिजन अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए ।ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसका इलाज करते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे डीएमसीएच रेफर कर दिए। लेकिन वह महिला अपने सुध में नहीं थी बार-बार अपने शरीर को इस तरह नचा रही थी कभी लोहे की खिड़की को पकड़ रही थी ।कभी लोगों के कपड़े को फार रही थी। उसे देख परिजन ने वारिसनगर थाना क्षेत्र के लखन पट्टी गांव से एक भगत को बुला कर लाया। भगत ने सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड पहुंचकर महिला का बाल पकड़कर खुद अंधविश्वास का खेल खेलने लगे।साथ मंत्र पढ़ कर महिला से पूछताछ शुरू करते हुए झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया ।उसके बाद भी उनका जी नहीं भरा उन्होंने महिला का बाल पकड़कर बेड पर से परिजन के सहारे घसीटते हुए नीचे बैठाकर और हाथों में रहल का फूल एवं चाकू लेकर बैठकर मंत्र पढ़ने लगे। उस दौरान महिलाएं काफी चीखती चिल्लाती रही ।पूरे वार्ड के लोग भी तमसबीन बन गए ।लेकिन उस भगत पर कोई असर नहीं पड़ा। महिला को अड़हुल का फूल खिलाया जा रहा था और महिला से बार-बार नाम पूछा जा रहा था। और कहा जा रहा था कि इसके शरीर पर भूत का साया आ गया है। भगत ने महिला के बाल पकड़कर उस में गांठ भी लगाए। वही ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी मुख दर्शक बने रहे। और यह खेल आधे घंटे तक चलता रहा ।अचानक स्वास्थ्य कर्मी की नजर उस पर पड़ी उसके बाद भगत को वहां से भगाया गया ।और महिला को एंबुलेंस के जरिए बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर किया गया ।लेकिन वही भगत ने दावा किया कि इस महिला के ऊपर किसी का चक्कर है ।रामलाल भगत का बताना है कि महिला के परिजन ने वारिसनगर के लखन पट्टी गांव से मोटरसाइकिल पर बैठाकर उसे लाया गया था। जो आपातकालीन वार्ड में महिला का झाड़ फूंक करना शुरू कर दिया। वहीं भगत ने बताया कि मैं झाड़-फूंक के जरिए इस महिला को ठीक कर सकता हूं ।लेकिन परिजन स्वास्थ्य कर्मी के गर्म तेवर को देखते हुए एंबुलेंस से उसे डीएमसीएच लेकर चले गए।


Conclusion:वहीं इस घटना के बारे में जब सिविल सर्जन सियाराम मिश्र से पूछा गया तो वह भी हैरान रह गए ।उनका बताना था कि युग 21वीं सदी की ओर बढ़ रहा है। वैज्ञानिक युग में एक से एक प्रयोग किए जा रहे हैं ।और ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने उसे बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया था। उसके बावजूद परिजन के द्वारा भगत को बुलाकर आपातकालीन वार्ड में जो झाड़-फूंक कराया गया वह गलत है। इसको लेकर उन्होंने जांच का आदेश दिए है ।और बताया है कि सुरक्षाकर्मी को निर्देश जारी किया जा रहा है। कि मरीज के साथ एक ही परिजन इमरजेंसी वार्ड में रहेंगे ।बाहरी कोई भी मरीज के साथ व्यक्ति पाए जाते हैं तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जो भी बात हो अस्पताल में अंधविश्वास का खेल मामले में क्या कार्रवाई होती है।
ये तो करवाई के बाद ही पता चल पाएगा ।
बाईट : अनिल दास महिला के पिता
बाईट : रामलाल भगत
बाईट : श्याम मोहन मिश्र सिविल सर्जन।
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