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पोखर को अतिक्रमण मुक्त करने में समस्तीपुर नगर निगम प्रशासन पूरी तरह फेल, अधिकारी दे रहे हैं दलीलें

समस्तीपुर नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद भी प्रशासन भू-माफियाओं के सामने बेबस दिख रहा है. शहर के केन्द्र में स्थित तालाब को प्रशासन अतिक्रमण से मुक्त नहीं करा पाया है.

समस्तीपुर पोखर
समस्तीपुर पोखर
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Published : Feb 27, 2021, 4:21 PM IST

समस्तीपुर: समस्तीपुर नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिल चुका है. निगम की हैसियत पाने के बाद भी रूतबे में भारी बढ़ोतरी नहीं देखी गयी है. नाम बड़े हो जाने के बाद धरातल पर अब भी दर्शन छोटे नजर आ रहे हैं. दरअसल, निगम क्षेत्र के काशीपुर में एक सार्वजनिक पोखर है. जिसे जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत बीते कई महीनों से प्रशासन इसका जीर्णोद्धार करने में लगा हुआ है.

देखें रिपोर्ट

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भू-माफियाओं के समाने पूरा निगम प्रशासन फेल!
तालाब को जीवंत करने के लिए कागजों पर इसके खाके भी तैयार कर लिए गए हैं. लेकिन धारतल पर कागजी कार्रवाई का आलम यह है कि यह अब भी अतिक्रमित है. अधिकारी खुद नियमों का रोना रो रहे हैं. भू-माफियाओं के सामने पूरा नगर निगम प्रशासन पस्त दिख रहा है.

यह भी पढ़ें: आइसा और इंनौस का ऐलान- सरकार की वादाखिलाफी को लेकर 1 मार्च को करेंगे विधानसभा का घेराव

गड्ढे में तब्दील हो गया तालाब
दरअसल, शहर के केंद्र में सैंकड़ों एकड़ में फैला काशीपुर का यह पोखर वर्तमान में चारों तरफ हो रहे अतिक्रमण के वजहों से एक गड्ढे में तब्दील हो गया है. इस पोखर को बचाने में जुटे कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि प्रशासन से अधिक स्थानीय लोगों को इस मामले में पहल करने की जरूरत है.

गौरतलब है कि वैसे तो इस पोखर को अतिक्रमण से मुक्त कराने को लेकर निगम प्रशासन के पहल से एक कमेटी का गठन किया गया है. वहीं, इस कमिटी में कई ऐसे सदस्य शामिल हैं. जिनके ऊपर ही इस पोखर के अतिक्रमण का आरोप है.

समस्तीपुर: समस्तीपुर नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिल चुका है. निगम की हैसियत पाने के बाद भी रूतबे में भारी बढ़ोतरी नहीं देखी गयी है. नाम बड़े हो जाने के बाद धरातल पर अब भी दर्शन छोटे नजर आ रहे हैं. दरअसल, निगम क्षेत्र के काशीपुर में एक सार्वजनिक पोखर है. जिसे जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत बीते कई महीनों से प्रशासन इसका जीर्णोद्धार करने में लगा हुआ है.

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भू-माफियाओं के समाने पूरा निगम प्रशासन फेल!
तालाब को जीवंत करने के लिए कागजों पर इसके खाके भी तैयार कर लिए गए हैं. लेकिन धारतल पर कागजी कार्रवाई का आलम यह है कि यह अब भी अतिक्रमित है. अधिकारी खुद नियमों का रोना रो रहे हैं. भू-माफियाओं के सामने पूरा नगर निगम प्रशासन पस्त दिख रहा है.

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गड्ढे में तब्दील हो गया तालाब
दरअसल, शहर के केंद्र में सैंकड़ों एकड़ में फैला काशीपुर का यह पोखर वर्तमान में चारों तरफ हो रहे अतिक्रमण के वजहों से एक गड्ढे में तब्दील हो गया है. इस पोखर को बचाने में जुटे कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि प्रशासन से अधिक स्थानीय लोगों को इस मामले में पहल करने की जरूरत है.

गौरतलब है कि वैसे तो इस पोखर को अतिक्रमण से मुक्त कराने को लेकर निगम प्रशासन के पहल से एक कमेटी का गठन किया गया है. वहीं, इस कमिटी में कई ऐसे सदस्य शामिल हैं. जिनके ऊपर ही इस पोखर के अतिक्रमण का आरोप है.

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