समस्तीपुर: रोसड़ा को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन एक बार फिर से तेज हो गया है. समस्तीपुर से अलग जिला बनाने के मुद्दे पर धरना प्रदर्शन के जरिये जनप्रतिनिधि और सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. प्रखंड मुख्यालय के कर्पूरी स्टेडियम के पास ये धरना बीते कई दिनों से चल रहा है. 1994 में इसे अलग जिला बनाने को लेकर लालू सरकार ने हरी झंडी दे दी थी.
चुनाव के दौरान बड़ा चुनावी मुद्दा
विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच जिले के रोसड़ा प्रखंड को जिला बनाने की मांग पर आंदोलन शुरू हो गया है. वैसे बीते कई विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान ये यहां का एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना है. पक्ष हो या विपक्ष सबने इस मांग पर बड़े-बड़े वादे जरूर किए. लेकिन चुनाव के बाद ये मामला फिर ठंडा हो गया. बहरहाल एक बार फिर रोसड़ा को जिला बनाने की मांग पर स्थानीय लोग और कई अन्य संगठनों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है.
वोट का बहिष्कार करेंगे मतदाता
इस धरने में महिला, पुरुष और खासतौर पर युवाओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. साथ ही ये ऐलान भी किया जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव से पहले अगर इस मामले पर गंभीरता नहीं दिखाई जाती है तो रोसड़ा में नेताओं की नो एंट्री होगी. साथ ही यहां के मतदाता वोट का बहिष्कार करेंगे.
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बता दें साल 1994 में समस्तीपुर से रोसड़ा को अलग कर जिला बनाने की योजना पर तत्कालीन लालू सरकार ने सहमति दी थी. यहां तक कि इसको लेकर काम भी शुरू हो गया था. लेकिन जिला को लेकर कई मानकों को लेकर कोर्ट में दिए याचिका की वजह से रोसड़ा को जिला बनाने की योजना टल गई.