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कोरोना के खौफ से लोग स्वास्थ्य को लेकर गंभीर, दवा व्यवसाय में 75 फीसदी की आई गिरावट

समस्तीपुर में दवा की बिक्री में काफी गिरावट आई है. वहीं, अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या न के बराबर है. लोग कोरोना की वजह से सेहत को लेकर गंभीर हैं.

दवा
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Published : May 23, 2020, 6:05 PM IST

समस्तीपुर: कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है. इस दौरान दवा व्यवसाय में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है. इसका मुख्य कारण है कि लोग कोरोना काल में सेहत का ख्याल रख रहे हैं. इस दौरान लोग कम बीमार पड़ रहे हैं, जिसका असर दवा विक्रेताओं पर पड़ा है.

स्वास्थ्य को लेकर लोग गंभीर
रोसडा़ अनुमंडल क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान दवाओं की बिक्री में भारी कमी हुई है. फास्ट फूड की दुकान बंद होने से लोग कम बीमार हो रहे हैं. अब तो आलम यह है कि बीमार लोग भी स्वस्थ नजर आ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की वजह से लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हैं. पहले अस्पतालों में भीड़ हुआ करती थी, लेकिन अब लोग अस्पताल भी नहीं पहुंच रहे हैं.

दवा की बिक्री घटी
रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र में दवा की सैकड़ों दुकानें हैं. इनमें प्रतिदिन दवाओं की औसत बिक्री 4 से 5 लाख होती थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद बिक्री घटकर महज 25 फीसदी रह गई है. लोगों की मानें तो बीपी, मधुमेह जैसी घर-घर की बीमारी इन दिनों नियंत्रित होती नजर आ रही है और इसकी दवा भी कम मात्रा में बिक रही है.

सड़क दुर्घटनाओं में कमी
वहीं, लाॅकडाउन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है. इस कारण भी दवा व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है. घरेलू दवाइयों के इस्तेमाल के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है. विभिन्न पंचायत में कार्यरत ग्रामीण चिकित्सकों की मानें तो उनकी प्रैक्टिस भी घटकर आधी हो चुकी है.

समस्तीपुर: कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है. इस दौरान दवा व्यवसाय में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है. इसका मुख्य कारण है कि लोग कोरोना काल में सेहत का ख्याल रख रहे हैं. इस दौरान लोग कम बीमार पड़ रहे हैं, जिसका असर दवा विक्रेताओं पर पड़ा है.

स्वास्थ्य को लेकर लोग गंभीर
रोसडा़ अनुमंडल क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान दवाओं की बिक्री में भारी कमी हुई है. फास्ट फूड की दुकान बंद होने से लोग कम बीमार हो रहे हैं. अब तो आलम यह है कि बीमार लोग भी स्वस्थ नजर आ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की वजह से लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हैं. पहले अस्पतालों में भीड़ हुआ करती थी, लेकिन अब लोग अस्पताल भी नहीं पहुंच रहे हैं.

दवा की बिक्री घटी
रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र में दवा की सैकड़ों दुकानें हैं. इनमें प्रतिदिन दवाओं की औसत बिक्री 4 से 5 लाख होती थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद बिक्री घटकर महज 25 फीसदी रह गई है. लोगों की मानें तो बीपी, मधुमेह जैसी घर-घर की बीमारी इन दिनों नियंत्रित होती नजर आ रही है और इसकी दवा भी कम मात्रा में बिक रही है.

सड़क दुर्घटनाओं में कमी
वहीं, लाॅकडाउन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है. इस कारण भी दवा व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है. घरेलू दवाइयों के इस्तेमाल के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है. विभिन्न पंचायत में कार्यरत ग्रामीण चिकित्सकों की मानें तो उनकी प्रैक्टिस भी घटकर आधी हो चुकी है.

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