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समस्तीपुर में संकटों पर भारी लोगों की आस्था, खतरनाक घाटों को सुधारने का लोगों ने उठाया बीड़ा

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Published : Nov 19, 2020, 4:17 PM IST

समस्तीपुर में महापर्व छठ पर कई संकटों का असर देखा जा रहा है. कई घाट खतरनाक है तो पोखर पानी से लबालब भरे हैं. इन समस्याओं के समाधान में जहां प्रशासन पस्त दिख रहा है. वहीं, लोगों ने स्थानीय स्तर पर समस्या से निपटने का काम शुरू कर दिया है. लोगों के इन प्रयासों का असर अब दिखने लगा है.

संकटों पर भारी लोगों की आस्था
संकटों पर भारी लोगों की आस्था

समस्तीपुर: लोकआस्था के महापर्व छठ पर पहले ही कोरोना ने रौनक छीन ली है. पहले ही कई नदियों के घाटों को खतरनाक घोषित किया जा चुका है. वहीं, अब जिले के कई तालाबों के घाटों को भी खतरनाक घोषित कर दिया है. बहरहाल भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु खुद अब तालाबों की साफ-सफाई में जुट गए हैं. लेकिन यहां भी लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

महापर्व पर खतरनाक हुए घाट
दरअसल, पिछले साल जहां तालाब सूखे पड़े थे. वहीं, इस साल भारी बारिश की वजहों से लगभग सभी तालाब पानी से लबालब भरे हैं. छठ को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर जहां कई जगहों पर पम्पिंग सेट की मदद से पानी निकाला जा रहा है. वहीं, कई तालाबों के आसपास मिट्टी भरने का काम हो रहा है.

संकटों पर भारी लोगों की आस्था

संकट से निपटने में प्रशासन पस्त
स्थानीय स्तर पर हो रहे इन प्रयासों में सरकारी सहायता सवालों के घेरे में है. शहर के प्रमुख बीआरपी कॉलेज कैम्पस के तालाब का हाल भी कुछ ऐसा ही है. सरकारी व्यवस्था के अभाव में स्थानीय स्तर पर युवाओं के प्रयास का असर दिखने लगा है. वैसे लोगों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से पानी निकालने का न कोई प्रयास किया गया और नहीं साफ सफाई को लेकर अबतक कोई काम यहां हुआ है.

गौरतलब है कि बीते कई सालों से सूख चुके तालाब छठ के दौरान समस्या की वजह बनते रहे हैं. लेकिन, इस साल भारी बारिश का असर यहां पानी से ये तालाब ऐसे लबालब भरे हैं कि जहां अर्घ्य देना सुरक्षित नहीं है.

समस्तीपुर: लोकआस्था के महापर्व छठ पर पहले ही कोरोना ने रौनक छीन ली है. पहले ही कई नदियों के घाटों को खतरनाक घोषित किया जा चुका है. वहीं, अब जिले के कई तालाबों के घाटों को भी खतरनाक घोषित कर दिया है. बहरहाल भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु खुद अब तालाबों की साफ-सफाई में जुट गए हैं. लेकिन यहां भी लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

महापर्व पर खतरनाक हुए घाट
दरअसल, पिछले साल जहां तालाब सूखे पड़े थे. वहीं, इस साल भारी बारिश की वजहों से लगभग सभी तालाब पानी से लबालब भरे हैं. छठ को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर जहां कई जगहों पर पम्पिंग सेट की मदद से पानी निकाला जा रहा है. वहीं, कई तालाबों के आसपास मिट्टी भरने का काम हो रहा है.

संकटों पर भारी लोगों की आस्था

संकट से निपटने में प्रशासन पस्त
स्थानीय स्तर पर हो रहे इन प्रयासों में सरकारी सहायता सवालों के घेरे में है. शहर के प्रमुख बीआरपी कॉलेज कैम्पस के तालाब का हाल भी कुछ ऐसा ही है. सरकारी व्यवस्था के अभाव में स्थानीय स्तर पर युवाओं के प्रयास का असर दिखने लगा है. वैसे लोगों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से पानी निकालने का न कोई प्रयास किया गया और नहीं साफ सफाई को लेकर अबतक कोई काम यहां हुआ है.

गौरतलब है कि बीते कई सालों से सूख चुके तालाब छठ के दौरान समस्या की वजह बनते रहे हैं. लेकिन, इस साल भारी बारिश का असर यहां पानी से ये तालाब ऐसे लबालब भरे हैं कि जहां अर्घ्य देना सुरक्षित नहीं है.

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