समस्तीपुर: अयोध्या में रामलला विराजमान होने जा रहे हैं. अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है लेकिन इस मंदिर निर्माण के सबसे बड़े आंदोलन में समस्तीपुर जिले के बारह पत्थर का अतीत जुड़ा है. इस अतीत को शायद कभी भुलाया नहीं जा सकता. 90 के दशक में अयोध्या मे राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी के फायर ब्रांड नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ से रथ यात्रा की शुरुआत की थी.
बारह पत्थर से आडवाणी हुए थे गिरफ्तार: आडवाणी की यात्रा 30 अक्टूबर को अयोध्या में खत्म होनी थी. जनमत समर्थन के मकसद से बीजेपी का यह रथ कई जगहों पर होते हुए समस्तीपुर पहुंचा था. विश्व हिंदू परिषद के सदस्य अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे. विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व सदस्य हरे राम चौधरी ने बताया कि "22 अक्टूबर की शाम लालकृष्ण आडवाणी का रथ समस्तीपुर पहुंचा था. जिला मुख्यालय के बारह पत्थर चौक स्थित गेस्ट हाउस में रुके थे. वहीं बारह पत्थर चौक से 23 अक्टूबर की सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया."
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा: उन्होंने बताया कि कार्यकर्ता व स्थानीय लोग जब तक कुछ समझ पाते, तब तक पटना से आए हेलीकॉप्टर से आडवाणी को ले जाया गया. राम मंदिर निर्माण को लेकर सोमनाथ से चला रथ कई हजार की यात्रा के बाद इसी बारह पत्थर चौक पर थम गया. हरे राम चौधरी के अनुसार जिले में इसके विरोध मे एक बड़ा आन्दोलन चला. वैसे इस घटना के तीन दशक बाद ही सही जिस मकसद से इस रथ यात्रा की शुरुआत हुई थी वह अब पुरा होने वाला. बहरहाल विश्व में बसे सभी सनातन को मानने वालों के लिए 22 जनवरी 2024 खास होने वाला है.
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