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समस्तीपुर: धान खरीद के मामले में सरकारी नियमों में उलझे किसान, विचौलिए काट रहे चांदी

पूरे राज्य में सरकार ने 15 नवंबर धान खरीद की तिथि निर्धारित की थी. लेकिन जिले में पैक्स चुनाव के कारण धान खरीद को लेकर मामला फंसा रहा और अब सिस्टम के सुस्त रवैये का फायदा विचौलिए उठा रहे हैं.

समस्तीपुर
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Published : Jan 30, 2020, 7:50 PM IST

समस्तीपुर: जिले में धान खरीद को लेकर फिर सिस्टम के जाल में किसान उलझ गए हैं. वो औने पौने दामों में धान विचौलियों से बेचने को विवश हैं. वहीं, पैक्स काफी सुस्ती से धान खरीद कर रहा है. यहां 80 हजार मीट्रिक टन खरीद करने का सरकारी लक्ष्य रखा गया था. लेकिन अभी तक 3253 मीट्रिक टन धान ही खरीद हुआ है. इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है.

समस्तीपुर
गोदाम में जमा धान

बता दें कि पूरे राज्य में सरकार ने 15 नवंबर धान खरीद की तिथि निर्धारित की थी. लेकिन जिले में पैक्स चुनाव के कारण धान खरीद को लेकर मामला फंसा रहा और अब सिस्टम के सुस्त रवैये का फायदा विचौलिया उठा रहे हैं. किसान कमलेंदु नारायण चौधरी ने बताया कि पैक्स और व्यापार मंडल धान खरीद करने में काफी लेट करते हैं. वहीं, धान में नमी की प्रतिशत मात्रा 17 फीसदी से ज्यादा होने को लेकर भी किसान अन्य जगहों पर धान बेचने को विवश है. दरअसल आगे खेती के लिए पैसे चाहिए इसलिए जो दाम मिल रहा उसी कीमत में वे धान बेच रहे.

पेश है रिपोर्ट

जिले के सभी पैक्सों को जरूरी निर्देश
इस मामले में सम्बंधित विभाग के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार गुप्ता ने बतााय कि जिले में इस साल 80 हजार मीट्रिक टन धान खरीद करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, अब तक 467 किसानों से 3253 मीट्रिक टन धान खरीद हो चुकी है. बांकी की भी धान खरीद हो जाएगी. इसके लिए जिले के सभी 266 पैक्सों को जरूरी निर्देश दिए गए है. वहीं, नमी के समस्या को देखते हुए कुछ जगहों पर ड्रायर मशीन लगाया गया है. जहां किसान नमी वाले धान ले जा सकते हैं.

समस्तीपुर: जिले में धान खरीद को लेकर फिर सिस्टम के जाल में किसान उलझ गए हैं. वो औने पौने दामों में धान विचौलियों से बेचने को विवश हैं. वहीं, पैक्स काफी सुस्ती से धान खरीद कर रहा है. यहां 80 हजार मीट्रिक टन खरीद करने का सरकारी लक्ष्य रखा गया था. लेकिन अभी तक 3253 मीट्रिक टन धान ही खरीद हुआ है. इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है.

समस्तीपुर
गोदाम में जमा धान

बता दें कि पूरे राज्य में सरकार ने 15 नवंबर धान खरीद की तिथि निर्धारित की थी. लेकिन जिले में पैक्स चुनाव के कारण धान खरीद को लेकर मामला फंसा रहा और अब सिस्टम के सुस्त रवैये का फायदा विचौलिया उठा रहे हैं. किसान कमलेंदु नारायण चौधरी ने बताया कि पैक्स और व्यापार मंडल धान खरीद करने में काफी लेट करते हैं. वहीं, धान में नमी की प्रतिशत मात्रा 17 फीसदी से ज्यादा होने को लेकर भी किसान अन्य जगहों पर धान बेचने को विवश है. दरअसल आगे खेती के लिए पैसे चाहिए इसलिए जो दाम मिल रहा उसी कीमत में वे धान बेच रहे.

पेश है रिपोर्ट

जिले के सभी पैक्सों को जरूरी निर्देश
इस मामले में सम्बंधित विभाग के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार गुप्ता ने बतााय कि जिले में इस साल 80 हजार मीट्रिक टन धान खरीद करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, अब तक 467 किसानों से 3253 मीट्रिक टन धान खरीद हो चुकी है. बांकी की भी धान खरीद हो जाएगी. इसके लिए जिले के सभी 266 पैक्सों को जरूरी निर्देश दिए गए है. वहीं, नमी के समस्या को देखते हुए कुछ जगहों पर ड्रायर मशीन लगाया गया है. जहां किसान नमी वाले धान ले जा सकते हैं.

Intro:जिले में धान खरीद को लेकर फिर सिस्टम के जाल में उलझे किसान , औने पौने दामों में विचौलियों से बेचने को विवश । वैसे सरकारी लक्ष्य यंहा 80 हजार मीट्रिक टन का , लेकिन इस मामले में कछुए के रफ्तार से चल रहा पैक्स ।


Body:धान के फसल में लगे अन्नदाताओं की मेहनत व उनकी जमा पूंजी इस वर्ष भी उनके परेशानी का सवव बना हुआ है । दरअसल पूरे राज्य में सरकार ने 15 नवंबर धान खरीद की तिथि निर्धारित किया है । लेकिन यंहा पहले ही पैक्स चुनाव के वजह से धान खरीद को लेकर मामला फंसा रहा , और अब सिस्टम के सुस्त रवैये का फायदा विचौलिया उठा रहे । जिले के किसानों की माने तो , पैक्स व व्यापार मंडल पर धान खरीद को लेकर लेट लतीफी के साथ साथ 17 फीसदी नमी के समस्या के वजह से किसान अन्य जगहों पर धान बेचने को विवश है । दरअसल आगे खेती के लिए पैसे चाहिए , बहरहाल जो दाम मिल रहा , उसी मूल्य में वे धान बेच रहे ।

बाईट - कामलेन्दु नारायण चौधरी , किसान ।

वीओ - दरअसल जिले में इस वर्ष 80 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य है । सम्बंधित विभाग के प्रबंध निदेशक के अनुसार , अभी तक 467 किसानों से 3253 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है । वैसे जिले के सभी 266 पैक्स को इसको लेकर जरूरी निर्देश दिए गए है । वंही नमी के समस्या को देखते हुए , कुछ जगहों पर ड्रायर मशीन लगाया गया है , जंहा किसान नमी वाले धान ले जा सकते है ।

बाईट - अनिल कुमार गुप्ता , प्रबंध निदेशक , कॉपरेटिव ।


Conclusion:बहरहाल सरकारी आंकड़े ही बताने को काफी है की , जिले में पैक्स व व्यापार मंडल इस धान खरीद के लक्ष्य से कितने पीछे है । वैसे समय पर धान खरीद नही होने से रबी के फसल में पूंजी की दिक्कत , अन्नदाताओं के लिए एक बड़ी चुनौती है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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