सहरसा: बिहार में सहरसा के जिला स्कूल में कहरा प्रखंड में बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के द्वितीय चरण की मतगणना जारी है. जिला परिषद सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य का परिणाम भी धीरे-धीरे आने लगा है. खुद जिलाधिकारी कौशल कुमार (DM Kaushal Kumar) पूरी मतगणना केंद्र में निगरानी कर रहे हैं. मतगणना हॉल में हर एक टेबल पर जाकर मतगणना की निगरानी कर रहे हैं.
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मौके पर जब उनसे पूछा गया कि मतगणना की क्या स्थिति है, तो उन्होंने कहा कि मतगणना अपने निर्धारित समय पर शुरू हुई. मतगणना अपने रफ्तार से जारी है. कई पंचायत का परिणाम भी आना शुरू हो गया है. संभावना है कि शाम चार बजे तक मतगणना समाप्त कर दिया जायेगा.
अब तक आधा दर्जन पंचायतों से मुखिया व पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्य का परिणाम आ चुका है. पटुआहा पंचायत से लगातार चौथी बार मुखिया से निर्वाचित मुकेश झा अपने निकटम प्रतिद्वंदी को 500 मतों से पराजित कर चुके हैं.
वहीं नरियार पंचायत से ऐना देवी ने लगातार अपनी जीत को दर्ज किया. जबकि बलहापट्टी पंचायत से वर्तमान मुखिया अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहे. इस तरह चुनाव परिणाम धीरे-धीरे आना शुरू हो चुका है. फिलवक्त जिला स्कूल स्थित मतदान केंद्र पर मतगणना कार्य जारी है. शाम चार बजे तक मतगणना खत्म होने की संभावना है.
बता दें कि दूसरे चरण में 34 जिलों के 48 प्रखंडों में कुल 55.02 फीसदी मतदान हुआ था. पंच के 10353 पद, सरपंच के 699 पद, मुखिया के 699 पद, ग्राम पंचायत सदस्य के 10353 पद, पंचायत समिति सदस्य के 948 पद और जिला पार्षद सदस्य के 109 पदों के लिए काउंटिंग हो रही है. दूसरे चरण में 76,279 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था. इनमें 40,168 महिला और 36,111 पुरुष प्रत्याशी थे.
दूसरे चरण में जिला पार्षद सदस्य पद के लिए 1204 प्रत्याशी, पंचायत समिति सदस्य पद के लिए 6279 प्रत्याशी, मुखिया पद के लिए 6277 प्रत्याशी, ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए 41,405 प्रत्याशी और ग्राम कचहरी पंच पद के लिए 17,042 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल कर चुनाव लड़ा था. दूसरे चरण में पटना (Patna) सहित बिहार के 34 जिलों के 48 प्रखंडों में वोट डाले गए थे. 9686 मतदान केंद्र बनाए गए थे. दूसरे चरण में 76,279 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. 55.02% मतदान हुआ था.
पहले चरण में यह देखने को मिला था कि काफी मुखिया अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे थे. जनता ने उन्हें फिर से मौका नहीं दिया. ऐसे में अब देखना होगा कि दूसरे चरण में कितने जनप्रतिनिधि अपनी साख बचा पाते हैं.
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