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जेल से बाहर आएंगे पूर्व सांसद आनंद मोहन, 15 दिनों की मिली है पैरोल - पूर्व सांसद आनंद मोहन

सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan is lodged in Saharsa Jail) को 15 दिन की पैरोल पर रिहा किया जाएगा. डीएम हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पूरी होने के बाद भी वह जेल में बंद हैं. पूरी खबर..

सहरसा जेल से पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई
सहरसा जेल से पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई
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Published : Nov 2, 2022, 6:35 AM IST

Updated : Nov 4, 2022, 7:18 AM IST

सहरसाः बिहार के सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद और कद्दावर नेता आनंद मोहन को 15 दिनों की पैरोल (Release of former MP Anand Mohan from Saharsa jail) मिली है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व सांसद आनंद मोहन (Former MP Anand Mohan) को 15 दिनों की पैरोल मिली है. गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीटकर हत्या मामले में उन्होंने पहले ही उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है. इसके अलावा आचार संहिता उल्लंघन के 31 साल पुराने मामले में भी वह पहले ही बरी हो चुके हैं. सहरसा के जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने जानकारी दी है कि जेल आईजी द्वारा सहरसा जेल सुपरिटेंडेंट को एक पत्र जारी किया गया है. इसमें आनंद मोहन को रिहा करने का निर्देश दिया गया है. आनंद मोहन ने पैरोल पर रिहाई के लिए अर्जी दी थी. बताया था कि वे अपनी बेटी के इंगेजमेंट में शामिल होना चाहते हैं और बूढ़ी मां को देखना चाहते हैं. अभी भी कुछ तकनीकि अड़चनों के चलते आनंद मोहन जेल से पेरोल पर नहीं छूटे हैं. उनके प्रशंसक मायूस हैं.

ये भी पढ़ेंः पूर्व सांसद आनंद मोहन को राहत, आचार संहिता उल्लंघन के 31 साल पुराने मामले में बरी

क्या है डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड? दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले में 5 दिसंबर 1994 को जिस भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे. एक दिन पहले (4 दिसंबर 1994) मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी. इस भीड़ में शामिल लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. बताया जाता है कि तभी मुजफ्फरपुर के रास्ते हाजीपुर में मीटिंग कर गोपालगंज वापस जा रहे डीएम जी. कृष्णैया पर भीड़ ने खबड़ा गांव के पास हमला कर दिया. मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच डीएम को गोली मार दी गई. इस घटना उन दिनों काफी सुर्खियों में रहा था. हादसे के समय जी. कृष्णैया की आयु 35 साल के करीब था.

मौत की सजा पाने वाले पहले पूर्व विधायक और सांसद हैं आनंद मोहनः इस मामले में आनंद मोहन को जेल गये थे. निचली अदालत ने 2007 में उन्हें मौत की सजा सुना दी. बताया जाता है कि आनंद मोहन देश के पहले पूर्व सांसद और पूर्व विधायक हुए, जिन्हें मौत की सजा मिली थी. हालांकि, दिसंबर 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उनके मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी जुलाई 2012 में पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. डीएम हत्याकांड में वे सजा पहले ही पूरी कर चुके हैं.

सहरसाः बिहार के सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद और कद्दावर नेता आनंद मोहन को 15 दिनों की पैरोल (Release of former MP Anand Mohan from Saharsa jail) मिली है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व सांसद आनंद मोहन (Former MP Anand Mohan) को 15 दिनों की पैरोल मिली है. गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीटकर हत्या मामले में उन्होंने पहले ही उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है. इसके अलावा आचार संहिता उल्लंघन के 31 साल पुराने मामले में भी वह पहले ही बरी हो चुके हैं. सहरसा के जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने जानकारी दी है कि जेल आईजी द्वारा सहरसा जेल सुपरिटेंडेंट को एक पत्र जारी किया गया है. इसमें आनंद मोहन को रिहा करने का निर्देश दिया गया है. आनंद मोहन ने पैरोल पर रिहाई के लिए अर्जी दी थी. बताया था कि वे अपनी बेटी के इंगेजमेंट में शामिल होना चाहते हैं और बूढ़ी मां को देखना चाहते हैं. अभी भी कुछ तकनीकि अड़चनों के चलते आनंद मोहन जेल से पेरोल पर नहीं छूटे हैं. उनके प्रशंसक मायूस हैं.

ये भी पढ़ेंः पूर्व सांसद आनंद मोहन को राहत, आचार संहिता उल्लंघन के 31 साल पुराने मामले में बरी

क्या है डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड? दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले में 5 दिसंबर 1994 को जिस भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे. एक दिन पहले (4 दिसंबर 1994) मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी. इस भीड़ में शामिल लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. बताया जाता है कि तभी मुजफ्फरपुर के रास्ते हाजीपुर में मीटिंग कर गोपालगंज वापस जा रहे डीएम जी. कृष्णैया पर भीड़ ने खबड़ा गांव के पास हमला कर दिया. मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच डीएम को गोली मार दी गई. इस घटना उन दिनों काफी सुर्खियों में रहा था. हादसे के समय जी. कृष्णैया की आयु 35 साल के करीब था.

मौत की सजा पाने वाले पहले पूर्व विधायक और सांसद हैं आनंद मोहनः इस मामले में आनंद मोहन को जेल गये थे. निचली अदालत ने 2007 में उन्हें मौत की सजा सुना दी. बताया जाता है कि आनंद मोहन देश के पहले पूर्व सांसद और पूर्व विधायक हुए, जिन्हें मौत की सजा मिली थी. हालांकि, दिसंबर 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उनके मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी जुलाई 2012 में पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. डीएम हत्याकांड में वे सजा पहले ही पूरी कर चुके हैं.

Last Updated : Nov 4, 2022, 7:18 AM IST
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