सहरसा: जिले में शनिवार रात हुई हत्या के कारण लोगों में रोष है. वहीं, आजाद चौक पर हत्या का विरोध कर रहे लोगों की पुलिस से झड़प हो गयी. गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.
सहरसा: हत्या से गुस्साए लोगों ने पुलिस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, कई पुलिसकर्मी घायल
जिले के बिहरा थाना क्षेत्र के लोगों ने हत्या के विरोध में सड़क जाम कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने जाम खत्म करने की कोशिश की. लेकिन पुलिस और प्रर्दशन कर रहे लोगों के बीच झड़प हो गयी.
भागती पुलिस
सहरसा: जिले में शनिवार रात हुई हत्या के कारण लोगों में रोष है. वहीं, आजाद चौक पर हत्या का विरोध कर रहे लोगों की पुलिस से झड़प हो गयी. गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.
Intro:सहरसा..बिहार के सहरसा में अपराधियों का तांडव जारी है और पुलिस मुर्कदर्शक बनी हुई है।जिस कारण सहरसा में ह्त्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।बिहार के सहरसा में ह्त्या के विरोध में सड़क जामकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हो गया।जहां आक्रोशित भीड़ ने बिहरा पुलिस पर हमला बोलते हुए दौड़ा दौड़ाकर उसकी पिटाई कर दी।
Body:-दरअसल घटना बिहरा थाना क्षेत्र के पटोरी गांव स्थित आज़ाद चौक की है जहां बीती रात हुयी हत्या के विरोध में आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर पुलिस विरोधी नरेबाजी कर रहे थे।इनलोगों का गुस्सा स्थानीय पुलिस की कार्यशैली को लेकर था जो अचानक बढ़े अपराध का कारण था।और यही वजह है कि आक्रोशित भीड़ के कोप का शिकार पुलिस को बनना पड़ा।आप खुद देखिये किस तरह से उग्र भीड़ पुलिस को खदेड़ रही है।इन तस्वीरों में जो दो पुलिस वाले नजर आ रहे हैं उनमें से एक नाम गिरीदेव है और दूसरे का नाम सतेंदर कुमार है जो बिहरा थाना में दोनों ASI के पद पर कार्यरत हैं।साफ तौर पर तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि आक्रोशित भीड़ के आगे दोनों पुलिस वाले किस तरह से बेबस है और अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए नजर आ रहे है।आक्रोशित भीड़ ने एक बार फिर क़ानून को अपने हाथ में लिया है और कानून के रखवाले यानी पुलिस वाले की बिच सड़कों पर जमकर धुनाई कर दी।भीड़ तंत्र के आगे एक बार फिर नीतीश सरकार सारा पुलिसिया सिस्टम बौनी साबित हो चुकी है।यह पूरी घटना उस वक्त घटी,,जब बीती रात बाइक सवार अज्ञात अपराधियों ने नरसिंग झा नामक शख्स को गोली मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।बिहरा थाना क्षेत्र के पुरीख चौक के समीप बीती रात की घटना है।मृतक बीकाजी भुजिया का कारोबारी था।मृतक की पहचान सुपौल जिले के किशनपुर निवासी नरसिंह झा के रूप में की गई है।जिसके बाद आज सहरसा के बिहरा थाना क्षेत्र में आए दिन हो रही घटनाओं से गुस्साए परिजन सहित बिहरा के ग्रामीणों ने बिहरा थाना अध्यक्ष रणवीर कुमार पर अपराधियों से सांठगांठ कर ह्त्या की घटना को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए बिहरा थाना से उसकी तबादले की मांग को लेकर शव को सड़क पर रख कर आगजनी कर सहरसा-सुपौल मुख्य मार्ग के आजाद चौक के समीप सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करने कर रहे थे।तीन घंटे से जाम में लोग परेशान थे वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी जिस कारण सहरसा-सुपौल मार्ग पर तीन घंटे तक परिचालन बाधित रहा उसके बावजूद कोई भी पुलिस प्राशासन या अन्य अधिकारी जाम स्थल पर नहीं पहुंचे और ना ही जाम हटाने की जहमत उठाई।प्रशासन की तरफ से बरती जा रही लापरवाही के कारण प्रदर्शनकारियों का धीरे धीरे आक्रोश बढ़ता चला गया।तीन घंटे के बाद विलम्ब से पहुंचे सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी और एसडीओ शम्भूनाथ झा प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि इसी दौरान आजाद चौक के समीप आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर हमला बोलते हुए दौड़ा दौड़ा कर पिटाई कर दी।हालांकि मौके पर पहुंचे सदर एसडीओ और एसडीपीओ के आस्वासन पर छः घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाम समाप्त करा दिया है।
Conclusion:सच मायने में जिस तरह से बेख़ौफ़ हो अपराधी नित्य हत्या गोलीबारी की घटना को अंजाम फगे रही है तो स्वाभाविक है पुलिस पर आक्रोश उठेगा ही।और वही आक्रोश का शिकार पुलिस बनी।जरूरत है अपराध पर शीघ्र नियंत्रण करने की वरना इसी तरह पुलिस लोगों के आक्रोश का शिकार बनते जाएगा।
Body:-दरअसल घटना बिहरा थाना क्षेत्र के पटोरी गांव स्थित आज़ाद चौक की है जहां बीती रात हुयी हत्या के विरोध में आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर पुलिस विरोधी नरेबाजी कर रहे थे।इनलोगों का गुस्सा स्थानीय पुलिस की कार्यशैली को लेकर था जो अचानक बढ़े अपराध का कारण था।और यही वजह है कि आक्रोशित भीड़ के कोप का शिकार पुलिस को बनना पड़ा।आप खुद देखिये किस तरह से उग्र भीड़ पुलिस को खदेड़ रही है।इन तस्वीरों में जो दो पुलिस वाले नजर आ रहे हैं उनमें से एक नाम गिरीदेव है और दूसरे का नाम सतेंदर कुमार है जो बिहरा थाना में दोनों ASI के पद पर कार्यरत हैं।साफ तौर पर तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि आक्रोशित भीड़ के आगे दोनों पुलिस वाले किस तरह से बेबस है और अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए नजर आ रहे है।आक्रोशित भीड़ ने एक बार फिर क़ानून को अपने हाथ में लिया है और कानून के रखवाले यानी पुलिस वाले की बिच सड़कों पर जमकर धुनाई कर दी।भीड़ तंत्र के आगे एक बार फिर नीतीश सरकार सारा पुलिसिया सिस्टम बौनी साबित हो चुकी है।यह पूरी घटना उस वक्त घटी,,जब बीती रात बाइक सवार अज्ञात अपराधियों ने नरसिंग झा नामक शख्स को गोली मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।बिहरा थाना क्षेत्र के पुरीख चौक के समीप बीती रात की घटना है।मृतक बीकाजी भुजिया का कारोबारी था।मृतक की पहचान सुपौल जिले के किशनपुर निवासी नरसिंह झा के रूप में की गई है।जिसके बाद आज सहरसा के बिहरा थाना क्षेत्र में आए दिन हो रही घटनाओं से गुस्साए परिजन सहित बिहरा के ग्रामीणों ने बिहरा थाना अध्यक्ष रणवीर कुमार पर अपराधियों से सांठगांठ कर ह्त्या की घटना को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए बिहरा थाना से उसकी तबादले की मांग को लेकर शव को सड़क पर रख कर आगजनी कर सहरसा-सुपौल मुख्य मार्ग के आजाद चौक के समीप सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करने कर रहे थे।तीन घंटे से जाम में लोग परेशान थे वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी जिस कारण सहरसा-सुपौल मार्ग पर तीन घंटे तक परिचालन बाधित रहा उसके बावजूद कोई भी पुलिस प्राशासन या अन्य अधिकारी जाम स्थल पर नहीं पहुंचे और ना ही जाम हटाने की जहमत उठाई।प्रशासन की तरफ से बरती जा रही लापरवाही के कारण प्रदर्शनकारियों का धीरे धीरे आक्रोश बढ़ता चला गया।तीन घंटे के बाद विलम्ब से पहुंचे सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी और एसडीओ शम्भूनाथ झा प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि इसी दौरान आजाद चौक के समीप आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर हमला बोलते हुए दौड़ा दौड़ा कर पिटाई कर दी।हालांकि मौके पर पहुंचे सदर एसडीओ और एसडीपीओ के आस्वासन पर छः घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाम समाप्त करा दिया है।
Conclusion:सच मायने में जिस तरह से बेख़ौफ़ हो अपराधी नित्य हत्या गोलीबारी की घटना को अंजाम फगे रही है तो स्वाभाविक है पुलिस पर आक्रोश उठेगा ही।और वही आक्रोश का शिकार पुलिस बनी।जरूरत है अपराध पर शीघ्र नियंत्रण करने की वरना इसी तरह पुलिस लोगों के आक्रोश का शिकार बनते जाएगा।