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गार्ड और ड्राइवर अधिकारी बन करते थे छापेमारी, वसूलते थे मोटी रकम, गिरफ्तार - प्राथमिकी दर्ज

जिले के हथुआ अनुमंडल के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के सरकारी गार्ड एवं ड्राइवर शराब कारोबारियों से मोटी रकम की वसूली करते थे. वे गैंग बनाकर छापेमारी करते थे. उनसे मोटी रकम वसूलते थे. पुलिस ने मामले की तफ्तीश की. आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस इस मामले में पदाधिकारी की भी भूमिका संदिग्ध मान जांच पड़ताल कर रही है.

लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी
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Published : Dec 18, 2020, 8:07 PM IST

गोपालगंज (हथुआ): जिले के हथुआ अनुमंडल के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी दीपू कुमार के सरकारी गार्ड औऱ ड्राइवर पर शराब कारोबारियों से मोटी रकम वसूलने का आरोप लगा है. बताया जाता है कि पदाधिकारी के ड्राइवर जिसका नाम रूपनारायण यादव है तथा गार्ड मुन्ना सिंह कुछ दलालों के माध्यम से गैंग बनाकर शराब माफियाओं के यहां छापेमारी करते थे. उन्हें पीजीआरओ के कार्यालय में लाकर रखते थे. फिर उनसे मोटी रकम की वसूली के बाद उन्हें छोड़ा जाता था. यह गोरखधंधा काफी दिनों से चल रहा था. पदाधिकारी के नेम प्लेट लगे वाहन से वे यह कार्य करते थे. जबकि महज दस कदम पर ही उनका आवास है.

प्राथमिकी के बाद हुआ मामले का खुलासा

मामला तब प्रकाश में आया, जब हथुआ थाने के सोहागपुर निवासी हृदयानंद पटेल ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस को उन्होंने बताया कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है और फिरौती में दो लाख की मांग की जा रही है. तत्काल पुलिस हरकत में आई. मोबाइल लोकेशन के आधार पर पीजीआरओ कार्यालय में छापेमारी की. वहां से गार्ड मुन्ना सिंह एवं ड्राइवर सहित 12 बोतल शराब के साथ पकड़ कर रखे गए आठ लोगों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

ड्राइवर ड्यूटी के बाद गाड़ी घर ले जाता थाः पदाधिकारी

प्रयुक्त में लाई गई स्कॉर्पियो एवं एक अन्य बोलेरो को भी हथुआ पुलिस ने जब्त कर लिया. वहीं पुलिस इस मामले में पदाधिकारी की भी भूमिका संदिग्ध मान जांच पड़ताल कर रही है. वहीं इस संबंध में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि ऑफिस की गाड़ी प्राइवेट है. ड्राइवर भी ड्यूटी के बाद अपने आवास पर चला जाता है. इस मामले की जानकारी नहीं थी.

गोपालगंज (हथुआ): जिले के हथुआ अनुमंडल के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी दीपू कुमार के सरकारी गार्ड औऱ ड्राइवर पर शराब कारोबारियों से मोटी रकम वसूलने का आरोप लगा है. बताया जाता है कि पदाधिकारी के ड्राइवर जिसका नाम रूपनारायण यादव है तथा गार्ड मुन्ना सिंह कुछ दलालों के माध्यम से गैंग बनाकर शराब माफियाओं के यहां छापेमारी करते थे. उन्हें पीजीआरओ के कार्यालय में लाकर रखते थे. फिर उनसे मोटी रकम की वसूली के बाद उन्हें छोड़ा जाता था. यह गोरखधंधा काफी दिनों से चल रहा था. पदाधिकारी के नेम प्लेट लगे वाहन से वे यह कार्य करते थे. जबकि महज दस कदम पर ही उनका आवास है.

प्राथमिकी के बाद हुआ मामले का खुलासा

मामला तब प्रकाश में आया, जब हथुआ थाने के सोहागपुर निवासी हृदयानंद पटेल ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस को उन्होंने बताया कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है और फिरौती में दो लाख की मांग की जा रही है. तत्काल पुलिस हरकत में आई. मोबाइल लोकेशन के आधार पर पीजीआरओ कार्यालय में छापेमारी की. वहां से गार्ड मुन्ना सिंह एवं ड्राइवर सहित 12 बोतल शराब के साथ पकड़ कर रखे गए आठ लोगों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

ड्राइवर ड्यूटी के बाद गाड़ी घर ले जाता थाः पदाधिकारी

प्रयुक्त में लाई गई स्कॉर्पियो एवं एक अन्य बोलेरो को भी हथुआ पुलिस ने जब्त कर लिया. वहीं पुलिस इस मामले में पदाधिकारी की भी भूमिका संदिग्ध मान जांच पड़ताल कर रही है. वहीं इस संबंध में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि ऑफिस की गाड़ी प्राइवेट है. ड्राइवर भी ड्यूटी के बाद अपने आवास पर चला जाता है. इस मामले की जानकारी नहीं थी.

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