सहरसा : अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सियासी बयानबाजियां थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी कड़ी में एससी-एसटी मंत्री रत्नेश सादा ने बीजेपी को खुला चैलेंज दिया है कि यदि बीजेपी का कोई आदमी सनातन का अर्थ बता दें या फिर उसकी रक्षा किसने की है, यह बता देंगे तो मैं उसका गुलाम हो जाऊंगा. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि इससे बड़ा सनातन विरोधी और धर्म विरोधी दूसरा कोई नहीं है. नरेंद्र मोदी सबसे बड़ा पाखंडी हैं.
'नरेंद्र मोदी सबसे बड़े पाखंडी' : सहरसा के सोनबरसा राज विधानसभा क्षेत्र के विधायक सह मंत्री रत्नेश सदा ने गुरुवार को सहरसा स्थित अपने घर पर बीजेपी सहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और खूब खरी खोटी सुनाई. कबीरपंथ के माध्यम से बीजेपी को सनातन धर्म के ज्ञान का बोध कराने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि कहीं भी यज्ञ व विधि विधान होता है तो वहां पति पत्नी रहते हैं, पर नरेंद्र मोदी न तो पत्नी को तलाक दिए न ही छोड़े हैं और बेगाना रहते हैं. आनंदी बेन पटेल को प्राण प्रतिष्ठा में ले जाएंगे पर पत्नी को नहीं ले जाएंगे.
"नरेंद्र मोदी से बड़ा कोई सनातन विरोधी, धर्म विरोधी दूसरा कौन है. यह पाखंडी है और नौटंकी कर रहा है. हम एक बात कहते है कि राम विरोधी कौन है. एक भी किसी जाति, किसी धर्म में राम एक है, अल्लाह एक है. येलोग तो देश को जात पात में बांटकर बर्बाद किया है. ये लोग अंग्रेज का गुलाम और चमचा है."- रत्नेश सदा, मंत्री, बिहार सरकार
'पहले राष्ट्रपति को भेजे आमंत्रण': वहीं जब इनसे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण मिलने के बाद कौन-कौन शामिल होंने की बात पूछी गई, तो उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या देश की महामहिम द्रोपदी मुर्मू को आमंत्रित किया गया है. द्रोपदी मुर्मू को आमंत्रित करना चाहिए न, अभी तक क्यों नहीं आमंत्रित किया गया है? उन्होंने स्पष्ट कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर दिया गया है. 2024 को लेकर बीजेपी जल्दबाजी कर रही है. लोगों की भावना को भड़का रही है. गांव-गांव अक्षत पहुंचा रही है.
'राम मंदिर का दिखावा सिर्फ मुद्दे से भटकाने के लिए' : रत्नेश सदा ने कहा कि कौन जनता है कि वह अक्षत लेकर वहां जाता है या रास्ते में फेंक देगा. यह तो ढोंग किया है. राम तो पूरे विश्व में व्याप्त हैं. हर जाति, हर वर्ग, सभी धर्म के बीच राम व्याप्त है. उन्होंने सवालिए लहजे में कहा कि पहले कितने राम हैं, उन्हें पता है. किस राम की ये भक्ति कर रहे हैं. उन्हें बताना चाहिए न. उन्होंने कहा कि राम के चार स्वरूप हैं. ये तो सिर्फ दिखवा कर रहे हैं. जनता नहीं मानने वाली है. उसको बात करना चाहिए, महंगाई पर, बेरोजगारी पर, इन मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए रामलला रामलला करते फिर रहे हैं.
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