सहरसा: बिहार के सहरसा में रक्तकाली चौसठ महायोगिनी मेला का जिलाधिकारी वैभव कुमार चैधरी ने उद्घाटन किया. इस उद्घाटन कार्यक्रम में डीएम, सदर थाना अध्य्क्ष श्री राम सिंह, मेला कमिटी के अध्यक्ष मोहन झा सहित कई मेला के कार्यकर्ता मौजूद रहे. यह मेला 14 जनवरी तक चलेगा, इसमें विभिन्न राज्यों के व्यापारी आए हैं. वहीं यहां कई तरह के झूले लगाए गए हैं. इस मेले में कोशी क्षेत्र के अलावा नेपाल से भी लोग मेला देखने आते हैं.
1999 से हो रहा आयोजन: मेले में विभिन्न सामानों से लबालब दुकानें सजी हुई हैं. मौत का कुआं, डिजनीलैंड, रंग बिरंगे झूले सहित अन्य मनोरजक इंतजाम किए गए हैं. मेला कमिटी के अमृतराज का कहना है कि यह एक अनूठा मेला है जिसमें सभी धर्मों के लोग आकर आपसी भाईचारे को दिखाते हुए मेला का भरपूर आनंद उठाते हैं. जीवन की आपाधापी और अंधदौड़ में आज हम कहीं खो से गए हैं. मेला निश्चित रूप से खुद और औरों को सहेजने और बटोरने का मौका देता है. यह मेला वर्ष 1999 से आयोजित होता आ रहा है.
"महायोगिनी मेला में जहां भारत के विभिन्य प्रान्तों की कला, कृतियों को देखा जा सकता है, वहीं अपनी संस्कृति को संरक्षित रखते हुए उसके संवर्धन के पुख्ता प्रयास भी किये जा सकते हैं. देश के विभिन्न प्रान्तों से दुकानदार पहुंचे है, वहीं लोगों के मनोरंजन के लिए अनेक संसाधन लगायें गए है, यहां आने के बाद लोगों को भरपूर मनोरंजन का मौका मिलेगा." -अमृतराज, सदस्य, मेला कमिटी
प्रशासन की ओर से की गई पूरी तैयारी: मेले में डिजनीलैंड, मौत का कुआं, ब्रेक झूला सहित कई और आकर्षण के केंद्र हैं. वहीं मेले में पहुंचे डीएम वैभव चौधरी ने कहा कि "रक्तकाली चौसठ योगनी मेले का शुभारंभ किया गया है. यह मेला एक महीने तक चलेगा, जिसमें देश के विभिन्न प्रान्तों से दुकानदार आएं हैं. डेढ़ से दो सौ तक यहां दुकाने लगाई जाएंगी. लोगों से अपील है कि मेला आकर आनंद उठाएं, उनके आने से दुकानदारों का भी मनोबल बढ़ेगा." बता दें कि पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है. सभी पोस्ट पर पुलिस के अलावे मजिस्ट्रेट को तैनात किया गया है.
पढ़ें-15 दिसंबर को सहरसा में महायोगिनी मेला का शुभारंभ, मेले को लेकर तैयारियां पूरी