सहरसा: डीएम कृष्णैया हत्याकांड मामले में जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह को आनन-फानन में सहरसा मंडलकारा से भागलपुर जेल में शिफ्ट किया. प्रशासनिक कार्रवाई पर पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी और सहरसा विधानसभा से आरजेडी प्रत्याशी लवली सिंह ने पक्षपात का आरोप लगाया है. वहीं, मेडिकल बोर्ड के निर्देश पर 20 दिनों के बेड रेस्ट के बावजूद जेल में शिफ्ट किया गया. जिस पर पूर्व सांसद के जान पर खतरा का आरोप लगाते हुए सरकार और प्रशासन को ही कठघरे में खड़ा किया है.
सरकार और प्रशासन लगाई आरोप
दरअसल, गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व सांसद इन दिनों सहरसा मंडलकारा में बंद थे. जिन्हें देर रात लगभग 2 बजे भारी सुरक्षाबल के साथ बिना किसी पूर्व सूचना के भागलपुर जेल ले जाया गया. जबकि, पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद सहरसा विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने प्रशासनिक कार्रवाई पर कहा कि आनंद मोहन सिंह की सेहत बहुत अच्छी नहीं है. मेडिकल बोर्ड ने इन्हें 20 दिनों तक बेड रेस्ट की सलाह दी थी. पर नियम कानून को ताक पर रख बिहार सरकार के निर्देश पर मुझे हराने के लिए सरकार और प्रशासन ने यह साजिश की है.
रातों- रात ले जाना कहां का कानून है ?
उन्होंने सरकार और प्रशासन से आनंद मोहन को जान का खतरा बताते हुए गंभीर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत नीतीश कुमार ने जेल में डाल कर इनकी राजनीतिक करियर खराब कर दी. जबसे जेल में हैं फिर भी इन्हें चैन से रहने नहीं दिया जा रहा है. मुझे तो अपने पति की जान पर खतरा नजर आ रहा है और बीच रात में उठाकर कहीं ले जाना कहां का कानून है?
तेजस्वी मुख्यमंत्री बनना तय
इधर, उन्होंने कहा कि मैं सहरसा, शिवहर के अलावे समूचे बिहार में जीत रही हूं. नीतीश सरकार का जाना तय है और इस बार बिहार की गद्दी पर तेजस्वी आसीन होगा और उनका मुख्यमंत्री बनना तय है.सच मायने में जिस तरह से जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह को बिना सूचना सहरसा से भागलपुर जेल में शिफ्ट किया गया. वह निश्चित रूप से पक्षपात पूर्ण लगता है.