सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में शुक्रवार 3 नवंबर को बिहार राज्य आगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आंगनबाड़ी सेविकाओं ने जुलूस निकाल कर सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन किया. यह जुलूस जिला परिषद से निकलकर डीबी रोड होते हुए समाहरणालय गेट पहुंचा. जहां आंगनबाड़ी सेविकाओं ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी जमकर नारेबाजी की. इस धरना-प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष रूबी कुमारी सहित कई आंगनबाड़ी सेविका संगठन की सदस्य मौजूद रहीं.
"हमलोगों की 5 मांगें है. पहली मांग है कि हमलोगों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. सरकार का ऐसा कोई काम नहीं है जो आगनबाड़ी सेविका नहीं करती है. सरकार से बार बार हमलोग मांग करते रहते हैं लेकिन ये सरकार सुनने के लिए तैयार नहीं है."- रूबी कुमारी, जिला अध्यक्ष, बिहार राज्य आगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति
सरकार डरा रही हैः आंगनबाड़ी संगठन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि दो दिन पहले उनलोगों की प्रधान सचिव से बात हुई थी. उसमें भी यह नहीं कहा गया कि हमलोगों को कितना मानदेय दिया जाएगा. बस हड़ताल तोड़ने की बात कह रहे थे. हम गरीब लोगों को मजबूरी में सड़क पर उतरना पड़ा है. सरकार रोज नोटिस के माध्यम से आंगनबाड़ी सेविका को डराने और धमकाने का काम करती है. 24 घण्टे के अंदर काम पर वापस नहीं आने पर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है.
सत्ता में आने पर वादा खिलाफीः आंगनबाड़ी सेविका संगठन की राज्य उपाध्यक्ष पार्वती कुमारी की मानें तो जब राजनीतिक दल जब सत्ता में नहीं होते हैं तो कहते हैं कि आंगनबाड़ी सेविका को वेतनमान कर देंगे. जब गद्दी पर आता है तो वादा खिलाफी करते हैं. इसलिए जबतक हमलोगों का वेतनमान नहीं होगा तबतक कोई काम नहीं होगा.
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