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Anand Mohan: 'गांधीजी, चंद्रशेखर, वीपी सिंह और लालू भी मेरे घर आ चुके हैं तो नीतीश..' RJD को आनंद मोहन का जवाब

आनंद मोहन ने बिना नाम लिए लालू यादव और आरजेडी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गांधीजी, चंद्रशेखर, वीपी सिंह और खुद लालू मेरे घर आ चुके हैं तो नीतीश के आने पर चील पो क्यों हो रहा है? दरअसल 27 अक्टूबर को सहरसा में आनंद मोहन के पैतृक गांव में स्वतंत्रता सेनानी रामबहादुर सिंह की आदमकद प्रतिमा का अनावरण है. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया है. इसको लेकर महागठबंधन में घमासान मचा है.

गांधीजी, चंद्रशेखर, वीपी सिंह और लालू भी मेरे घर आ चुके हैं
गांधीजी, चंद्रशेखर, वीपी सिंह और लालू भी मेरे घर आ चुके हैं
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 19, 2023, 12:46 PM IST

पूर्व सांसद आनंद मोहन

सहरसा: ठाकुर विवाद के बाद से आनंद मोहन और आरजेडी के बीत तल्खी काफी बढ़ी हुई है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूर्व सांसद आनंद मोहन ने सहरसा स्थित अपने पैतृक गांव में एक कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया है. नीतीश आएंगे या नहीं इसको लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन आरजेडी और जेडीयू के नेता एक दूसरे पर जमकर हमलावर हैं. इसको लेकर आनंद मोहन ने भी आरजेडी पर बिना नाम लिए इशारों इशारों में अपनी भड़ास निकाली.

पढ़ें- Anand Mohan Meets Nitish Kumar : 'ठाकुर' विवाद के बीच नीतीश से मिले आनंद मोहन, आधे घंटे हुई बात

आनंद मोहन का आरजेडी को करारा जवाब: बता दें कि 27 अक्टूबर को सहरसा में आनंद मोहन के पैतृक गांव में उनके बड़े पिता और स्वतंत्रता सेनानी रहे रामबहादुर सिंह की आदमकद मूर्ति का अनावरण है. आनंद मोहन ने इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है. इसको लेकर राजनीति खूब हो रही है. आरजेडी और जेडीयू के नेता आपस में भिड़ रहे हैं.

'नीतीश ही नहीं लालू भी मेरे घर आ चुके..': मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगामी 27 अक्टूबर को पूर्व सांसद आनंद मोहन के गांव पंचगछियां आगमन को लेकर कयासों का बाजार गर्म है. कार्यक्रम को लेकर आनंद मोहन ने कहा कि नीतीश कुमार कोई पहली बार हमारे घर आए हैं कि इसके पहले भी आए थे? गांधी जी मेरे गांव और घर आए, प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी, वीपी सिंह मेरे सहरसा स्थित घर आ चुके हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

"कई कई प्रधानमंत्री मेरे घर आये हैं. मुख्यमंत्री जी मेरे घर आये हैं. लालू जी हमारे घर नहीं आए हैं? मेरे यहां मंगनलाल मेमोरियल म्यूजिक कॉलेज का शिलान्यास तो लालू जी कर के गए थे, जिसका अनावरण करने नीतिश जी आ रहे हैं. उसका शिलान्यास करने लालू जी और शेखावत जी आये थे. नेपाल सरकार के मंत्री गजेंद्र बाबू आये थे."- आनंद मोहन, पूर्व सांसद

'नीतीश के आने को लेकर चील को क्यों?': उन्होंने आगे कहा कि आज अगर नीतीश आ रहे हैं तो इसपर चील पो की क्या जरूरत है. एक स्वतंत्रता सेनानी को घसीटकर आपलोग अपमान कर रहे हैं. एक व्यक्ति जिसको कोसी का गांधी कहा जाता है,एक व्यक्ति 1942 का युवा क्रांतिकारी था,ब्रह्मचारी दल के नाम से अंग्रेज कांपते थे. उस कोसी के गांधी रामबहादुर बाबू की प्रतिमा का अनावरण है. उस प्रखर स्वतंत्रता सेनानी पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी जो मेरे बड़े बाबूजी थे, उनकी प्रतिमा का अनावरण है.

'RJD में ही रहेंगे लवली और चेतन': वहीं शिवहर विधायक चेतन आनंद और पूर्व सांसद लवली आनंद के राजद छोड़कर जदयू में शामिल होने के कयासों पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि लवली आंनद राजद में हैं और चेतन आनंद राजद के विधायक हैं. इससे कौन मना कर रहा है.

'हमारी कोई पार्टी हो सकती है क्या?': आनंद मोहन ने उन्होंने स्पष्ट कहा कि मेरा छोटा बेटा अंशुमन आनंद राजद में नहीं है. आनंद मोहन राजद नहीं हैं उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हम जब जेल में थे तो हमारी कोई पार्टी हो सकती है क्या? अब आप लोग ही बताइये जब हम 16 साल से जेल में थे तो हमारी कोई पार्टी थी. लवली आंनद की पार्टी है. आरजेडी के चेतन आनंद विधायक हैं, इससे कौन मना कर रहा है.

'किसी पार्टी में शामिल होने की हड़बड़ाहट नहीं': फिलवक्त पूर्व सांसद आंनद मोहन ने उन सारे कयासों पर पूर्ण विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि लवली आनंद और राजद विधायक चेतन आनंद राजद छोड़कर कहीं जाने वाले नहीं हैं. वहीं खुद भी किसी पार्टी में शामिल होने की हड़बड़ाहट नहीं होने का संकेत भी दे दिया. साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सीएम के दौरे का कोई राजनीतिक मायने नहीं,यह मात्र स्वतंत्रता सेनानी का प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम मात्र है.

पूर्व सांसद आनंद मोहन

सहरसा: ठाकुर विवाद के बाद से आनंद मोहन और आरजेडी के बीत तल्खी काफी बढ़ी हुई है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूर्व सांसद आनंद मोहन ने सहरसा स्थित अपने पैतृक गांव में एक कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया है. नीतीश आएंगे या नहीं इसको लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन आरजेडी और जेडीयू के नेता एक दूसरे पर जमकर हमलावर हैं. इसको लेकर आनंद मोहन ने भी आरजेडी पर बिना नाम लिए इशारों इशारों में अपनी भड़ास निकाली.

पढ़ें- Anand Mohan Meets Nitish Kumar : 'ठाकुर' विवाद के बीच नीतीश से मिले आनंद मोहन, आधे घंटे हुई बात

आनंद मोहन का आरजेडी को करारा जवाब: बता दें कि 27 अक्टूबर को सहरसा में आनंद मोहन के पैतृक गांव में उनके बड़े पिता और स्वतंत्रता सेनानी रहे रामबहादुर सिंह की आदमकद मूर्ति का अनावरण है. आनंद मोहन ने इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है. इसको लेकर राजनीति खूब हो रही है. आरजेडी और जेडीयू के नेता आपस में भिड़ रहे हैं.

'नीतीश ही नहीं लालू भी मेरे घर आ चुके..': मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगामी 27 अक्टूबर को पूर्व सांसद आनंद मोहन के गांव पंचगछियां आगमन को लेकर कयासों का बाजार गर्म है. कार्यक्रम को लेकर आनंद मोहन ने कहा कि नीतीश कुमार कोई पहली बार हमारे घर आए हैं कि इसके पहले भी आए थे? गांधी जी मेरे गांव और घर आए, प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी, वीपी सिंह मेरे सहरसा स्थित घर आ चुके हैं.

ईटीवी भारत GFX
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"कई कई प्रधानमंत्री मेरे घर आये हैं. मुख्यमंत्री जी मेरे घर आये हैं. लालू जी हमारे घर नहीं आए हैं? मेरे यहां मंगनलाल मेमोरियल म्यूजिक कॉलेज का शिलान्यास तो लालू जी कर के गए थे, जिसका अनावरण करने नीतिश जी आ रहे हैं. उसका शिलान्यास करने लालू जी और शेखावत जी आये थे. नेपाल सरकार के मंत्री गजेंद्र बाबू आये थे."- आनंद मोहन, पूर्व सांसद

'नीतीश के आने को लेकर चील को क्यों?': उन्होंने आगे कहा कि आज अगर नीतीश आ रहे हैं तो इसपर चील पो की क्या जरूरत है. एक स्वतंत्रता सेनानी को घसीटकर आपलोग अपमान कर रहे हैं. एक व्यक्ति जिसको कोसी का गांधी कहा जाता है,एक व्यक्ति 1942 का युवा क्रांतिकारी था,ब्रह्मचारी दल के नाम से अंग्रेज कांपते थे. उस कोसी के गांधी रामबहादुर बाबू की प्रतिमा का अनावरण है. उस प्रखर स्वतंत्रता सेनानी पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी जो मेरे बड़े बाबूजी थे, उनकी प्रतिमा का अनावरण है.

'RJD में ही रहेंगे लवली और चेतन': वहीं शिवहर विधायक चेतन आनंद और पूर्व सांसद लवली आनंद के राजद छोड़कर जदयू में शामिल होने के कयासों पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि लवली आंनद राजद में हैं और चेतन आनंद राजद के विधायक हैं. इससे कौन मना कर रहा है.

'हमारी कोई पार्टी हो सकती है क्या?': आनंद मोहन ने उन्होंने स्पष्ट कहा कि मेरा छोटा बेटा अंशुमन आनंद राजद में नहीं है. आनंद मोहन राजद नहीं हैं उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हम जब जेल में थे तो हमारी कोई पार्टी हो सकती है क्या? अब आप लोग ही बताइये जब हम 16 साल से जेल में थे तो हमारी कोई पार्टी थी. लवली आंनद की पार्टी है. आरजेडी के चेतन आनंद विधायक हैं, इससे कौन मना कर रहा है.

'किसी पार्टी में शामिल होने की हड़बड़ाहट नहीं': फिलवक्त पूर्व सांसद आंनद मोहन ने उन सारे कयासों पर पूर्ण विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि लवली आनंद और राजद विधायक चेतन आनंद राजद छोड़कर कहीं जाने वाले नहीं हैं. वहीं खुद भी किसी पार्टी में शामिल होने की हड़बड़ाहट नहीं होने का संकेत भी दे दिया. साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सीएम के दौरे का कोई राजनीतिक मायने नहीं,यह मात्र स्वतंत्रता सेनानी का प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम मात्र है.

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