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क्वारंटीन सेंटर छोड़ते वक्त भावुक हुए मजदूर, स्कूल की जमीन को चूमा

क्वारंटाइन सेंटर से बाहर निकलते समय प्रवासी मजदूरों ने स्कूल की जमीन को सिर झुका कर चूम लिया. साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल अनिल सिंह को गले लगाकर उनका शुक्रिया भी अदा किया. प्रिंसिपल ने सभी मजदूरों को फूल की माला पहनाकर रवाना किया.

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Published : Jun 6, 2020, 12:56 PM IST

रोहतास: जिले के तिलौथू प्रखंड के पतलुका मध्य विद्यालय में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर ने पूरे बिहार में अपनी एक अलग पहचान बना ली है. यहां रह रहे मजदूरों का विद्यालय प्रबंधकों के साथ एक अनोखा संबंध जुड़ गया है. इनके बीच इतना लगाव हो गया कि यहां से जाते वक्त सभी मजदूर भावुक हो गए.

फूल की माला पहनाकर दी विदाई
क्वारंटीन सेंटर में अपना समय पूरा कर चुके मजदूरों के वापस जाने वक्त विद्यालय प्रबंधक की तरफ से उन्हें फूल की माला पहना कर रवाना किया गया. इस क्वारंटीन सेंटर में प्रवासी मजदूरों के लिए बेहद खास इंतजाम किए गए थे. इतना ही नहीं इस सेंटर पर मासूम बच्चों के लिए विद्यालय प्रबंधक की तरफ से दूध से लेकर हर जरूरी चीजों का भी इंतजाम किया गया था ताकि मासूमों को इस भी तरह की कोई तकलीफ ना हो.

देखें रिपोर्ट

मजदूरों को नहीं हुई कोई दिक्कत
वहीं, यहां रह रहे प्रवासी मजदूरों ने भी विद्यालय में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया. कई मजदूरों ने विद्यालय परिसर में हरी सब्जी की खेती भी की. उन्होंने बताया कि यहां उन्हें किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं हुई. यहां उनका ख्याल अपनों की तरह रखा गया.

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फूल की माला पहना कर दी विदाई

रोजाना कराया गया योगा
इस मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल अनिल सिंह ने बताया कि क्वारंटीन सेंटर पर आए हुए प्रवासी मजदूरों का हर तरह से ख्याल रखा गया. इन मजदूरों ने भी अच्छी तरह से सभी नियमों का पालन किया. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मजदूरों को प्रतिदिन योगा कराया गया.

रोहतास: जिले के तिलौथू प्रखंड के पतलुका मध्य विद्यालय में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर ने पूरे बिहार में अपनी एक अलग पहचान बना ली है. यहां रह रहे मजदूरों का विद्यालय प्रबंधकों के साथ एक अनोखा संबंध जुड़ गया है. इनके बीच इतना लगाव हो गया कि यहां से जाते वक्त सभी मजदूर भावुक हो गए.

फूल की माला पहनाकर दी विदाई
क्वारंटीन सेंटर में अपना समय पूरा कर चुके मजदूरों के वापस जाने वक्त विद्यालय प्रबंधक की तरफ से उन्हें फूल की माला पहना कर रवाना किया गया. इस क्वारंटीन सेंटर में प्रवासी मजदूरों के लिए बेहद खास इंतजाम किए गए थे. इतना ही नहीं इस सेंटर पर मासूम बच्चों के लिए विद्यालय प्रबंधक की तरफ से दूध से लेकर हर जरूरी चीजों का भी इंतजाम किया गया था ताकि मासूमों को इस भी तरह की कोई तकलीफ ना हो.

देखें रिपोर्ट

मजदूरों को नहीं हुई कोई दिक्कत
वहीं, यहां रह रहे प्रवासी मजदूरों ने भी विद्यालय में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया. कई मजदूरों ने विद्यालय परिसर में हरी सब्जी की खेती भी की. उन्होंने बताया कि यहां उन्हें किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं हुई. यहां उनका ख्याल अपनों की तरह रखा गया.

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फूल की माला पहना कर दी विदाई

रोजाना कराया गया योगा
इस मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल अनिल सिंह ने बताया कि क्वारंटीन सेंटर पर आए हुए प्रवासी मजदूरों का हर तरह से ख्याल रखा गया. इन मजदूरों ने भी अच्छी तरह से सभी नियमों का पालन किया. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मजदूरों को प्रतिदिन योगा कराया गया.

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