रोहतास: बिहार में नीतीश कुमार की सरकार के बनते ही सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चलाया गया था. अब 15 साल के कार्यकाल में नीतीश सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का खूब ढिढोरा पीटा. लेकिन इन गावों की असलियत बिल्कुल विपरीत है. रोहतास का काराकाट प्रखण्ड भी अधिकारियों के बंदरबांट के इस खेल से अछूता नहीं है.
डेहरी-बिक्रमगंज स्टेट हाइवे हो या गांव का मुख्य मार्ग सभी जर्जर हालत में हैं. सड़कों पर चलना सीधे मौत को दावत देना है. हालात यह है कि गड्ढों के कारण अब लोगों की जान जाने लगी है. जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी किसी को इसकी सुध नहीं है. सभी मकूदर्शक बने हुए हैं.
लोगों के लिए बना परेशानी का सबब
काराकाट प्रखंड क्षेत्र के गोडारी मुख्य पथ से संपर्क पथ बुढ़वल, देनरी से घरवासडीह पथ का हाल-बेहाल है. इसकी स्थिति बिल्कुल जर्जर हो चुकी है. यहां तक की गोडारी से घरवासडीह तक सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है. सड़क बुढ़वल गेट से बुढ़वल देनरी, बगनाहा होते हुए घरवासडीह मेन रोड नासरीगंज से अरवल नेशनल हाइवे में मिलती है. जिसे पटना-औरंगाबाद इसी रास्ते से होकर जाते-आते है.
50 गांवों को जोड़ती है सड़क
पांच पंचायत के लगभग 50 गांव को प्रखंड कार्यालय से जोड़ने वाला यह पथ बिल्कुल जर्जर हो चुका है. इस पथ से 50 हजार की आबादी जान जोखिम में डालकर प्रखण्ड मुख्यालय तक पहुंचते हैं. बता दें कि इस पथ से 50 हजार से ज्यादा आबादी जुड़ी हुई है, जो प्रतिदिन इसका दंश झेल रही है. ग्रामीण कहते हैं कि यह पथ नारकीय स्थिति में पहुंच चुका है. यहां आना समझो जान को जोखिम में डालना है. इस कारण लगभग 10 किलोमीटर ज्यादा रास्ता तय कर ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय पहुंच पाते हैं.
बरसात में दोगुनी हो जाती है परेशानी
प्रखण्ड मुख्यालय पहुंचने और गोडारी बाजार आने वाले लोगों को जान जोखिम में डालकर इस पथ से आना पड़ता है. अभी तो बरसात का मौसम है. ऐसे में पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क. यह सड़क इटिम्हा-सकला पथ को पार करते हुए घरवासडीह पहुंचती है. इसी पथ से देव मार्कण्डेय सूर्य मंदिर तक पहुंच सकते हैं. लगभग 15 वर्षों से इस सड़क की ऐसी स्थिति है. जबकि वतर्मान में यहां से केंद्र सरकार में जदयू के सीट से महाबली सिंह कुशवाहा सांसद है. वही काराकाट विधानसभा से राजद के संजय यादव विधायक हैं.