रोहतास: कैमूर पहाड़ी जिले में एक अलग पहचान बनाए हुई है. यहां पहाड़ी के गोद में खूबसूरत वादी का अद्भुत नजारा बसा है. रोहतास के लोग इसे किसी जन्नत से कम नहीं समझते हैं. खूबसूरत वादी का मनोरम दृश्य लोगों को खूब आकर्षित करते हैं. इस वादी में हर साल हजारों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं.
खूबसूरत वादी के कारण मुश्किलें भी लगती हैं आसान
दुर्गम रास्ते की वजह से सैलानियों को वहां तक पहुंचने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बावजूद इसके खूबसूरत वादी की जगह होने से उन्हें मुश्किलें भी आसान लगने लगती है. कहा जाता है कि सैलानी इस जगह को रोहतास का जन्नत कहते हैं. सैलानी यहां झरने का खूब लुत्फ उठाते हैं. बिहार के कई हिस्सों से यहां पर सैलानी पहुंचते हैं. बरसात शुरू होते ही सैलानियों का आना-जाना शुरू हो जाता है.
शिमला और देहरादून की वादियों से कम नहीं है
कैमूर पहाड़ी की गोद में कई कुंड बसे हैं. यहां मंझार कुंड, सीता कुंड और धुंआ कुंड मौजूद है. यहां की खूबसूरती शिमला और देहरादून की वादियों से कम नहीं है. बिहार के कई हिस्सों से यहां पर लोग पहुंचते हैं और इन खूबसूरत वादियों का मजा लेते हैं. इन खूबसूरत वादियों के बीच बसे झरने को देखकर लोगों का दिल बाग-बाग हो जाता है. लोग झरने में नहाकर भी यहां का लुप्त उठाते हैं.
प्रशासन की अनदेखी
हालांकि प्रशासन की अनदेखी से यह वादी एक बड़े पर्यटक स्थल के रूप में नहीं उभर सका. सैलानियों को यहां किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है, जिसके कारण उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. वहीं प्रशासन की अनदेखी की वजह से यहां कभी-कभी लोगों की जाने तक चली जाती है. नए लोगों के लिए यह जगह काफी खतरनाक भी साबित होता है. इसका कारण यह है कि लोगों को यह पता नहीं रहता कि जिस जगह पर झरने का आनंद लेने के लिए जा रहे हैं वह काफी खतरनाक है. वही प्रशासन अगर इसकी निगरानी करे, तो यहां पर काफी तादाद में पर्यटक पहुंच सकते हैं.