ETV Bharat / state

सिल्क्यारा टनल से बाहर आए सुशील ने बताई दास्तां, कैसी थी 17 दिनों तक जिंदगी - ETV Bharat News

उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे बिहार के सभी मजदूर वापस घर लौट आए हैं. इनमें से एक रोहतास के रहने वाले सुशील शर्मा भी है. 17 दिनों के बाद टनल से रेस्क्यू होकर वह भी अब अपने घर पहुंच चुके हैं. उनके घर पहुंचते ही उनके स्वागत में ग्रामीणों की भीड़ ढोल-नगाड़े और गाजे बाजे के साथ उनके घर पहुंच गई. पढ़ें पूरी खबर..

रोहतास लौटा सुशील
रोहतास लौटा सुशील
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 1, 2023, 6:56 PM IST

सिल्क्यारा टनल से रेस्क्यू होकर रोहतास लौटा सुशील शर्मा

रोहतास : उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे बिहार के पांच मजदूर वापस घर लौट आए हैं. ऐसे में बिहार के रोहतास के रहने वाले सुशील शर्मा भी एक हैं जो 17 दिनों तक टनल में फंसे रहे. इसके बाद रेस्कयू कर 41 मजदूरों के साथ उन्हें भी सकुशल बाहर निकल लिया गया. वह चार अन्य मजदूरों के साथ राजधानी पटना पहुंचे. इसके बाद अधिकारियों के साथ वह अपने पैतृक गांव चंदनपुरा आए.

गाजे-बाजे के साथ ग्रामीणों ने किया स्वागत : मजदूर सुशील शर्मा जैसे ही तिलौथू स्थित चंदनपुरा अपने पेतृक गांव पहुंचे. उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी. गांव के लोगों ने ढोल नगाड़े के साथ उनका स्वागत किया. वहीं उन्हें देखने व गले लगाने को गांव के लोग बेताब रहे. मजदूर सुशील शर्मा के गांव लौटने की जानकारी मिलने पर स्थानीय अधिकारियों का दल भी उनके स्वागत में पहुंचा. इसके बाद प्रखंड कार्यालय ले जाकर उन्हें माला पहनकर स्वागत किया गया. इस दौरान श्रम विभाग के अधिकारी तथा बीडीओ भी मौजूद थे.

परिवारवालों ने लगाया गले : सुशील शर्मा जब अपने घर पहुंचे तो उनके परिवार वालों ने उन्हें गले लगा लिया. इसके बाद वह खुद भाव विभोर हो उठे. इसके बाद उनकी पत्नी ने पैर छुए तथा उनकी आरती उतारी. वहीं उन्होंने बच्चों को गले लगा लिया. उन्होंने मीडिया को बताया कि "उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने उन लोगों से बात कि, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री तो दूर सरकार के किसी भी मंत्री व अधिकारियों ने उन लोगों से बात करना भी मुनासिब नहीं समझा".

18 घण्टे बाद मिली ऑक्सीजन : टनल से लौटे सुशील शर्मा के चेहरे के भाव अब भी उस मंजर की गवाही दे रहे थे. वह बताते हैं कि उन्होंने आस छोड़ दी थी. 18 घण्टे बाद जब ऑक्सीजन मिली तो जिंदगी की उम्मीद बनी. उन्होंने बताया कि मुरही, चना व किशमिश खाकर उन्होंने किसी तरह दिन व रात गुजारे तथा पीने के नाम पर केमिकल युक्त पानी भी पीना पड़ा. इस संकट की घड़ी में फंसे मजदूरों ने एक दूसरे को दिलासा देकर हौसला अफजाई करते रहें.

घर लौटने पर सुशील का स्वागत करती पत्नी
घर लौटने पर सुशील का स्वागत करती पत्नी

"टनल के अंदर 18 घंटा जो जिंदगी बीता उस दौरान ऐसा लगा कि बाहर अब नहीं निकल पाएंगे. इसके बाद जब बाहर से ऑक्सीजन मिला और खाना पीना मिलने लगा, तब जाकर लगा की हां, अब हमलोगों की जिंदगी बच जाएगी." - सुशील शर्मा, मजदूर

पत्नी के आंख में आ गए आंसू : 17 दिन तक टनल में फंसे रहने के बाद वापस अपने पैतृक घर लौटने पर उनकी पत्नी गुड़िया देवी ने जब पति को देखा तो उनकी आंखें भर आई. उन्होंने बताया कि जब उनके पति फंसे थे तो बच्चे बार-बार पूछते थे मम्मी पापा कब आएंगे वह हर बार बच्चों को दिलासा देती थी. बेटा जल्दी आ जाएंगे. उन्होंने बताया कि वह दिन कैसे गुजरे किसी से कल्पना नहीं की जा सकती है. सोचा नहीं जा सकता है. आज जब उनके पति घर लौट आए तो ऐसा लगा मानो बहार आ गया. श्रम विभाग से पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि बिहार सरकार की तरफ से उन्हें श्रम कार्ड दिया गया है तथा पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए जल्द ही रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः

उत्तराखंड टनल में फंसे रोहतास के मजदूर के परिजनों की बढ़ी उम्मीद, मंगल घड़ी की सूचना पर भावुक हुए पिता

उत्तराखंड की टनल में फंसे आरा के सैफ, बोले पिता- 'हर रोज सिर्फ दिलासा मिल रहा, बेटे की सलामती के लिए कर रहे दुआ'

सिलक्यारा टनल में डाले गये 800 एमएम के 8 पाइप, 62 में से 45 मीटर ड्रिलिंग पूरी, जल्द मिल सकती है खुशखबरी

टनल में उत्तराखंड के गब्बर सिंह नेगी का अनुभव आया काम, पीएम ने लीडरशिप को सराहा, सभी मजदूरों का बढ़ाया हौसला

सिल्क्यारा टनल से रेस्क्यू होकर रोहतास लौटा सुशील शर्मा

रोहतास : उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे बिहार के पांच मजदूर वापस घर लौट आए हैं. ऐसे में बिहार के रोहतास के रहने वाले सुशील शर्मा भी एक हैं जो 17 दिनों तक टनल में फंसे रहे. इसके बाद रेस्कयू कर 41 मजदूरों के साथ उन्हें भी सकुशल बाहर निकल लिया गया. वह चार अन्य मजदूरों के साथ राजधानी पटना पहुंचे. इसके बाद अधिकारियों के साथ वह अपने पैतृक गांव चंदनपुरा आए.

गाजे-बाजे के साथ ग्रामीणों ने किया स्वागत : मजदूर सुशील शर्मा जैसे ही तिलौथू स्थित चंदनपुरा अपने पेतृक गांव पहुंचे. उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी. गांव के लोगों ने ढोल नगाड़े के साथ उनका स्वागत किया. वहीं उन्हें देखने व गले लगाने को गांव के लोग बेताब रहे. मजदूर सुशील शर्मा के गांव लौटने की जानकारी मिलने पर स्थानीय अधिकारियों का दल भी उनके स्वागत में पहुंचा. इसके बाद प्रखंड कार्यालय ले जाकर उन्हें माला पहनकर स्वागत किया गया. इस दौरान श्रम विभाग के अधिकारी तथा बीडीओ भी मौजूद थे.

परिवारवालों ने लगाया गले : सुशील शर्मा जब अपने घर पहुंचे तो उनके परिवार वालों ने उन्हें गले लगा लिया. इसके बाद वह खुद भाव विभोर हो उठे. इसके बाद उनकी पत्नी ने पैर छुए तथा उनकी आरती उतारी. वहीं उन्होंने बच्चों को गले लगा लिया. उन्होंने मीडिया को बताया कि "उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने उन लोगों से बात कि, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री तो दूर सरकार के किसी भी मंत्री व अधिकारियों ने उन लोगों से बात करना भी मुनासिब नहीं समझा".

18 घण्टे बाद मिली ऑक्सीजन : टनल से लौटे सुशील शर्मा के चेहरे के भाव अब भी उस मंजर की गवाही दे रहे थे. वह बताते हैं कि उन्होंने आस छोड़ दी थी. 18 घण्टे बाद जब ऑक्सीजन मिली तो जिंदगी की उम्मीद बनी. उन्होंने बताया कि मुरही, चना व किशमिश खाकर उन्होंने किसी तरह दिन व रात गुजारे तथा पीने के नाम पर केमिकल युक्त पानी भी पीना पड़ा. इस संकट की घड़ी में फंसे मजदूरों ने एक दूसरे को दिलासा देकर हौसला अफजाई करते रहें.

घर लौटने पर सुशील का स्वागत करती पत्नी
घर लौटने पर सुशील का स्वागत करती पत्नी

"टनल के अंदर 18 घंटा जो जिंदगी बीता उस दौरान ऐसा लगा कि बाहर अब नहीं निकल पाएंगे. इसके बाद जब बाहर से ऑक्सीजन मिला और खाना पीना मिलने लगा, तब जाकर लगा की हां, अब हमलोगों की जिंदगी बच जाएगी." - सुशील शर्मा, मजदूर

पत्नी के आंख में आ गए आंसू : 17 दिन तक टनल में फंसे रहने के बाद वापस अपने पैतृक घर लौटने पर उनकी पत्नी गुड़िया देवी ने जब पति को देखा तो उनकी आंखें भर आई. उन्होंने बताया कि जब उनके पति फंसे थे तो बच्चे बार-बार पूछते थे मम्मी पापा कब आएंगे वह हर बार बच्चों को दिलासा देती थी. बेटा जल्दी आ जाएंगे. उन्होंने बताया कि वह दिन कैसे गुजरे किसी से कल्पना नहीं की जा सकती है. सोचा नहीं जा सकता है. आज जब उनके पति घर लौट आए तो ऐसा लगा मानो बहार आ गया. श्रम विभाग से पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि बिहार सरकार की तरफ से उन्हें श्रम कार्ड दिया गया है तथा पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए जल्द ही रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः

उत्तराखंड टनल में फंसे रोहतास के मजदूर के परिजनों की बढ़ी उम्मीद, मंगल घड़ी की सूचना पर भावुक हुए पिता

उत्तराखंड की टनल में फंसे आरा के सैफ, बोले पिता- 'हर रोज सिर्फ दिलासा मिल रहा, बेटे की सलामती के लिए कर रहे दुआ'

सिलक्यारा टनल में डाले गये 800 एमएम के 8 पाइप, 62 में से 45 मीटर ड्रिलिंग पूरी, जल्द मिल सकती है खुशखबरी

टनल में उत्तराखंड के गब्बर सिंह नेगी का अनुभव आया काम, पीएम ने लीडरशिप को सराहा, सभी मजदूरों का बढ़ाया हौसला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.