रोहतास: सूर्योपासना के महापर्व छठ (Chhath Puja 2021) की शुरुआत हो चुकी है. नहाय खाए के साथ चार दिवसीय महानुष्ठान कार्यक्रम के तहत आज खरना (kharna 2021) पूजा है. कल छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे. डेहरी ऑन सोन स्थित सोन नदी (Son River) के किनारे नगर परिषद (Nagar Parishad Dehri-Dalmianagar) की तरफ से आदर्श छठ घाट बनाया गया है.
यह भी पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले नगर आयुक्त, 82 गंगा घाटों पर चाक चौबंद व्यवस्था, 10 खतरनाक
नगर परिषद की मुख्य पार्षद विशाखा सिंह ने बताया कि नगर परिषद ने सफाई के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है. आदर्श घाट पर छठ व्रतियों के सुविधाओं का खासा ख़्याल रखा गया है. सीसीटीवी कैमरे से पूरे घाट की मॉनिटरिंग की जाएगी. साथ ही महिलाओं के लिए सेफ चेंजिंग रूम बनाया गया है.
यह भी पढ़ें- ETV भारत पर सुनिए.. 'कांच ही बांस के बहंगिया' के साथ ही छठी मईया के कई और भक्तिमय गीत
"आदर्श घाट के पास पीने के पानी की व्यवस्था से लेकर व्रतियों के लिए अर्घ्य देने के लिए दूध व नीम के दातुन भी रखे जाएंगे. साथ ही गोताखोरों को भी तैनात किया जाएगा. सोन नद में बोट की भी व्यवस्था रहेगी. वहीं पूजा स्पेशल वाहन भी चलाये जाएंगे."- विशाखा सिंह, मुख्य पार्षद, डेहरी डालमियानगर नगर परिषद
यह भी पढ़ें- छठ पूजा में सबसे पवित्र परंपरा है "कोसी भराई", जानिए "कोसी सेवना" का महत्व और विधि
मुख्य पार्षद ने आगे बताया कि आदर्श घाट पर एम्बुलेंस एवं फर्स्ट ऐड बॉक्स के साथ ही डॉक्टरों की टीम भी मौजूद रहेगी. अग्निशामक यंत्र की भी व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं घाट पर हवन के लिए हुमाद स्थल भी बनाया जा चुका है, ताकि व्रती अर्घ्य देने के बाद हवन कर सकें. साथ ही कोविड को देखते हुए छठ पूजा के दूसरे दिन सभी घाटो को सैनिटाइज कराया जाएगा, ताकि लोग संक्रमण से सुरक्षित रहें.
यह भी पढ़ें- शाम को खीर खाकर शुरू हो जाएगा छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास, कल पहला अर्घ्य
बता दें कि छठ पूजा का दूसरे दिन आज खरना को लेकर व्रती उत्साहित हैं. खरना या लोहंडा छठ पूजा का महत्वपूर्ण दिन होता है. इस दिन व्रत रखा जाता और रात में खीर खाकर फिर 36 घंटे का कठिन व्रत रखा जाता है. इस दिन छठ पूजा के प्रसाद की तैयारी की जाती है और प्रसाद बनाया जाता है. 10 नंवबर बुधवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 11 नवंबर गुरुवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है.