रोहतास: बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Prohibition Law in Bihar)है. इसे सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस के साथ-साथ सरकार भी सख्त है. लेकिन रोहतास में सख्ती कहीं नहीं दिख रही. क्योंकि शराब पीकर पकड़े गए ठेकेदार साहब को फुल लग्जरी ट्रीटमेंट (Luxury Treatment to Arrested Drunk Person) दी जा रही है. लग्जरी गाड़ी में ही उनके साथ पुलिसवाले भी बैठ जा रहे हैं. गिरफ्तार की प्रक्रिया में उन्हें जहां-जहां ले जाया गया, उसी लग्जरी गाड़ी में ले जाया गया. मामला नगर थानाक्षेत्र का है.
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बता दें कि जिला मुख्यालय सासाराम में वाहन चेकिंग के दौरान नगर थाना की पुलिस ने चेक पोस्ट लगा रखा था. इतने में एक लग्जरी गाड़ी चेक पोस्ट पर पहुंच गई. गाड़ी के अंदर बैठे थे पोस्ट ऑफिस से लेकर बिजली विभाग तक की ठेकेदारी कराने वाले हाई प्रोफाइल शख्स अर्जुन सिंह (Drunk Contractor caught). पुलिस तो देखकर दंग रह गई क्योंकि जनाब सबके सामने पकड़े गए थे. उन्होंने शराब पी रखी थी. अब पुलिस ने पकड़ लिया है, तो गिरफ्तारी तो होगी ही. सीएम नीतीश कुमार के आदेश के अनुसार त्वरित कार्रवाई भी तो होनी थी.
शराब के नशे में पकड़े गए अर्जुन सिंह ने पुलिस की गाड़ी में जाने से इनकार कर दिया. कारण पूछने पर पुलिस को बताया कि मेरे घुटने में तकलीफ है. बैठने में दिक्कत होगी. इसलिए मेरी गाड़ी में ले चलें. पुलिस भी मान गई. अब लग्जरी गाड़ी में पुलिस ने सफर करना शुरू कर दिया. थाने से निकले तो गाड़ी में पहले पुलिसकर्मी बैठे. अंत में गिरफ्तार अर्जुन सिंह बैठे. ऐसा लग रहा था मानो गुनाह पुलिसवालों ने किया हो.
बहरहाल, पहले तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके थाने ले गयी लेकिन अपनेआप को वीआईपी कहने वाले अर्जुन सिंह पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गए. इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी गई. काफी देर के बाद दोबारा उन्हें गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने उनका मेडिकल जांच कराया. फिर उन्हें कोर्ट ले जाने के लिए भी लग्जरी गाड़ी की तरफ ही रूख करना पड़ा.
जानकारी दें कि अर्जुन सिंह करगहर के डोईया के रहने वाले हैं. फिलहाल वे फजलगंज मोहल्ले में अपने आवास में रहते हैं. शराब के नशे में जब वह अपनी महंगी लग्जरी गाड़ी से जा रहे थे, तभी नगर थाना की पुलिस ने पोस्ट ऑफिस चौराहा के पास नशे की हालत में उन्हें गिरफ्तार किया. बताया जाता है कि गिरफ्तार अर्जुन सिंह किसी बड़े राजनीतिक दल से भी जुड़े हैं. अपनी ऊंची पहुंच और रसूखदार जीवन शैली के लिए सासाराम में वे पहचाने जाते हैं.
फुल इज्जत वाली ट्रीटमेंट को देखकर उनका वीडियो बना लिया गया. आसपास के लोगों ने बताया कि अगर कोई मिडिल या लोअर क्लास का व्यक्ति होता तो पुलिस उसे अपराधी की तरह समझती. उसे ऐसे बंधक बनाती, जैसे कि कोई भेड़-बकरी हो. लेकिन एक ही जुर्म के लिए अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग प्रावधान गलत है.
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