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मिसाल: रोहतास के संतोष ने मशरूम की खेती से बदली अपनी तकदीर, अब लोगों को दे रहे टिप्स - mushroom farming

'ऑयस्‍टर' मशरूम की खेती से संतोष को काफी मुनाफा हो रहा है. जिस कारण आस-पड़ोस के गांव के लोग भी उनसे इसे उपजाने की विधि सीखने पहुंचते हैं.

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Published : Sep 18, 2019, 10:04 AM IST

रोहतास: जिले के संतोष कुमार सिंह ने प्रदेश के किसानों के लिए मिसाल कायम की है. उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़ मॉडर्न खेती का फैसला किया. इससे वह आज लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने धान, गेहूं के बजाए मशरूम की खेती करनी शुरू की. लिहाजा, आज उन्हें कम लागत में अधिक फायदा मिल रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

संतोष कुमार सिंह रोहतास के करगहर प्रखंड के तेंदुनि के रहने वाले हैं. मशरूम की खेती करने से पहले संतोष कुमार फोटोस्टेट की एक मामूली सी दुकान चलाया करते थे. जब उन्हें 'ऑयस्‍टर' मशरूम के पता चला तो उन्होंने इसकी खेती शुरू की. देखते ही देखते संतोष ने अब जिले में अपनी एक अलग पहचान बना ली है.

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ऑयस्‍टर मशरूम (कॉन्सेप्ट इमेज)

बाजार में मांग ज्यादा
'ऑयस्‍टर' मशरूम की खेती से संतोष को काफी मुनाफा हो रहा है. जिस कारण आस-पड़ोस के गांव के लोग भी उनसे इसे उपजाने की विधि सीखने पहुंचते हैं. संतोष ने बताया कि इसकी खेती बिल्कुल आसान है. मशरूम तैयार होने के बाद इसे बाजार में चौगुने फायदे पर बेचा जाता है. मशरूम की मांग इतनी है कि लोग घर से ही आकर इसे ले जाते हैं.

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ऑयस्‍टर मशरूम (कॉन्सेप्ट इमेज)

घर के अंदर उपजता है मशरूम
बता दें कि इस मशरूम को बिहार के अलावा दूसरे राज्यों के लोग भी ले जाते हैं. इतना ही नहीं ये कम समय में अधिक फसल भी पैदा करता है. घर के अंदर ही इस मशरूम की खेती की जाती है. ऐसे में जिन लोगों के पास जीविका का साधन नहीं है, वह घर बैठे पैसे कमा सकते हैं. गौरतलब है कि रोहतास को 'धान का कटोरा कहा' जाता है. लेकिन, धान के कटोरे में अब लोग ट्रेडिशनल खेती छोड़ मॉडर्न खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं.

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संतोष ने पेश की मिसाल

शाकाहारियों के लिए है फायदेमंद
मशरूम उत्पादक और विक्रेता संतोष कहते हैं कि वह शाकाहारी हैं. उन्होंने अपनी और अपने परिवार की सेहत के लिए मशरूम की खेती शुरू की. लेकिन, धीरे-धीरे वह इसे बेचने लगे. उन्होंने बताया कि मशरूम सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. खासकर शाकाहारी लोगों को तो मशरूम जरूर खाना चाहिए. इसमें वसा की मात्रा बिल्‍कुल कम होती है. साथ ही इसमें भरपूर प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है.

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कमरे में उगा रहे ऑयस्‍टर मशरूम

रोहतास: जिले के संतोष कुमार सिंह ने प्रदेश के किसानों के लिए मिसाल कायम की है. उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़ मॉडर्न खेती का फैसला किया. इससे वह आज लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने धान, गेहूं के बजाए मशरूम की खेती करनी शुरू की. लिहाजा, आज उन्हें कम लागत में अधिक फायदा मिल रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

संतोष कुमार सिंह रोहतास के करगहर प्रखंड के तेंदुनि के रहने वाले हैं. मशरूम की खेती करने से पहले संतोष कुमार फोटोस्टेट की एक मामूली सी दुकान चलाया करते थे. जब उन्हें 'ऑयस्‍टर' मशरूम के पता चला तो उन्होंने इसकी खेती शुरू की. देखते ही देखते संतोष ने अब जिले में अपनी एक अलग पहचान बना ली है.

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ऑयस्‍टर मशरूम (कॉन्सेप्ट इमेज)

बाजार में मांग ज्यादा
'ऑयस्‍टर' मशरूम की खेती से संतोष को काफी मुनाफा हो रहा है. जिस कारण आस-पड़ोस के गांव के लोग भी उनसे इसे उपजाने की विधि सीखने पहुंचते हैं. संतोष ने बताया कि इसकी खेती बिल्कुल आसान है. मशरूम तैयार होने के बाद इसे बाजार में चौगुने फायदे पर बेचा जाता है. मशरूम की मांग इतनी है कि लोग घर से ही आकर इसे ले जाते हैं.

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ऑयस्‍टर मशरूम (कॉन्सेप्ट इमेज)

घर के अंदर उपजता है मशरूम
बता दें कि इस मशरूम को बिहार के अलावा दूसरे राज्यों के लोग भी ले जाते हैं. इतना ही नहीं ये कम समय में अधिक फसल भी पैदा करता है. घर के अंदर ही इस मशरूम की खेती की जाती है. ऐसे में जिन लोगों के पास जीविका का साधन नहीं है, वह घर बैठे पैसे कमा सकते हैं. गौरतलब है कि रोहतास को 'धान का कटोरा कहा' जाता है. लेकिन, धान के कटोरे में अब लोग ट्रेडिशनल खेती छोड़ मॉडर्न खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं.

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संतोष ने पेश की मिसाल

शाकाहारियों के लिए है फायदेमंद
मशरूम उत्पादक और विक्रेता संतोष कहते हैं कि वह शाकाहारी हैं. उन्होंने अपनी और अपने परिवार की सेहत के लिए मशरूम की खेती शुरू की. लेकिन, धीरे-धीरे वह इसे बेचने लगे. उन्होंने बताया कि मशरूम सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. खासकर शाकाहारी लोगों को तो मशरूम जरूर खाना चाहिए. इसमें वसा की मात्रा बिल्‍कुल कम होती है. साथ ही इसमें भरपूर प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है.

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कमरे में उगा रहे ऑयस्‍टर मशरूम
Intro:रोहतास। जिले के करगहर प्रखंड के तेंदुनि के रहने वाले संतोष कुमार सिंह ने ट्रेडिशनल खेती छोड़ मोर्डन खेती करने का फैसला किया। लिहाजा अब इस खेती से लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं।


Body:कहा जाता है जब इंसान किसी चीज को पाने की जिद पर उतर जाता है तो उसे कामयाब होने में कोई भी रोक नहीं सकता। कुछ ऐसा ही मंजर रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के तेंदुनी गांव के रहने वाले संतोष कुमार सिंह के साथ भी देखने को मिला जो गांव में ही रहकर मशरूम की खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं। मशरूम की खेती करने से पहले संतोष कुमार एक मामूली सा फोटोस्टेट की दुकान चलाया करते थे। संतोष के जीवन में तब एक नया मोड़ आया जब उन्होंने मशरूम की खेती की तकनीक के बारे में पता चला। उसके बाद से लगातार संतोष मशरूम की खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं। संतोष अब पूरे जिले में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। अब उनकी तकनीक के बारे में ज्ञान लेने लोग दूर दूर से पहुंचते हैं। वही संतोष कुमार ने बताया कि इस खेती को करने में लागत कम आती है और मुनाफा अधिक होता है। उन्होंने बताया कि खेती बिल्कुल आसान है और मशरूम तैयार होने के बाद इसे बाजार में चौगुनी फायदे पर बेचा जाता है। मशरूम की मांग इतनी है कि लोग घर से ही आकर इसे ले जाते हैं। बिहार के अलावा दूसरे राज्यों में भी मशरूम की सप्लाई हुआ करती है। नकदी फसल होने की वजह से इसमें मुनाफा अधिक होता है। इतना ही नहीं ये कम समय में अधिक फसल भी पैदा करता है। वही घर के अंदर भी मशरूम की खेती की जा रही है । जाहिर है जिन लोगों के पास अपनी जमीन नहीं है वह एक छोटे से कमरे में भी मशरूम की खेती कर अच्छी खासी आमदनी कर सकते हैं। वही संतोष कुमार ने बताया मशरूम के खेती करने के बाद उन्होंने कई और लोगों को भी इस तकनीक का ज्ञान दिया और वह भी आज मशरूम की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं।


Conclusion:जाहिर है रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन धान के कटोरे वाले इस जगह में लोग ट्रेडिशनल खेती छोड़ मॉडर्न खेती कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहें हैं। इसका जीता जागता नमूना तेंदुनि गांव के रहने वाले संतोष कुमार सिंह है जो मशरूम की खेती कर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं।

बाइट। संतोष कुमार सिंह
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