रोहतासः बिहार में शिक्षा का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. ताजा मामला रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के खानेठी उत्क्रमित हाई स्कूल का है. जहां शिक्षकों का अभाव होने के कारण प्रयोगशाला की पढ़ाई नहीं होती. लाखों रुपये खर्च कर प्रयोगशाला के लिए उपकरण मंगाये गये थे. लेकिन अभी तक उसका उपयोग नहीं किया जा सका है.
गौरतलब, है कि सरकार एक तरफ जहां हाई स्कूलों में स्मार्ट क्लास का उद्घाटन कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ हाई स्कूलों में आज भी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. शिक्षकों की कमी से आए दिन बच्चे यूं ही बिना पढ़े ही वापस घर लौट जाते हैं.
प्रयोगशाला के लिए मंगाये गये उपकरण
जिले के करगहर प्रखंड के खानेठी उत्क्रमित हाई स्कूल में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. जहां लाखों रुपए खर्च कर प्रयोगशाला के लिए उपकरण मंगाये गये. लेकिन आलम यह है की शिक्षकों के अभाव में अब तक प्रयोगशाला की पढ़ाई शुरू नहीं हुई. ऐसे में सवाल उठना लाजमी हो गया है कि बिना प्रयोगशाला किए छात्रों को कैसे नंबर मिल जाता है.
यह भी पढ़ेः लालू यादव से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने की मुलाकात
शिक्षकों की कमी
इस बारे में जब हाई स्कूल के प्रिंसिपल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 3 सौ बच्चे पर महज 2 टीचर है. ऐसे में पूरी क्लास भी ले पाना असंभव हो जाता है, तो ऐसे में प्रयोगशाला का क्लास लेना कहां से संभव है. शिक्षकों की कमी होने की वजह से ही साइंस और मैथ के टीचर आर्ट्स सब्जेक्ट को भी पढ़ाने का काम करते हैं.
बिना प्रयोगशाला के ही पास हो जाते हैं बच्चे
आपको बता दें कि करोड़ों रुपया खर्च कर सरकारी स्कूलों में प्रयोगशाला को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए सरकार ने फंड भी मुहैया कराया है. लेकिन शिक्षकों की कमी होने की वजह से स्कूल में पर्याप्त मात्रा में उपकरण होने के बावजूद प्रयोगशाला को सुचारू ढंग से नहीं चालू किया जा सका है. ऐसे में बच्चे हाई स्कूल एग्जाम बिना प्रयोगशाला की ही पास कर जाते हैं. वहीं, अधिकारी भी इस पर कोई सख्त रूप नहीं अपनाते है. अधिकारियों के इस रवैया से बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ हो रहा है.