रोहतास: शेरशाह सूरी (Sher Shah Suri Tomb In Rohtas) की ऐतिहासिक नगरी सासाराम काफी प्राचीन शहरों में शुमार है. रोहतास जिले का यह जिला मुख्यालय भी है. इसे गलियों का शहर भी कहा जाता है. घनी बस्ती और पुरानी गलियां इसकी पहचान है. लेकिन दुर्गा पूजा के अवसर पर यहां भी कचरे का ढेर जमा रहा है. ये गंदगी साफ-सफाई और स्वच्छता अभियान की पोल खोलने के लिए काफी है.
इसे भी पढ़ें: CORONA EFFECT: रोहतास में शेरशाह सूरी का मकबरा 15 मई तक के लिए बंद
दरअसल सासाराम शहर की पहचान शेरशाह सूरी का ऐतिहासिक मकबरा और इसी मकबरे के चारों तरफ फैला हुआ है सासाराम नगर. सासाराम के नगर परिषद (Sasaram Municipal Council) की जिम्मेदारी है कि इस शहर को साफ सुथरा रखें. लेकिन शहर से थोड़ा अंदर प्रवेश करने पर गंदगी का अंबार मिलता है. चूंकि पूजा का समय है, ऐसे में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना है. लेकिन फिर भी नगर की स्थिति बद से बदतर है.
नगर परिषद के सफाई कर्मियों के लगातार हड़ताल से सफाई व्यवस्था की स्थिति चरमराई हुई है. ऐसे में लोग खुद अपने गली मोहल्ले की सफाई कर रहे हैं. रेलवे के सफाईकर्मी रेलवे स्टेशन की सफाई, स्वास्थ्य विभाग के कर्मी अस्पताल परिसर, लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सफाईकर्मी शेरशाह के मकबरा के इलाके को तो साफ-सुथरा कर लेते हैं, लेकिन बाकी का इलाका भगवान भरोसे है.
नगर परिषद के सिटी मैनेजर अमित सहाय कहते हैं कि मुकम्मल सफाई की व्यवस्था के लिए नगर निकाय कृत संकल्प है.
'नगर निगम सासाराम के माध्यम से दशहरा को देखते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. नगर निगम के सारे कर्मचारियों के माध्यम से सफाई कराया जा रहा है. शहर में जलजमाव की समस्या में सुधार के लिए नगर विकास प्रमंडल के माध्यम से भी जल निकासी की समस्या का समाधान निकाला जा रहा है.' -अमित सहाय, सिटी मैनेजर, नगर परिषद, सासाराम
बता दें कि सासाराम के नगर परिषद को नगर निगम में उत्क्रमित कर दिया गया है. लेकिन स्थिति पहले से भी खराब हो गई है. यहां जगह-जगह कचरे का अंबार दिखता है.