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रोहतास: लॉकडाउन में बिक्री नहीं होने से खेतों में झड़ रहे फूल, किसानों के मुरझाए चेहरे

फूल की खेती करने वाले किसान कहते हैं कि कई जगहों पर लगातार फूल लेने के लिए फोन भी कर रहे हैं, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा. इन फूलों को औने-पौने दामों में भी बेचने को तैयार हैं. फिर भी कोई नहीं खरीद रहा.

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Published : May 1, 2020, 12:24 PM IST

फूल की खेती
फूल की खेती

रोहतास: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को थामकर रख दिया. देश में भी लॉकडाउन 3 मई तक है. जिसकी वजह से किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. कुछ ऐसा ही हाल फूल की खेती करने वाले किसानों की है. फूल खेतों में झड़ रहे हैं. इसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं. जिसकी वजह से किसानों के चेहरों पर मायूसी साफ देखी जा सकती है.

मुरझाया किसानों का चेहरा
गौरतलब है कि लॉकडाउन में फूल के उत्पादकों की खेती और कारोबार बड़ा वित्तीय संकट खड़ा हो गया है. आलम यह है कि फूल की महक से खेत और आसपास का इलाका गुलजार है. लेकिन, इन फूलों का कोई खरीदार नहीं दिख रहा. इस लॉकडाउन में सबसे अधिक घाटा किसानों को होता दिख रहा है. लॉकडाउन की वजह से किसानों के सामने भूखमरी की समस्या खड़ी हो गई है.

फूलों की खेती
फूलों की खेती

करगहर प्रखंड क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर लगभग 8-9 बीघा की भूमि में यहां के किसान फूलों की खेती करते हैं. लेकिन इस बार खेत में ही फूल खिल कर फिर मुरझा रहे हैं. भले ही यहां के खिले फूल का लहलहता खेत मनमोहक लगता हो. लेकिन यह खेत अब फूल किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. यह खेती उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.

खेतों में मुरझाए फूल
खेतों में मुरझाए फूल
मुरझाए किसानों के चेहरे
माना जा रहा है कि यहां के किसानों को भारी घाटा हुआ है. फूल की खेती करने वाले किसान कहते हैं कि कई जगहों पर लगातार फूल लेने के लिए फोन भी कर रहे हैं, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा. इन फूलों को औने-पौने दामों में भी बेचने को तैयार हैं. फिर भी कोई नहीं खरीद रहा. बहरहाल, खेतों में लगे गेंदे के फूल मुरझा रहे हैं जिसे देख किसानों के चेहरे भी मुरझाने लगे हैं.

रोहतास: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को थामकर रख दिया. देश में भी लॉकडाउन 3 मई तक है. जिसकी वजह से किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. कुछ ऐसा ही हाल फूल की खेती करने वाले किसानों की है. फूल खेतों में झड़ रहे हैं. इसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं. जिसकी वजह से किसानों के चेहरों पर मायूसी साफ देखी जा सकती है.

मुरझाया किसानों का चेहरा
गौरतलब है कि लॉकडाउन में फूल के उत्पादकों की खेती और कारोबार बड़ा वित्तीय संकट खड़ा हो गया है. आलम यह है कि फूल की महक से खेत और आसपास का इलाका गुलजार है. लेकिन, इन फूलों का कोई खरीदार नहीं दिख रहा. इस लॉकडाउन में सबसे अधिक घाटा किसानों को होता दिख रहा है. लॉकडाउन की वजह से किसानों के सामने भूखमरी की समस्या खड़ी हो गई है.

फूलों की खेती
फूलों की खेती

करगहर प्रखंड क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर लगभग 8-9 बीघा की भूमि में यहां के किसान फूलों की खेती करते हैं. लेकिन इस बार खेत में ही फूल खिल कर फिर मुरझा रहे हैं. भले ही यहां के खिले फूल का लहलहता खेत मनमोहक लगता हो. लेकिन यह खेत अब फूल किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. यह खेती उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.

खेतों में मुरझाए फूल
खेतों में मुरझाए फूल
मुरझाए किसानों के चेहरे
माना जा रहा है कि यहां के किसानों को भारी घाटा हुआ है. फूल की खेती करने वाले किसान कहते हैं कि कई जगहों पर लगातार फूल लेने के लिए फोन भी कर रहे हैं, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा. इन फूलों को औने-पौने दामों में भी बेचने को तैयार हैं. फिर भी कोई नहीं खरीद रहा. बहरहाल, खेतों में लगे गेंदे के फूल मुरझा रहे हैं जिसे देख किसानों के चेहरे भी मुरझाने लगे हैं.
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