रोहतास : झारखंड के बाद अब बिहार की एक महिला अधिकारी ने भी दो करोड़ गटक लिए. जी हां जो तथ्य सामने आए हैं उससे तो यह बिल्कुल सौ फीसदी सच लगता है. दअरसल पूरा मामला रोहतास जिले के बिक्रमगंज का है. जहां परिषद में ई-रिक्शा तथा सड़क पर लगाए गए मेटालिक सिग्नेचर साइन बोर्ड के लिए एक करोड़ 90 लाख से अधिक के राशि भुगतान में वित्तीय अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है. जिसके बाद जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बिक्रमगंज की तात्कालिक कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम सहित अन्य कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.
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रोहतास में हुआ घोटाला : बता दें कि बिक्रमगंज के एक वार्ड पार्षद ललन प्रसाद तथा एक पत्रकार के द्वारा की गई शिकायत के आलोक में रोहतास डीएम धर्मेंद्र कुमार (Rohtas DM Dharmendra Kumar) द्वारा बिक्रमगंज के अनुमंडल अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया. जिस टीम ने जांच के बाद पाया कि सड़क पर लगाए गए मेंटालिक साइन बोर्ड के 1 करोड़ 11 लाख तथा ई-रिक्शा के खरीद के लिए 80 लाख रुपए से अधिक की राशि अनियमितता पूर्ण तरीके से भुगतान किया गया.
प्रेम स्वरूपम के जवाब से जांच टीम संतुष्ट नहीं : वहीं वस्तुओं के क्रय में उपयोगिता एवं गुणवत्ता संबंधी मापदंडों में वित्तीय अनियमितता की गई. डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच टीम के रिपोर्ट के बाद संबंधित कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम को शोकॉज भेजा गया. जिसके जवाब से जांच टीम संतुष्ट नहीं हुई. इसके उपरांत वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी को मामले में एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं.
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''जांच के दौरान वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है. ऐसे में जांच के दौरान दोषी पाए गए बिक्रमगंज के नगर परिषद की तात्कालिक कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम तथा अन्य कर्मियों पर वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा FIR कर सूचित करने का निर्देश दिया गया है. बिक्रमगंज में स्थानीय व पत्रकार के द्वारा साईन बोर्ड व ई रिक्शा में वित्तीय घोटाले की लिखित शिकायत की गई थी. पूरे मामले की अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में गहन जांच कराई गई. मिली रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन EO प्रेम स्वरूपम सहित नप कर्मी भी दोषी पाए गए हैं. उन सभी पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.''- धर्मेंद्र कुमार, जिलाधिकारी, रोहतास
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