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रोहतास: दिव्यांग स्वास्थ्यकर्मी ने मानसिक प्रताड़ना का लगाया आरोप, न्याय की मांग - सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार

दिव्यांग स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि कोरोना काल में सरकार की ओर से दिव्यांग कर्मियों को राहत देने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बावजूद कर्मियों की नाइट शिफ्ट लगा दी जा रही है.

divyang worker
दिव्यांग स्वास्थ्यकर्मी
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Published : Sep 22, 2020, 5:46 PM IST

रोहतास: जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 का समुचित तरीके से पालन नहीं हो रहा है. जिसकी लगातार शिकायत मिल रही है. इस अधिनियम के तहत खासकर दिव्यांग स्वास्थ्यकर्मियों को भी सहूलियत नहीं दी जा रही है. ऐसे में दिव्यांग कर्मचारियों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है.

मानसिक प्रताड़ना का आरोप
बता दें कि जिला मुख्यालय सासाराम स्थित सदर अस्पताल में आईसीयू में कार्यरत महिला दिव्यांग स्वास्थ्य कर्मी ने विभाग पर ड्यूटी के दौरान मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. दिव्यांग स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि उन्हें इस अधिनियम का लाभ नहीं मिल पा रहा है. मना करने पर भी रात में उनकी ड्यूटी लगा दी जाती है. जिस कारण रात में आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस बाबत कई बार डीएस से लेकर सीएस तक आवदेन देकर गुहार लगा चुकी हैं फिर भी उनकी समस्या को अधिकारियों ने अनसुना कर दिया.

नाइट ड्यूटी से परेशान दिव्यांग
वहीं, इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कि कोरोना के संक्रमण काल में विभाग से गाइडलाइन आया है कि दिव्यांगजनों को कठिन ड्यूटी में नहीं लगाना है. जिसका पालन विभाग की ओर से किया जा रहा है. बता दें कि दिव्यांग कर्मियों को ड्यूटी में उदारता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. इस अधिनियम के तहत दिव्यांग जनों को सुविधाजनक कार्यों में ही लगाना है. लेकिन कई दिव्यांग कर्मियो को नाइट ड्यूटी लगा दी जा रही है जिससे उन्हे काफी परेशानी हो रही है.

रोहतास: जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 का समुचित तरीके से पालन नहीं हो रहा है. जिसकी लगातार शिकायत मिल रही है. इस अधिनियम के तहत खासकर दिव्यांग स्वास्थ्यकर्मियों को भी सहूलियत नहीं दी जा रही है. ऐसे में दिव्यांग कर्मचारियों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है.

मानसिक प्रताड़ना का आरोप
बता दें कि जिला मुख्यालय सासाराम स्थित सदर अस्पताल में आईसीयू में कार्यरत महिला दिव्यांग स्वास्थ्य कर्मी ने विभाग पर ड्यूटी के दौरान मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. दिव्यांग स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि उन्हें इस अधिनियम का लाभ नहीं मिल पा रहा है. मना करने पर भी रात में उनकी ड्यूटी लगा दी जाती है. जिस कारण रात में आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस बाबत कई बार डीएस से लेकर सीएस तक आवदेन देकर गुहार लगा चुकी हैं फिर भी उनकी समस्या को अधिकारियों ने अनसुना कर दिया.

नाइट ड्यूटी से परेशान दिव्यांग
वहीं, इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कि कोरोना के संक्रमण काल में विभाग से गाइडलाइन आया है कि दिव्यांगजनों को कठिन ड्यूटी में नहीं लगाना है. जिसका पालन विभाग की ओर से किया जा रहा है. बता दें कि दिव्यांग कर्मियों को ड्यूटी में उदारता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. इस अधिनियम के तहत दिव्यांग जनों को सुविधाजनक कार्यों में ही लगाना है. लेकिन कई दिव्यांग कर्मियो को नाइट ड्यूटी लगा दी जा रही है जिससे उन्हे काफी परेशानी हो रही है.

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