रोहतास: बिहार के रोहतास में भाकपा माले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने (Slogans raised against the government in Rohtas) श्रम कार्यालय का घेराव किया. प्रदर्शन में ग्रामीण महिलाएं व पुरुष हाथों में झंडा लिए जत्था डेहरी लेनिन चौक चुना भट्टा से निकल कर श्रम संसाधन केंद्र पहुंचे और श्रम अधीक्षक के विरुद्ध नारेबाजी भी की. वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि श्रम कार्यालय में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी का राज चल रहा है. अगर अभी यहां के अधिकारी नहीं चेते तो श्रम कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी.
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"हम गरीब लोग रोजगार के बिना सड़क पर मारे-मारे फिर रहे हैं. राशन केरोसिन से लेकर जन वितरण प्रणाली के अनाज तक नहीं मिल पा रहा है. वहीं अब सिर्फ 5 किलो ही राशन मिल रहा है. ऐसे में मात्र 5 किलो में महीने भर का गुजारा कैसे होगा. हमारे मजदूरी के पैसे तक नहीं मिल पा रहे हैं." -उर्मिला कुंवर प्रदर्शनकारी महिला
"बिहार में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. मजबूरी में पलायन हो रहे हैं. पूर्व में बनी हुई कई श्रमिकों की योजनाएं लागू नहीं हो रही हैं. श्रम कार्यालय में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी का राज चल रहा है. अगर अभी यहां के अधिकारी नहीं चेते तो श्रम कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी." -अशोक बैठा, माले जिला सचिव
सरकार विरोधी नारे लगाये: सोमवार को ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन न्यू के बैनर तले मजदूरों का जत्था डेहरी लेनिन चौक चुना भट्टा पर इकट्ठा हुए. जहां से जुलूस की शक्ल में मांगों के समर्थन और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए श्रम अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने सभा की जिसे विभिन्न असंगठित मजदूर यूनियन नेताओं ने संबोधित किया. इस दौरान जुलूस में ग्रामीण क्षेत्र के मनरेगा मजदूर महिला पुरुष भी काफी संख्या में शामिल थे.
बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हित में काम कर रही है केंद्र सरकार: भाकपा माले जिला सचिव अशोक बैठा ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार उद्योगपतियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हित में काम कर रही है. मजदूरों के खिलाफ चार श्रम संहिता को कानून बनाकर श्रमिकों की वर्षों की लड़ाई से प्राप्त सभी अधिकारों को छीन ली है. श्रमिकों और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के करोड़ों परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. बेरोजगारी, महंगाई से आबादी के 60 प्रतिशत लोग कष्टदायक जीवन जीने पर मजबूर हैं.