बिहारः देश भर में क्रिसमस डे का त्यौहार धूमधाम मनाया जा रहा है. 25 दिसंबर को प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था. इस मौके पर राज्य में जगह-जगह चर्च को सजाया गया. सुबह से ही लोग क्रिसमस डे को लेकर काफी उत्साहित दिखे. भारी संख्या में सुबह लोग चर्च में पहुंचे और प्रेम करुणा के प्रतीक प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाया.
शांति के दूत रहे थे ईसा मसीह
रोहतास के कैथोलिक चर्च में प्रभु ईसा मसीह के लिए गौशाला (चरनी) का निर्माण कराया गया था. ईसाई धर्म के मुताबिक प्रभु ईसा मसीह का जन्म रात के समय इसी गौशाला में हुआ था. सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु कैथोलिक चर्च पहुंचे और गौशाला में कैंडल जलाकर ईसा मसीह का दीदार किया. चर्च के फादर बिन्नी ने बताया कि प्रभु ईसा मसीह का जन्म गौशाला में हुआ था. जिसके कारण चर्च के अंदर गौशाला यानी चरनी का निर्माण कराया जाता है. उन्होंने बताया कि प्रभु ईसा मसीह के शांति को संदेश लोगों तक पहुंचाना ही असल धर्म है. प्रभु ईसा मसीह हमेशा शांति के दूत रहे.
विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
भोजपुर में क्रिसमस को लेकर गिरजाघरों में चहल-पहल देखने को मिली. सुबह से ही श्रद्धालुओं का चर्च पहुंचना शुरु हो गया. यहां श्रद्धालुओं ने कैंडल जलाकर अमन चैन और शांति के लिए प्रार्थना की. चर्च के पादरी अरविंद कुमार ने कहा कि ईसा मसीह का जन्म संसार में बढ़ते पापों से मुक्ति और शांति का पैगाम देने के लिए हुआ था. वहीं, इस मौके पर जिले के विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बच्चों ने एक से बढ़कर एक पेटिंग बनाई. आर.पी.पी.एस. स्कूल में शांता क्लोस ने बच्चों के बीच चॉकलेट और मिठाइयां बांटी.
गरीबों के बीच बांटे गए कंबल
कैमूर में क्रिसमस के मौके पर भभुआ स्तिथ जेम्स चर्च में बाईबिल का पाठ किया गया. इसके माध्यम से लोगों के बिच शांति और प्रेम का संदेश दिया गया. वहीं, इस मौके पर चर्च में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. इसमें गरीब बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराई गई. वहीं, प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को इनाम भी दिया गया. जेम्स चर्च की सदस्य प्रीती ने बताया कि प्रभु का जन्म हमारे कष्ट और पीड़ा को हरने के लिए हुआ था. प्रभु शांति,प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं. इस अवसर पर गरीबों में संस्थान की ओर से कंबल और कपड़े बांटे गए.