रोहतास: शिक्षा के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च करने का सरकारी दावा खोखला साबित हो रहा है. इसकी बानगी दिखी जिले के करगहर प्रखंड के पिपरा मध्य विद्यालय में. जहां बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाया जा रहा है. इतना ही नहीं, यहां बच्चों के लिये मीड डे मील की भी व्यवस्था नहीं है.
नितीश बाबू के सरकारी स्कूल में इन दिनों कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. यहां शिक्षक बच्चों के साथ नाइंसाफी करते हैं. मध्यान भोजन के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा किया जाता है. लेकिन इस स्कूल में प्रिंसिपल साहब के फरमान से सैकड़ों बच्चों को मध्यान्ह भोजन से वंचित होना पड़ता है.
खोखला साबित हो रहा सरकार का दावा
इतना ही नहीं, स्कूल में बेंच और डेस्क रहने के बावजूद भी बच्चों को जमीन पर बैठा दिया जाता है. लेकिन इसका अफसोस न तो स्कूल प्रशासन को है और ना ही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी को. ऐसे में शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा महज खोखला साबित हो रहा है. सरकार के नुमाइंदे ही बच्चों की हकमारी करने पर लगे हैं.
मामले की होगी जांच
ईटीवी भारत की टीम ने जब पिपरा मध्य विद्यालय की पड़ताल की तो मध्यान्ह भोजन की असलियत सामने आई. मामले पर जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की गी तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल से रिपोर्ट मांगी जिसमें यह बात सामने आई कि स्कूल प्रशासन द्वारा मध्यान भोजन में लापरवाही बरती जा रही है. डीईओ प्रेमचंद ने कहा कि मामले की जांच होगी. जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.