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रोहतास: आशा-ममता कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' योजना को बताया दिखावा

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं को 18 हजार मानदेय देने की सिफ़ारिश की है. लेकिन राज्य सरकार उसके अनुसार कार्य नहीं कर रही है.

धरना प्रदर्शन
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Published : Nov 17, 2019, 5:57 PM IST

रोहतास: जिले में रविवार को आशा कार्यकर्ता संघर्ष समिति और ममता संघर्ष समिति के बैनर तले आशा और ममता कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को भी दिखावा बताया. बता दें कि आशा कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन समाहरणालय से निकलकर सिविल सर्जन कार्यालय होते हुए पोस्ट ऑफिस चौराहा पहुंचा.

30 नवंबर को पटना में करेंगे प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं को 18 हजार मानदेय देने की सिफ़ारिश की है. लेकिन राज्य सरकार उसके अनुसार कार्य नहीं कर रही है. अगर राज्य सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं का मानदेय नहीं बढ़ाया, तो ये आंदोलन और आगे बढ़ेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि आशा और ममता कार्यकर्ता आगामी 30 नवंबर को पटना में मुख्यमंत्री के सामने प्रदर्शन करेंगे.

आशा-ममता कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन

सरकार की होगी पूरी ज़िम्मेदारी
आशा कार्यकर्ता संघर्ष समिति के प्रमंडलीय मंत्री शंभू नाथ पांडे ने बताया कि अगर उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया, तो वे लोग हड़ताल पर भी जा सकते हैं. जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

रोहतास: जिले में रविवार को आशा कार्यकर्ता संघर्ष समिति और ममता संघर्ष समिति के बैनर तले आशा और ममता कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को भी दिखावा बताया. बता दें कि आशा कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन समाहरणालय से निकलकर सिविल सर्जन कार्यालय होते हुए पोस्ट ऑफिस चौराहा पहुंचा.

30 नवंबर को पटना में करेंगे प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं को 18 हजार मानदेय देने की सिफ़ारिश की है. लेकिन राज्य सरकार उसके अनुसार कार्य नहीं कर रही है. अगर राज्य सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं का मानदेय नहीं बढ़ाया, तो ये आंदोलन और आगे बढ़ेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि आशा और ममता कार्यकर्ता आगामी 30 नवंबर को पटना में मुख्यमंत्री के सामने प्रदर्शन करेंगे.

आशा-ममता कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन

सरकार की होगी पूरी ज़िम्मेदारी
आशा कार्यकर्ता संघर्ष समिति के प्रमंडलीय मंत्री शंभू नाथ पांडे ने बताया कि अगर उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया, तो वे लोग हड़ताल पर भी जा सकते हैं. जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

Intro:Desk Bihar / Date:- 17 Nov 2019
From:- Ravi Kumar / Sasaram
Slug
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रोहतास में आज में आशा कार्यकर्ता संघर्ष समिति तथा ममता संघर्ष समिति के बैनर तले आशा तथा ममता कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय सासाराम में सड़कों पर प्रदर्शन किया। हांथों में महिलाओं का करवा बैनर लिये समाहरणालय से निकलकर सिविल सर्जन कार्यालय होते हुए पोस्ट ऑफिस चौराहा तक मार्च निकाला तथा फिर आकर सिविल सर्जन कार्यालय पर समाप्त हुआ।

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इन लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को छलावा बताया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार आशा कार्यकर्ताओं को 18 हज़ार मानदेय देने की अनुशंसा की है। लेकिन राज्य सरकार उसके अनुसार कार्य नहीं कर रही है। अगर राज्य सरकार ने आशा तथा ममता कार्यकर्ताओं को सामाजिक सुरक्षा नहीं दिया तो यह आंदोलन और बढ़ेगा तथा आगामी 30 नवंबर को पटना में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा।
आशा कार्यकर्ता संघर्ष समिति के प्रमंडलीय मंत्री शंभू नाथ पांडे ने बताया कि अगर उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया तो वे लोग हड़ताल पर भी जा सकते हैं। जिसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार की होगी।
बाईट:- शंभू नाथ पांडे, प्रमंडलीय मंत्री (आशा कार्यकर्ता संघर्ष समिति)Conclusion:
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