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पूर्णिया में जब पागल कुत्ते की तरह भोंकने लगा युवक, लोगों को काट खाने को दौड़ा

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Published : Jun 11, 2022, 6:32 PM IST

बिहार के पूर्णिया में एक युवक की लापरवाही के चलते उसकी जान पर बन आई. हालात ऐसे बन कि उसने पागल कुत्तों की तरह बर्ताव करना शुरू कर दिया. अस्पताल में उसे देखकर हर कोई परेशान हो रहा था कि उसकी ये हालत कैसे हो गई..पढ़ें पूरी खबर-

पूर्णिया में जब पागल कुत्ते की तरह भोंकने लगा युवक
पूर्णिया में जब पागल कुत्ते की तरह भोंकने लगा युवक

पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक ऐसा मरीज आया जिसकी हरकत देख लोगों की भीड़ लग गई. हर कोई देखकर हैरान हो गया कि एक शख्स पागल कुत्तों की तरह व्यहार कर रहा है. परिजनों ने बताया कि इसकी हालत दो महीने पहले एक पागल कुत्ते के काटने की वजह से हुई है. शुरुआती दिनों में पीड़ित पंकज को ये मामूली घाव लगा और उसने एंटीरेबीज का इंजेक्शन नहीं (Rabies Injection Time Period) लगवाया. उसकी लापरवाही के चलते उसकी ये दशा हो गई है. समय पर अगर पंकज ने इंजेक्शन लगवाया होता तो ऐसा दर्दनाक मंजर ना होता.

ये भी पढ़ें- Bihar Corona Update: पटना में कोरोना विस्फोट, एक साथ मिले 30 नए केस

2 महीने बाद हुआ रेबीज का असर: पंकज की शादी तीन साल पहले हुई थी. युवक की पत्नी इन हरकतों को देखकर परेशान है. डॉक्टरों के मुताबिक रेबीज का इलाज नहीं है. समय पर एंटीरैबीज इंजेक्शन लगवाना ही इससे बचाव के उपाय हैं. परिजनों ने बताया कि एक दिन पहले तक उसकी हालत ठीक थी. लेकिन अचानक से उसके व्यवहार में बदलाव आ गया. पागलों सा बर्ताव करने लगा. उसमें रेबीज के लक्षण (Symptoms of Rabies) दिखने लगे.

'रेबीज एक वायरस होता है जो अक्सर जानवरों में होता है. इन्फेक्टेड डॉग या दूसरे जानवरों से ये रैबीज जब इंसानों में उसके काटने से प्रवेश करता है. प्रभावित इंसान भी पागलों सी हरकतें करने लगता है. जरूरी है कि इससे बचने के लिए 24 से 48 घंटे के अंदर रैबीज का इंजेक्शन लगवा लें. रैबीज हावी होने पर इसका कोई इलाज नहीं है. इसमें मरीज की मौत हो जाती है'- डॉ ए अहमद, डॉक्टर, पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल

ऐसे कन्फर्म हुआ रैबीज वायरस: परिजन पीड़ित को लेकर अस्पताल पहुंचे. उसकी हरकतों से ये पता चल गया था कि उसे पागल कुत्ते ने काटा है. रेबीज का प्रभाव बढ़ रहा है. जब उसके रेबीज का ब्लड टेस्ट किया गया तो उससे कन्फर्म हो गया कि युवक रेबीज से प्रभावित हो चुका है. बताया जा रहा है कि पंकज की शादी 3 साल पूर्व हुई थी. अब तक वह पिता तक भी नहीं बन पाया था. रेबीज होने की बात सुनते ही परिजनों के होश ही उड़ गए. पंकज का अब बचना मुश्किल है. परिजनों ने उसके व्यवहार को देखते हुए उसके हाथ पैर बांध दिये.

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पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक ऐसा मरीज आया जिसकी हरकत देख लोगों की भीड़ लग गई. हर कोई देखकर हैरान हो गया कि एक शख्स पागल कुत्तों की तरह व्यहार कर रहा है. परिजनों ने बताया कि इसकी हालत दो महीने पहले एक पागल कुत्ते के काटने की वजह से हुई है. शुरुआती दिनों में पीड़ित पंकज को ये मामूली घाव लगा और उसने एंटीरेबीज का इंजेक्शन नहीं (Rabies Injection Time Period) लगवाया. उसकी लापरवाही के चलते उसकी ये दशा हो गई है. समय पर अगर पंकज ने इंजेक्शन लगवाया होता तो ऐसा दर्दनाक मंजर ना होता.

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2 महीने बाद हुआ रेबीज का असर: पंकज की शादी तीन साल पहले हुई थी. युवक की पत्नी इन हरकतों को देखकर परेशान है. डॉक्टरों के मुताबिक रेबीज का इलाज नहीं है. समय पर एंटीरैबीज इंजेक्शन लगवाना ही इससे बचाव के उपाय हैं. परिजनों ने बताया कि एक दिन पहले तक उसकी हालत ठीक थी. लेकिन अचानक से उसके व्यवहार में बदलाव आ गया. पागलों सा बर्ताव करने लगा. उसमें रेबीज के लक्षण (Symptoms of Rabies) दिखने लगे.

'रेबीज एक वायरस होता है जो अक्सर जानवरों में होता है. इन्फेक्टेड डॉग या दूसरे जानवरों से ये रैबीज जब इंसानों में उसके काटने से प्रवेश करता है. प्रभावित इंसान भी पागलों सी हरकतें करने लगता है. जरूरी है कि इससे बचने के लिए 24 से 48 घंटे के अंदर रैबीज का इंजेक्शन लगवा लें. रैबीज हावी होने पर इसका कोई इलाज नहीं है. इसमें मरीज की मौत हो जाती है'- डॉ ए अहमद, डॉक्टर, पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल

ऐसे कन्फर्म हुआ रैबीज वायरस: परिजन पीड़ित को लेकर अस्पताल पहुंचे. उसकी हरकतों से ये पता चल गया था कि उसे पागल कुत्ते ने काटा है. रेबीज का प्रभाव बढ़ रहा है. जब उसके रेबीज का ब्लड टेस्ट किया गया तो उससे कन्फर्म हो गया कि युवक रेबीज से प्रभावित हो चुका है. बताया जा रहा है कि पंकज की शादी 3 साल पूर्व हुई थी. अब तक वह पिता तक भी नहीं बन पाया था. रेबीज होने की बात सुनते ही परिजनों के होश ही उड़ गए. पंकज का अब बचना मुश्किल है. परिजनों ने उसके व्यवहार को देखते हुए उसके हाथ पैर बांध दिये.

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