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पूर्णिया: ETV भारत से बोले सिविल सर्जन- नवजात शिशुओं के लिए चलेगा सर्वे अभियान

ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्णियां के सिविल सर्जन मधुसूदन प्रसाद ने स्वास्थ्य से जुड़े कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि नवजात के लिए जिले में सर्वेक्षण अभियान चलाया जाएगा.

पूर्णिया
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Published : May 29, 2020, 11:41 PM IST

Updated : May 30, 2020, 11:19 PM IST

पूर्णियां: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच नवजात शिशु और छोटे बच्चों पर कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा मंडरा रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाएगा. नवजात शिशुओं के स्तनपान और छोटे बच्चों के पोषाहार को लेकर जिले के सभी 14 प्रखंडों के 234 पंचायतों में शनिवार से सर्वे अभियान चलाया जाएगा.

गांव में चलेगा जागरूकता अभियान
गांव में चलेगा जागरूकता अभियान

30 जून तक चलेगा कैंपेन

इसके लिए जिले के सिविल सर्जन मधुसूदन प्रसाद ने चिकित्सक समेत स्टाफ नर्स, एएनएम और आशा को कई अहम दिशा-निर्देश दिए हैं, जो 30 जून तक शहरी इलाके समेत सुदूर ग्रामीण बस्तियों में सर्वे अभियान चलाएंगे. मधुसूदन प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया साइट्स पर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं. इसके तहत कोरोना से संक्रमित मां के गर्भवती होने पर शिशुओं को भी कोरोना से संक्रमित बताया जा रहा है, जो बिल्कुल भ्रामक है.

देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि मां के गर्भ का आवरण बच्चों को हर खतरनाक वायरस से बचाने में सक्षम होता है. लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग के रियालिटी चेक में यह पूरी तरह फेक साबित हुआ है. जन्म के बाद नवजात शिशुओं को बचाने के लिए कई एहतियात की जरूरत होती है. इसे लेकर जिले के स्वास्थ्य महकमे की ओर से शहरी इलाकों के साथ ही सुदूर ग्रामीण बस्तियों में जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.

सभी प्रखंडों में सर्वेक्षण अभियान

वहीं, ऐसी महिलाएं जिनके गर्भधारण की तिथि नजदीक है और जिन्होंने नवजात को जन्म दिया है. 30 मई से 30 जून तक उनके लिए सर्वेक्षण अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान स्वास्थ्य महकमे की टीम प्रत्येक सप्ताह के शनिवार को जिले के सभी 14 प्रखंडों में सर्वेक्षण अभियान चलाएगी.

नवजात को मां का दूध जरूरी

ईटीवी भारत से बात करते हुए सिविल सर्जन ने बताया कि स्तनपान कराने से नवजात शिशु मृत्यु दर में 20 फीसद की कमी लाई जा सकती है. सिर्फ स्तनपान करने वाले शिशुओं में 11 फीसद मृत्यु की संभावना होती है. वहीं, 1 घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत के साथ ही 1 माह तक केवल स्तनपान जरूरी होता है. बच्चों को स्तनपान कराने से मां का दूध कई तरह के संक्रमण से बचाव करता है. मां के दूध में एंटीबॉडी होते हैं, जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.

बच्चे का रखें ख्याल

उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाएं जिन्होंने नवजात को जन्म दिया हो. कोरोना से जुड़े लक्षण महसूस होते ही बच्चे को दूध का सेवन बंद कर सबसे पहले कोरोना जांच कराएं ताकि बच्चे को इस संक्रमण से बचाया जा सके. वहीं, किसी स्थान को हाथ से छूने पर साबुन या सेनेटाइज से 40 सेकेंड तक हाथ को अच्छे से साफ करें.

पूर्णियां: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच नवजात शिशु और छोटे बच्चों पर कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा मंडरा रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाएगा. नवजात शिशुओं के स्तनपान और छोटे बच्चों के पोषाहार को लेकर जिले के सभी 14 प्रखंडों के 234 पंचायतों में शनिवार से सर्वे अभियान चलाया जाएगा.

गांव में चलेगा जागरूकता अभियान
गांव में चलेगा जागरूकता अभियान

30 जून तक चलेगा कैंपेन

इसके लिए जिले के सिविल सर्जन मधुसूदन प्रसाद ने चिकित्सक समेत स्टाफ नर्स, एएनएम और आशा को कई अहम दिशा-निर्देश दिए हैं, जो 30 जून तक शहरी इलाके समेत सुदूर ग्रामीण बस्तियों में सर्वे अभियान चलाएंगे. मधुसूदन प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया साइट्स पर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं. इसके तहत कोरोना से संक्रमित मां के गर्भवती होने पर शिशुओं को भी कोरोना से संक्रमित बताया जा रहा है, जो बिल्कुल भ्रामक है.

देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि मां के गर्भ का आवरण बच्चों को हर खतरनाक वायरस से बचाने में सक्षम होता है. लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग के रियालिटी चेक में यह पूरी तरह फेक साबित हुआ है. जन्म के बाद नवजात शिशुओं को बचाने के लिए कई एहतियात की जरूरत होती है. इसे लेकर जिले के स्वास्थ्य महकमे की ओर से शहरी इलाकों के साथ ही सुदूर ग्रामीण बस्तियों में जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.

सभी प्रखंडों में सर्वेक्षण अभियान

वहीं, ऐसी महिलाएं जिनके गर्भधारण की तिथि नजदीक है और जिन्होंने नवजात को जन्म दिया है. 30 मई से 30 जून तक उनके लिए सर्वेक्षण अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान स्वास्थ्य महकमे की टीम प्रत्येक सप्ताह के शनिवार को जिले के सभी 14 प्रखंडों में सर्वेक्षण अभियान चलाएगी.

नवजात को मां का दूध जरूरी

ईटीवी भारत से बात करते हुए सिविल सर्जन ने बताया कि स्तनपान कराने से नवजात शिशु मृत्यु दर में 20 फीसद की कमी लाई जा सकती है. सिर्फ स्तनपान करने वाले शिशुओं में 11 फीसद मृत्यु की संभावना होती है. वहीं, 1 घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत के साथ ही 1 माह तक केवल स्तनपान जरूरी होता है. बच्चों को स्तनपान कराने से मां का दूध कई तरह के संक्रमण से बचाव करता है. मां के दूध में एंटीबॉडी होते हैं, जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.

बच्चे का रखें ख्याल

उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाएं जिन्होंने नवजात को जन्म दिया हो. कोरोना से जुड़े लक्षण महसूस होते ही बच्चे को दूध का सेवन बंद कर सबसे पहले कोरोना जांच कराएं ताकि बच्चे को इस संक्रमण से बचाया जा सके. वहीं, किसी स्थान को हाथ से छूने पर साबुन या सेनेटाइज से 40 सेकेंड तक हाथ को अच्छे से साफ करें.

Last Updated : May 30, 2020, 11:19 PM IST
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