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कोरोना से पिता की हुई मौत, बेटे ने कहा- 'सिस्टम के भरोसे रहेंगे तो सब मारे जाएंगे' - पूर्णिया में कोरोना से मौत

कोरोना का तांडव जारी है. ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था और सरकारी तंत्र पर सवाल उठ रहे हैं. पूर्णिया में एक बेटे ने अपने पिता को खो दिया. उसके बाद राज ने अपनी तकलीफ और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था का वीडियो बनाया है. वीडियो देखकर अस्पतालों का हाल समझना मुश्किल नहीं है.

death from corona in purnea
death from corona in purnea
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Published : Apr 29, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Apr 29, 2021, 1:41 PM IST

पूर्णियाः अपनों को खोने का दर्द, सही समय पर इलाज न मिल पाना, बेड की कमी और ऑक्सीजन का अभाव ये सब फिलहाल बिहारवासियों की नियति बन गई है. ऐसे में जब कोई अपना दुनिया को अलविदा कह दे तो इससे बड़ी पीड़ा कुछ और नहीं हो सकती. सोमवार की रात पूर्णिया के एक नीजि अस्पताल में कोरोना पीड़ित मरीज को भर्ती कराया गया, जिसकी मंगलवार की सुबह मौत हो गई. मरीज की हुई मौत के बाद उसके बेटे ने एक वीडियो बनाकर स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं. वीडियो में उसने बताया है कि किस तरह व्यवस्था की कमी ने उसके पिता की जान ले ली.

यह भी पढ़ें- उठो न पापा...कितना सोएंगे, ये कहकर दो दिनों तक उठाती रही मासूम, कोरोना से हो गई थी मौत

स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल
इस वीडियो में राज ने बताया है कि वह ऑक्सीजन के लिए इधर-उधर भटकता रहा लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली. विधायक व सांसद से भी भीख मांगी. वेंटिलेटर के अभाव में उसके पिता ने दम तोड़ दिया. उसके बेटे राज ने वीडियो में अपने पिता के शव को दिखाते हुए पूर्णिया के लोगों को चेतवानी दी कि जो भी करना है खुद से कीजिए. सिस्टम के भरोसे रहने से सब मारे जाएंगे. यहां व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है.

'मेरे पिता को छह डोज रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत थी. सिविल सर्जन से गुहार लगाने पर एक इंजेक्शन मिला. बाकि के इंजेक्शन के लिए 35 हजार रुपये के दर से देना पड़ा. मेरे पिता जन प्रतिनिधियों के साथ रहते थे. जरूरत पड़ने पर कोई सामने नहीं आया.'- राज, पीड़ित

'जो करना है खुद करना है'
राज ने भावुक होकर कहा कि चुनाव में बड़े -बड़े जनता से वादे किए जाते हैं, लेकिन उन वादों का कोई मतलब नहीं है. चुनाव में वोट मांगने के लिए नेता आते हैं वही लोग आज आपदा की इस घड़ी में दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे. राज ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी लचर है कि कोई भी इस आपदा को अवसर बना कर ठग रहा है. निजी अस्पताल वाले बिना किसी व्यवस्था के कोरोना मरीज को लेकर, लाखों का बिल बना रहे हैं और फिर ऐसे ही तड़पता छोड़ देते हैं.

यह भी पढ़ें- तेजस्वी यादव का छलका दर्द, कहा- 'इतना असहाय कभी अनुभव नहीं किया'

यह भी पढ़ें- सीएम नीतीश के मंत्री कोविड अस्पताल में संक्रमित मरीजों को खिलाएंगे मछली-भात

पूर्णियाः अपनों को खोने का दर्द, सही समय पर इलाज न मिल पाना, बेड की कमी और ऑक्सीजन का अभाव ये सब फिलहाल बिहारवासियों की नियति बन गई है. ऐसे में जब कोई अपना दुनिया को अलविदा कह दे तो इससे बड़ी पीड़ा कुछ और नहीं हो सकती. सोमवार की रात पूर्णिया के एक नीजि अस्पताल में कोरोना पीड़ित मरीज को भर्ती कराया गया, जिसकी मंगलवार की सुबह मौत हो गई. मरीज की हुई मौत के बाद उसके बेटे ने एक वीडियो बनाकर स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं. वीडियो में उसने बताया है कि किस तरह व्यवस्था की कमी ने उसके पिता की जान ले ली.

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स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल
इस वीडियो में राज ने बताया है कि वह ऑक्सीजन के लिए इधर-उधर भटकता रहा लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली. विधायक व सांसद से भी भीख मांगी. वेंटिलेटर के अभाव में उसके पिता ने दम तोड़ दिया. उसके बेटे राज ने वीडियो में अपने पिता के शव को दिखाते हुए पूर्णिया के लोगों को चेतवानी दी कि जो भी करना है खुद से कीजिए. सिस्टम के भरोसे रहने से सब मारे जाएंगे. यहां व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है.

'मेरे पिता को छह डोज रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत थी. सिविल सर्जन से गुहार लगाने पर एक इंजेक्शन मिला. बाकि के इंजेक्शन के लिए 35 हजार रुपये के दर से देना पड़ा. मेरे पिता जन प्रतिनिधियों के साथ रहते थे. जरूरत पड़ने पर कोई सामने नहीं आया.'- राज, पीड़ित

'जो करना है खुद करना है'
राज ने भावुक होकर कहा कि चुनाव में बड़े -बड़े जनता से वादे किए जाते हैं, लेकिन उन वादों का कोई मतलब नहीं है. चुनाव में वोट मांगने के लिए नेता आते हैं वही लोग आज आपदा की इस घड़ी में दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे. राज ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी लचर है कि कोई भी इस आपदा को अवसर बना कर ठग रहा है. निजी अस्पताल वाले बिना किसी व्यवस्था के कोरोना मरीज को लेकर, लाखों का बिल बना रहे हैं और फिर ऐसे ही तड़पता छोड़ देते हैं.

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Last Updated : Apr 29, 2021, 1:41 PM IST
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