पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया रेलवे जंक्शन पर उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया जब पूर्णिया से दिल्ली ले जाए जा रहे 10 बाल मजदूरों को रेस्क्यू कर मुक्त कराया गया. रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच की बताई जा रही है. साथ ही आरपीएफ की टीम ने मो. रागिब और मो. नाजिम नाम के दो दलालों को मौके से गिरफ्तार किया है. दोनों दलाल पूर्णिया के जलालगढ़ के बोज गांव के रहने वाले बताए जाते हैं.
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पूर्णिया जंक्शन से 10 बाल मजदूरों का रेस्क्यू: दोनों दलाल इन बच्चों को गुरुवार देर रात पूर्णिया जंक्शन से खुलने वाली सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली ले जाने वाले थे. बच्चों को दिल्ली स्थित एक भट्ठी में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था. देर रात बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने आरपीएफ को बच्चों की तस्करी की जानकारी दी. जिसके बाद आरपीएफ की टीम ने बच्चों को सकुशल दलालों के चंगुल से छुड़ा लिया. चाइल्ड लाइन पूर्णिया के सदस्य अजीत कुमार ने बताया कि बच्चों को रात 10:15 बजे खुलने वाली सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली ले जाने की तैयारी थी.
"हमें सूचना मिली कि बच्चों को दिल्ली ले जाया जा रहा था. दलाल काम कराने के लिए उन्हें लेकर जा रहे थे. बच्चों को दलालों के चंगुल से छुड़ा लिया गया है. आरपीएफ ने बच्चों को जीआरपी को सौंप दिया है."- अजित कुमार, चाइल्ड लाइन सदस्य
दो दलाल गिरफ्तार: चाइल्ड लाइन पूर्णिया की सूचना के बाद आरपीएफ की टीम ने एक्शन लिया. चाइल्ड लाइन और आरपीएफ ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाकर बच्चों को दलालों के चगुंल से मुक्त कराया. रेस्क्यू किए गए 10 में 7 बच्चों की पहचान हो गई है और उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है. वहीं 3 बच्चों के बारे में पता लगाया जा रहा है. बता दें कि बड़े-बड़े शहरों में बच्चों को मजदूरी की नियत से ले जाया जाता है. इसके लिए परिजनों को पैसे दिए जाते हैं या बच्चों को झांसे में लेकर दलाल ऐसा काम करते हैं.