पटना: बिहार के प्रमुख सियासी दलों में से एक लोजपा (LJP) के भीतर आग लगी है. इस आग के पीछे बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) का बड़ा हाथ माना जा रहा है. इसे लेकर राजद (RJD) के नेता बयान बाजी भी कर रहे हैं. कुछ नेता तो ये भी कह रहे हैं कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) को अब महागठबंधन में शामिल हो जाना चाहिए.
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लालू और तेजस्वी ने साधी चुप्पी
लेकिन, हर छोटी बड़ी बात पर सोशल मीडिया में कमेंट करने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) इन दिनों खामोश बैठे हैं. राजद के ये प्रमुख नेता चुपचाप लोजपा में चल रहे बड़े सियासी ड्रामे का तमाशा देख रहे हैं. उनकी तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि लोजपा में जो कुछ हो रहा है, उसके पीछे किसका हाथ है या चिराग पासवान को आगे क्या करना चाहिए.
असमंजस में क्यों है RJD?
चिराग पासवान और लोजपा को लेकर राजद के बड़े नेताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसे इस नजरिए से भी देखा जा रहा है कि ना तो लालू और ना ही तेजस्वी बिहार की सियासत में किसी और युवा नेता को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं. हालांकि, इसकी झलक तो पिछले विधानसभा चुनाव में ही दिख चुकी है, जब तमाम सियासी चालों के बीच भी तेजस्वी और चिराग के बीच दूरियां बनी रही.
'लोजपा में टूट के पीछे JDU-BJP का हाथ'
इस बारे में राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ''लोजपा में जो घमासान मचा है उसके पीछे जदयू और भाजपा का हाथ है. दूसरों के घर में आग लगाकर बीजेपी और जदयू खुद भी ज्यादा दिनों तक खुश नहीं रह पाएंगे.'' लेकिन, चिराग के महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर राजद नेता दो टूक कहते हैं कि क्या चिराग ने कभी ऐसा कोई ऑफर दिया है.
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'चिराग को लेकर सपना देख रही RJD'
बीजेपी नेता मृत्युंजय झा ने कहा कि ''लोजपा में जो कुछ भी हो रहा है, वह उसका अंदरूनी मामला है. लोजपा में जो कुछ हो रहा है, वह निश्चित तौर पर काफी अफसोस जनक है, लेकिन इसमें भाजपा का कहीं कोई रोल नहीं है.'' उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही लोजपा में सब कुछ सामान्य होगा और साथ ही ये भी कहा कि राजद चिराग को अपने साथ लाने का सपना देखना बंद करें.
प्रतिक्रिया देने से बच रहे RJD के प्रमुख नेता
ट्विटर और फेसबुक पर आम दिनों में बिहार के हर छोटे बड़े मुद्दे पर लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. लेकिन मजे की बात ये है कि लोजपा में मचे घमासान पर लालू, तेजस्वी और राबड़ी ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है. यही वजह है कि ये सवाल बिहार के सियासी गलियारे में गूंज रहा है कि लोजपा और चिराग को लेकर आखिर राजद असमंजस में क्यों है.
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5 सांसदों ने चिराग का साथ छोड़ा
बता दें कि 6 सांसदों वाली एलजेपी में बड़ी टूट हुई है. चिराग पासवान को छोड़कर सभी 5 सांसदों ने अलग गुट बना लिया है. इनमें पशुपति पारस, प्रिंस राज, वीणा देवी, चंदन कुमार सिंह और महबूब अली कैसर हैं. इनकी मांग पर लोकसभा अध्यक्ष ने पशुपति को संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता दे दी है. अब पार्टी अध्यक्ष पर भी पशुपति की ओर से दावेदारी की गई है. इस बीच चिराग पासवान अब खुलकर अपने चाचा पशुपति पारस से आर-पार के मूड में आ गए हैं. अपनी पार्टी को बचाने के लिए उन्होंने बेहद करीबी राजू तिवारी को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्ति किया है.