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पूर्णिया में लगा इकोफ्रेंडली राखी मेला, विदेशों से भी आ रही डिमांड - raksha bandhan muhurat

रक्षाबंधन का त्योहार हर भाई बहन के लिए खास होता है. लिहाजा बहन की ये पहली इच्छा होती है कि उसके भाई की कलाई सबसे सुंदर और यूनिक राखी से सजे. ऐसे में eco friendly rakhi के बीच भाई का हंसता चेहरा उस भी हो तो फिर क्या कहने. सबसे खास बात ये है कि आप डिमांड करें और बस 30 मिनट में मनपसंद राखी तैयार.

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Published : Aug 10, 2022, 3:42 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 1:31 PM IST

पूर्णिया: पूर्णिया में बिहार का ऐसा पहला राखी मेला (Bihar's first such Rakhi fair) लगा है, जहां पटुआ, संठी और धान से तैयार इकोफ्रेंडली और यूनिक राखी मिल रही है.शह र से लगे उफरैल चौक पर लगा यह राखी मेला अपनी तरह का यूनिक मेला है. यहां चारों तरफ राखी ही राखी है. मेले की खास बात ये है कि यहां मिलने वाली सारी राखी इकोफ्रेंडली हैं. इसे पटुआ, संठी और धान से तैयार किया गया है. इस राखी को स्थानीय स्तर पर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं (women with special training) ने तैयार किया है.

ये भी पढ़ें :- इस बार भाइयों की कलाई पर बंधेंगी 'बुलडोजर राखी', बाजारों में बनी आकर्षण का केंद्र

विदेश से भी आ रही डिमांड : इस तरह के अनूठे मेले से बेरोजगार बैठी दर्जनों महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिला है और साथ ही उनकी कला को पहचान मिली है. राखी मेले के आयोजक नेशनल अवार्डी पेंटर गुलू दा ने ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि बिहार में पहली बार इसका आयोजन किया गया है. पूर्णिया शिल्प कला की ओर से यह प्रयोग काफी सफल हुआ है. अब पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. सोशल मीडिया पर इस मेले से जुड़े पोस्ट को देखने के बाद न सिर्फ स्थानीय बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय भी उनसे कॉन्टेक्ट कर ऐसी राखी की डिमांड कर रहे हैं. राखी का स्टॉल संभाल रही महिलाओं ने बताया कि पहले हमलोग घर में बैठे रहते थे. मगर इस तरह के काम ने रोजगार पैदा किया है. अब हमलोग यहां पर राखी के साथ कई अन्य चीजें बनाना सीख रहे हैं और बना भी रहे हैं.

डिमांड इतनी ज्यादा है कि नहीं हो पा रही सप्लाई : यहां पर 30 रुपये से लेकर 150 रुपये तक की राखी उपलब्ध है. मार्केट में इसकी इतनी डिमांड है कि सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं. यहां पर 30 मिनट में भाई की तस्वीर वाली राखी आप बनवा सकते हैं. इसकी कीमत सिर्फ 80 रुपये है. इस सीजन में अब तक हम लोगों ने ऐसी 10 हजार राखी बेची है. लोग भी इसे काफी पसंद कर रहे हैं. मेले में आए खरीददार ऐसी यूनिक राखी को देखकर काफी उत्साहित दिखे. उन्होंने बताया कि वे सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देखकर यहां तक पहुंचे थे. खरीददारों ने बताया कि न सिर्फ ये राखी यूनिक और इकोफ्रेंडली है बल्कि लोकल फॉर वोकल का बेहतरीन उदाहरण है.

इकोफ्रेंडली राखी दिखाते लोग
इकोफ्रेंडली राखी दिखाते लोग

ये भी पढ़ें :- रक्षाबंधन के मौके पर बढ़ी सोने और चांदी की राखियों की डिमांड, जानिए क्या है कीमत

पूर्णिया: पूर्णिया में बिहार का ऐसा पहला राखी मेला (Bihar's first such Rakhi fair) लगा है, जहां पटुआ, संठी और धान से तैयार इकोफ्रेंडली और यूनिक राखी मिल रही है.शह र से लगे उफरैल चौक पर लगा यह राखी मेला अपनी तरह का यूनिक मेला है. यहां चारों तरफ राखी ही राखी है. मेले की खास बात ये है कि यहां मिलने वाली सारी राखी इकोफ्रेंडली हैं. इसे पटुआ, संठी और धान से तैयार किया गया है. इस राखी को स्थानीय स्तर पर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं (women with special training) ने तैयार किया है.

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विदेश से भी आ रही डिमांड : इस तरह के अनूठे मेले से बेरोजगार बैठी दर्जनों महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिला है और साथ ही उनकी कला को पहचान मिली है. राखी मेले के आयोजक नेशनल अवार्डी पेंटर गुलू दा ने ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि बिहार में पहली बार इसका आयोजन किया गया है. पूर्णिया शिल्प कला की ओर से यह प्रयोग काफी सफल हुआ है. अब पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. सोशल मीडिया पर इस मेले से जुड़े पोस्ट को देखने के बाद न सिर्फ स्थानीय बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय भी उनसे कॉन्टेक्ट कर ऐसी राखी की डिमांड कर रहे हैं. राखी का स्टॉल संभाल रही महिलाओं ने बताया कि पहले हमलोग घर में बैठे रहते थे. मगर इस तरह के काम ने रोजगार पैदा किया है. अब हमलोग यहां पर राखी के साथ कई अन्य चीजें बनाना सीख रहे हैं और बना भी रहे हैं.

डिमांड इतनी ज्यादा है कि नहीं हो पा रही सप्लाई : यहां पर 30 रुपये से लेकर 150 रुपये तक की राखी उपलब्ध है. मार्केट में इसकी इतनी डिमांड है कि सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं. यहां पर 30 मिनट में भाई की तस्वीर वाली राखी आप बनवा सकते हैं. इसकी कीमत सिर्फ 80 रुपये है. इस सीजन में अब तक हम लोगों ने ऐसी 10 हजार राखी बेची है. लोग भी इसे काफी पसंद कर रहे हैं. मेले में आए खरीददार ऐसी यूनिक राखी को देखकर काफी उत्साहित दिखे. उन्होंने बताया कि वे सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देखकर यहां तक पहुंचे थे. खरीददारों ने बताया कि न सिर्फ ये राखी यूनिक और इकोफ्रेंडली है बल्कि लोकल फॉर वोकल का बेहतरीन उदाहरण है.

इकोफ्रेंडली राखी दिखाते लोग
इकोफ्रेंडली राखी दिखाते लोग

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Last Updated : Aug 11, 2022, 1:31 PM IST
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