पूर्णिया: आयुष्मान भारत योजना में सीमांचल के एम्स के नाम से मशहूर पूर्णिया सदर अस्पताल ने बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में अव्वल दर्जा हासिल किया है. अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना के शुरुआती दिनों से ही बिहार के तमाम अस्पतालों को पछाड़े रखा. अस्पताल को इस सुनहरी उपलब्धि के लिए डिप्टी सीएम सुशील मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के हाथों 'बेस्ट परफार्मिंग अवॉर्ड' से नवाजा गया है.
'रणनीति के तहत टीम बनाकर किया काम'
इस उपलब्धि के बाद से सदर अस्पताल प्रबंधन फूला नहीं समा रहा. अपनी इस अचीवमेंट पर सदर अस्पताल के सीएस ने कहा कि इस उपलब्धि के बाद उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि सीमांचल में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की खासी तादाद है. हर साल हजारों लोग पैसे की कमी से इलाज के आभाव में अपनी जान गंवा देते हैं. लिहाजा योजना की शुरुआत से ही मैंने जरूरतमंदों तक इसका लाभ पहुंचाने की रणनीति बनाई और टीम बनाकर काम किया. वहीं गोल्डन कार्ड बनवाने के साथ ही क्लेम दिलवाने तक में हम पुरजोर तरीके से लगे रहे.
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डाटा ऑपरेटर को बेस्ट परफॉर्मर अवॉर्ड
आयुष्मान भारत के एक साल पूरे होने पर राजधानी पटना में अस्पताल प्रबंधन को सम्मानित किया. डिप्टी सीएम सुशील मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पूर्णिया सदर अस्पताल प्रबंधन की तारीफ करते हुए आयुष्मान भारत योजना के डाटा ऑपरेटर महबूब को भी PMAM के बेस्ट पेरफॉर्मेर अवार्ड से नवाजा गया.
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'समर्पित होकर सेवा के लिए तैयार'
आयुष्मान मित्र और अवार्ड विजेता मो महबूब आलम ने कहा कि मेरे इस सम्मान में सीएस मधुसूदन प्रसाद से लेकर अधीक्षक इंद्र नारायण झा साथ ही मैनेजर शिल्पी चौधरी का विशेष योगदान है. महबूब ने कहा कि काम के वक्त ड्यूटी टाइम की फिक्र न कर समर्पित होकर सेवा के लिए तैयार रहना चाहिए. हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों के कार्ड खोलने के लिए यहां आने वाले लोगों को सहूलियत दी. साथ ही घर-घर जाकर लोगों को योजना की जानकारी दी. कई लोगों को घर से सदर अस्पताल लेकर आए, उनका कार्ड बनाया गया.
4 हजार से अधिक लाभुकों का बना गोल्डन गार्ड
प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को केंद्र में रखते हुए पूर्णिया सदर अस्पताल में 4 हजार से भी अधिक लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया गया. गोल्डन कार्ड के जरिए कार्डधारी किसी भी सरकारी अस्पताल या पैनल में शामिल निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकता है. इलाज के एवज में लाभुक को कोई व्यक्तिगत खर्च नहीं देना होता है.
अबतक 4178 लोगों का बना गोल्डन कार्ड
पूर्णियां सदर अस्पताल में अबतक 4178 लोगों का गोल्डन कार्ड बना है. इनमें से 905 लाभुकों ने अपना इलाज कराया है. जिसके लिए तकरीबन साढ़े 36 लाख का क्लेम आया है. वहीं सबसे खास बात यह है कि 36 लाख 45 हजार 190 रुपए के इस क्लेम में 16 लाख से अधिक रुपए का क्लेम अस्पताल को मिल भी चुका है.